उतरौला बलरामपुर - जिले में सबसे पुरानी तहसील उतरौला में स्थित होने के कारण ये एतिहासिक रुप से गिना जाता है। यह बुनियादी सुविधाओं की कमीहोने के कारण यह जूझ रहा है। यहां पर आदर्श नगर पालिका परिषद द्वारा नगर के विकास के लिए अनेक योजनाएं बनाई जाती हैं,लेकिन महिला ओं और बेटियों की बुनि यादी जरूरतों को पूरा करने में यह नाकाफी साबित हो रही हैं। नगर के सबसे व्यस्त इलाकों जैसे डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा, डॉ क्टर भीमरावअम्बेडकर चौराहा, बस स्टेशन, गोण्डा मोड़ तिराहा, दुःख हरण नाथ मन्दिर और बलरामपुर तिराहा पर सार्वजनिक शौचाल यों का अभाव है। ये स्थान प्रतिदिन हजारों संख्या में लोगों, खास कर महिलाओं और बच्चियों की आवाजाही के प्रमुख केन्द्र हैं। शॉपिंग, मन्दिर दर्शन, और अन्य कार्यों के लिए घंटों घंटों बाजार में समय बिताने के दौरान महिलाओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। स्थानीय महिलाओं का कहना है कि बाजार में घंटों घूमने के दौरान उन्हें सार्वजनिक शौचा लयों की कमी के कारण असुविधा झेलनी पड़ती है। एक स्थानीय महिला शारदा देवी का कहना हैं कि बाजार में खरीदारी करते समय कई बार हमें लम्बे समय तक रुकना पड़ता है, लेकिन शौचालय न होने के कारण हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी तरह कॉलेज जाने वाली एक छात्रा नेहा गुप्ता ने बताया कि शहर के प्रमुख स्थानों पर सार्वजनिक शौचालय का न होने से महिलाओं को काफी समस्या होती है। कई बार हमें घर लौटने तक ही इंतजार करना पड़ता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी नुकसान दायक हो सकता है। आदर्श नगर पालिका परिषद की ओर से बार-बार बजट और योजनाओं का हवाला दिया जाता है, लेकिन इन योजनाओं में सार्वजनिक शौचालय निर्माण को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। कई बार नागरिकों ने इन स्थानों पर शौचालय निर्माण की मांग की है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण यह समस्या जस की तस बनी हुई है। सार्वजनिक शौचालय के न होने से महिलाओं को कई बार अस्वस्थ और असुविधा जनक स्थितियों का सामना करना पड़ता है। यह न केवल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, बल्कि स्वच्छता और सम्मान से जीने के अधिकार का भी हनन होता है। नगर के जागरूक नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने आदर्श नगर पालिका से अपील की है कि वे प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालयों का निर्माण कराएं। इस के साथ ही इन शौचालयों की साफ़ सफाई और रख रखाव की उचित व्यवस्था भी की जाए। महिलाओं की इस बुनियादी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, आदर्श नगर पालिका परिषद को तुरन्त सार्वजनिक शौचालय निर्माण की दिशा में कदम उठाना चाहिए। यह समस्या न केवल महिलाओं की सुविधा से जुड़ी है, बल्कि यह शहर की स्वच्छता और मूल भूत विकास से भी सम्बंधित है। यदि प्रशासन के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो महिलाओं और बच्चियों की समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं जिससे उनकी दैनिक गतिविधियों पर नकारात्मक रुप से प्रभाव पड़ सकता है। नगर के विकास के लिए यह भी जरूरी है कि सभी वर्गों के जरूरतों को समान महत्व दिया जाए।

          हिन्दी संवाद न्यूज से
         असगर अली की खबर
           उतरौला बलरामपुर। 

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