उतरौला बलरामपुर -मानवता के हित में काम करने वाले लोगों की मदद करने का अदभुत जज्बा लेकर लोगों के दिलों में स्थान बनाने वाले आर एस वी फाउंडेशन के अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा के नेतृत्व में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन अयोध्या से आगे कथा वाचक सर्वेश जी महाराज ने मानवता के विभिन्न रूपों का वर्णन किया। आर एस वी ग्रुप के चेयरमैन राधेश्याम वर्मा और उनकी धर्म पत्नी मुख्ययजमान के रूप में है। कथा का आयोजन उतरौला के श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे पर तीन दिनों से चल रहा है।कथा वाचक सर्वेश जी महाराज ने कहा कि मनुष्य का जीवन बार-बार नहीं आता है। कल युग में दया धर्म का पालन करने से मनुष्य को मोक्ष प्राप्त होता है।  उन्होंने यह भी बताया कि भक्ति में दिखावा नहीं होना चाहिए। जड़ भारत का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जड़ भारत का प्रकृति नाम भरत है जो पूर्व जन्म ऋषभदेव के पुत्र थे। उन्होंने यह भी कहा कि जीवन को सफल बनाने के लिए कथा का श्रवण करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। श्रीमद् भागवत कथा के समा पन के अवसर पर आर एस वी ग्रुप के चेयर मैन राधेश्याम वर्मा ने लोगों से कहा कि भक्ति, भजन और श्रद्धा से ईश्वर के सामने शीश नवाने से हमारे भीतर दया और करुणा की भावना आती है। जीवो पर दया करना हम सभी के लिए आवश्यक है। श्रीमद भागवत कथा के दौरान डाक्टर घनश्याम वर्मा डॉक्टर रमाकांत वर्मा, राम चन्द्र जायसवाल, डाक्टर सी पी सिंह , दुर्गेश कुमार पाण्डेय, मनोज कुमार कसेरा, दुःख हरण नाथ मन्दिर के महन्त मयांक गिरी महाराज, तिलक राम यादव, तिवारी जी, राजा गुप्त, श्याम नरायण वर्मा, मुकेश मिश्रा, सन्तोष कुमार कसौधन, सन्तोष कुमार सोनी, मनोज कुमार सोनी, अजय कुमार चौरसिया, गुड्डू गुप्ता, नरेन्द्र कुमार पटवा, सन्तोष कुमार, श्रवण कुमार सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

        हिन्दी संवाद न्यूज से
       असगर अली की खबर
        उतरौला बलरामपुर। 

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