स्थानीय लोगों ने बताया कि यह ठेका जमालपुर के नाम पर लिया गया है, लेकिन जौकाबाद में संचालित हो रहा है, जो घनी आबादी वाला क्षेत्र है। ठेके की वजह से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बना रहता है, जिससे महिलाओं और बच्चियों को घर से निकलने में दिक्कत होती है और छोटे बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
प्रदर्शन की सूचना पर तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव, कोतवाल संतोष कुमार सिंह और आबकारी निरीक्षक मुकेश कुमार मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि, महिलाएं ठेका हटाने की अपनी मांग पर अड़ी रहीं।
इस दौरान माहौल तब तनावपूर्ण हो गया जब आबकारी निरीक्षक ने ठेका उसी स्थान पर संचालित करने की बात कही। इससे आक्रोशित महिलाओं ने उनकी गाड़ी का घेराव कर लिया। अंततः तहसीलदार व कोतवाल ने स्थिति संभालते हुए प्रदर्शनकारियों को वार्ता के लिए थाने चलने को कहा, जिसके बाद आबकारी निरीक्षक वहां से रवाना हुए।
प्रदर्शन के दौरान एक वृद्धा भावुक होकर आबकारी निरीक्षक की गाड़ी के सामने खड़ी हो गई और बच्चों के भविष्य की दुहाई देते हुए ठेका हटवाने की गुहार लगाई। वृद्धा के अनुसार शराब के नशे की लत के चलते वह अपने पति को खो चुकी है, अब वह बच्चों को इस दलदल में पड़ते नहीं देखना चाहती।यह मार्मिक दृश्य देखकर कई लोग भावुक हो उठे।
बाद में थाने पहुंचे स्थानीय निवासियों, उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, आबकारी निरीक्षक और कोतवाल के बीच वार्ता हुई, जिसमें नियमानुसार कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया।
गौरतलब है कि 21 मार्च को भी महिलाओं ने इसी ठेके के खिलाफ प्रदर्शन किया था और 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था। बावजूद इसके ठेका न हटाए जाने से लोगों में रोष व्याप्त है।
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