मुख्यमंत्री ने चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के कार्याें की समीक्षा की
किसान सरकार की प्राथमिकता में, इनके हितों
के प्रति पूरी गम्भीरता से काम किया जाना चाहिए: मुख्यमंत्री
प्रत्येक जनपद में मास्टर ट्रेनर के माध्यम से गन्ना किसानों का प्रशिक्षण
कराया जाए, इसमें स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्रों को भी जोड़ा जाए
टिश्यू कल्चर पद्धति से गन्ने की नई प्रजाति का बीज तैयार कराया जाए, जिससे
नई गन्ना प्रजातियों का आच्छादन तेजी से हो, गन्ना उत्पादकता में भी वृद्धि हो सके
गन्ना शोध परिसर शाहजहांपुर, सेवरही व मुजफ्फरनगर का
सुदृढ़ीकरण कराया जाए, तकनीकी स्टाफ एवं वैज्ञानिकों आदि की
व्यवस्था करते हुए इनका प्रभावी संचालन सुनिश्चित कराया जाए
गन्ना फसलों में कीट व बीमारियों के रोकथाम के लिए प्रभावी
व्यवस्था बनाई जाए तथा ससमय इसका नियंत्रण किया जाए
सहकारी चीनी मिलों में प्रबन्धन की जवाबदेही तय
करते हुए इसे लाभ में लाने के निरन्तर प्रयास किए जाएं
विगत 08 वर्ष में 46.50 लाख किसानों को अब
तक 2,80,223 करोड़ रु0 का गन्ना मूल्य भुगतान
चीनी मिलों को इंटीग्रेटेड शुगर कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित कराया जाए
चीनी मिलों में गन्ना किसानों के लिए बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए,
इसके लिए सम्बन्धित सहकारी गन्ना विकास समितियों का दायित्व भी निर्धारित किया जाए
लखनऊ: 19 मार्च, 2025इसके लिए सम्बन्धित सहकारी गन्ना विकास समितियों का दायित्व भी निर्धारित किया जाए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के कार्याें की समीक्षा की। विभागीय प्रगति से अवगत होते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसान सरकार की प्राथमिकता में हैं। इनके हितों के प्रति पूरी गम्भीरता से काम किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक जनपद में मास्टर ट्रेनर के माध्यम से गन्ना किसानों का प्रशिक्षण कराया जाए। इसमें स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्रों को भी जोड़ा जाए। चीनी मिलों द्वारा टिश्यू कल्चर पद्धति से गन्ने की नई प्रजाति का बीज तैयार कराया जाए, जिससे नई गन्ना प्रजातियों का आच्छादन तेजी से हो सके और गन्ना उत्पादकता में भी वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गन्ना शोध परिसर शाहजहांपुर, सेवरही व मुजफ्फरनगर का सुदृढ़ीकरण कराया जाए। तकनीकी स्टाफ एवं वैज्ञानिकों आदि की व्यवस्था करते हुए इनका प्रभावी संचालन सुनिश्चित कराया जाए। गन्ना फसलों में कीट व बीमारियों के रोकथाम के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाई जाए तथा ससमय इसका नियंत्रण किया जाए, जिससे गन्ना उत्पादकता व उत्पादन में वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सहकारी चीनी मिलों में प्रबन्धन की जवाबदेही तय करते हुए इसे लाभ में लाने के निरन्तर प्रयास किए जाएं। सहकारी चीनी मिल संघ व उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम की संचालित चीनी मिलों में स्वच्छ छवि वाले अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि चीनी मिलें निरन्तर लाभप्रदता की स्थिति में आ सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि चीनी मिलों को इंटीग्रेटेड शुगर कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चीनी मिलों में गन्ना किसानों के लिए बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके लिए सम्बन्धित सहकारी गन्ना विकास समितियों का दायित्व भी निर्धारित किया जाए। गन्ना समितियां किसानों के बैठने, पेयजल एवं सस्ती कैंटीन खुलवाने का भी कार्य करें। सहकारी गन्ना विकास समितियों के भवनों का जीर्णोद्धार किया जाए तथा प्रगतिशील गन्ना किसानों को कार्यक्रमों में सम्मानित भी किया जाए। उन्होंने गन्ना समितियों के माध्यम से पूर्व से संचालित विद्यालयों की मरम्मत व
सुदृढ़ीकरण पर भी जोर दिया। गन्ना विकास समितियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों का लोकार्पण जनप्रतिनिधियों से कराया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पेराई सत्र 2024-25 में अब तक गन्ना किसानों को 23,173 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है, जो कुल देय का 82 प्रतिशत है। वहीं विगत 08 वर्ष में 46.50 लाख किसानों को अब तक 2,80,223 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। यह वर्ष 1995 से मार्च 2017 (22 वर्ष) में हुए कुल भुगतान से 66,703 करोड़ रुपये अधिक है।
इस अवसर पर चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी समेत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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