मुख्यमंत्री ने न्यूज चैनल भारत समाचार द्वारा आयोजित
महाकुम्भ-2025 के स्वच्छताकर्मियों के सम्मान समारोह को सम्बोधित किया

मुख्यमंत्री ने स्वच्छताकर्मियों पर पुष्प वर्षा की तथा उन्हें सम्मानित किया

स्वच्छताकर्मियों ने महाकुम्भ-2025 की नींव को सुदृढ़ करने का प्रयास किया, परिणामस्वरूप भव्य और दिव्य महाकुम्भ का आयोजन सम्भव हो सका : मुख्यमंत्री

सामूहिक भाव से प्रयास करने से कोई भी आयोजन सफलता के शिखर पर पहुंचता

महाकुम्भ-2025 ने देश-विदेश के हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया, महाकुम्भ का आयोजन भारत की हजारों वर्षों की विरासत का हिस्सा

जो भी महाकुम्भ आया, उसने यहां की स्वच्छता और सुरक्षा की प्रशंसा अवश्य की

प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप महाकुम्भ का आयोजन श्रद्धालुओं के अन्तःकरण को संतुष्टि देने वाला, इस संतुष्टि का पैमाना स्वच्छता और अच्छा व्यवहार

महाकुम्भ में करोड़ों श्रद्धालुओं ने उत्तम व्यवस्था के साथ आस्था की पावन डुबकी लगायी, श्रद्धालु महाकुम्भ आयोजन को अपने घर का आयोजन समझकर सहभागी बने

महाकुम्भ मानवता का अब तक का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और धार्मिक
समागम, यह क्राउड मैनेजमेंट का बहुत अच्छा उदाहरण माना जा सकता

इस आयोजन के माध्यम से आस्था और आजीविका का अद्भुत संगम देखने को मिला

प्रधानमंत्री जी ने ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के माध्यम से
देश की नदी संस्कृति को पुनर्जीवित करने का कार्य किया

आयोजन सम्पन्न होने के पश्चात 27 फरवरी को प्रयागराज में माँ गंगा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए स्वच्छता कार्यक्रम में सहभाग किया : मुख्यमंत्री

यदि आप अपने क्षेत्र में पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करेंगे,
तो समाज प्रत्येक परिस्थिति में आपके साथ खड़ा होगा

प्रत्येक परिस्थिति का सामना करते हुए अपने बच्चों को अवश्य पढ़ाएं

कार्य कोई छोटा और बड़ा नहीं होता, व्यक्ति की सोच उसे छोटा
और बड़ा बनाती, पवित्र भाव से कार्य करना ही ईश्वरीय आराधना

लखनऊ : 11 मार्च, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सामूहिक भाव से प्रयास करने से कोई भी आयोजन सफलता के शिखर पर पहुंचता है। सामूहिक प्रयास को जब हम सकारात्मक भाव से देखते हैं, तो समाज के लिए एक प्रेरणा बन जाती है। समाज आगे बढ़ता है। महाकुम्भ का आयोजन भारत की हजारों वर्षों की विरासत का हिस्सा है। महाकुम्भ-2025 ने देश-विदेश के हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया। यह अकल्पनीय, अविस्मरणीय और अद्भुत क्षण था। उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें इस आयोजन के साथ नजदीक से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री जी आज यहां न्यूज चैनल भारत समाचार द्वारा आयोजित, महाकुम्भ-2025 के स्वच्छताकर्मियों के सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छताकर्मियों पर पुष्प वर्षा की तथा उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि अक्सर कार्य सम्पन्न होने के पश्चात प्रत्येक व्यक्ति अपनी राह पर आगे बढ़ जाता है। समय बीतने पर नींव के पत्थरों को विस्मृत कर दिया जाता है। स्वच्छताकर्मियों ने महाकुम्भ-2025 की नींव को सुदृढ़ करने का प्रयास किया। परिणामस्वरूप प्रयागराज में महाकुम्भ का भव्य और दिव्य आयोजन सम्भव हो सका। उन्होंने महाकुम्भ के स्वच्छताकर्मियों के सम्मान समारोह के आयोजन के लिए भारत समाचार को बधाई देते हुए कहा कि यह पहला मीडिया संगठन है, जिसने प्रदेश सरकार के पश्चात महाकुम्भ के स्वच्छताकर्मियों को सम्मानित किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सैकड़ों वर्षों से देश से बाहर रह रहे भारतीयों के मन में महाकुम्भ में स्नान की तीव्र उत्कंठा थी। उनकी इस आस को प्रयागराज महाकुम्भ ने पूरा किया। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन सहित दुनिया के अनेक देशों के लोग अपने वृद्ध माता-पिता को महाकुम्भ का दर्शन कराने के लिए निरन्तर सम्पर्क कर रहे थे। देखते ही देखते प्रयागराज में श्रद्धालुओं की संख्या 66 करोड़ 30 लाख से अधिक पहुंच गई। जो भी महाकुम्भ आया, उसने यहां की स्वच्छता और सुरक्षा की प्रशंसा अवश्य की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुरूप महाकुम्भ का आयोजन श्रद्धालुओं के अन्तःकरण को संतुष्टि देने वाला था। इस संतुष्टि का पैमाना स्वच्छता और अच्छा व्यवहार था। महाकुम्भ में तैनात किये गये प्रत्येक कर्मचारी को प्रत्येक परिस्थिति में श्रद्धालुओं से सद्व्यवहार के लिए प्रशिक्षित किया गया था। अतिथियों का सम्मान हमारे लिए गौरव का विषय होता है। लेकिन यदि स्वयं के घर में कुछ अतिरिक्त व्यक्ति आ जाएं तो अव्यवस्था का माहौल उत्पन्न हो जाता है। महाकुम्भ में करोड़ों श्रद्धालुओं ने उत्तम व्यवस्था के साथ आस्था की पावन डुबकी लगायी। मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। पौष पूर्णिमा को 1.5 करोड़ श्रद्धालु आये थे। 28, 29 और 30 जनवरी को तीन दिनों में 15 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज आये। माघ पूर्णिमा के दिन लगभग 02 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर पुण्य प्राप्त किया। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक कोई दिन ऐसा नहीं था, जब 01 करोड़ लोगों ने आस्था की डुबकी न लगायी हो। यह संख्या बताती है कि देश-दुनिया का श्रद्धालु महाकुम्भ में महास्नान के लिए अत्यन्त उत्साहित थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनता महाकुम्भ में स्नान कर इसके खिलाफ दुष्प्रचार करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दे रही थी। प्रदेश सरकार द्वारा प्रयास किया गया था कि संगम स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ज्यादा पैदल न चलना पड़े। पार्किंग के लिए 05 हजार एकड़ क्षेत्र आरक्षित किया गया था। श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक होने की वजह से पार्किंग स्थल फुल हो चुके थे। जिस कारण वाहनों को अन्यत्र पार्क करने की व्यवस्था की गयी, जिससे श्रद्धालुओं को थोड़ा अधिक पैदल चलना पड़ा। उन्होंने पैदल चलकर माँ गंगा, माँ यमुना और माँ सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त किया तथा व्यवस्था को अपना आशीर्वाद देकर अपने गंतव्य को प्रस्थान किया। यही सनातन धर्म का कृतज्ञता ज्ञापित करने का भाव है। भारत समाचार इस भाव को इन सफाईकर्मियों के सम्मान के माध्यम से व्यक्त कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी श्रद्धालु महाकुम्भ आयोजन को अपने घर का आयोजन समझकर सहभागी बने। वर्ष 2019 के कुम्भ में लगभग 24 करोड़ श्रद्धालु सम्मिलित हुए थे। महाकुम्भ-2025 में उससे तीन गुना अधिक श्रद्धालु आये। यह मानवता का अब तक का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और धार्मिक समागम बनकर देश और दुनिया को बहुत कुछ प्रदान कर चुका है। यह क्राउड मैनेजमेंट का बहुत अच्छा उदाहरण माना जा सकता है। इस आयोजन के माध्यम से आस्था और आजीविका का अद्भुत संगम देखने को मिला है। अनेक लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है। जो भी श्रद्धालु जिस मंशा से प्रयागराज आया, उसकी वह मंशा वहां पूर्ण हुई। महाकुम्भ अपनी अमिट छाप छोड़ते हुए आने वाली पीढ़ियों को नयी प्रेरणा प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के माध्यम से देश की नदी संस्कृति को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आयोजन सम्पन्न होने के पश्चात उन्होंने 27 फरवरी को प्रयागराज में माँ गंगा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए स्वच्छता कार्यक्रम में सहभाग किया। माँ गंगा तथा माँ यमुना की स्वच्छता के लिए अभियान चलाया गया। दर्शन-पूजन के कार्यक्रम के बाद ‘श्रमेव जयते’ के भाव से कार्य करने वाले स्वच्छताकर्मियों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए उनका सम्मान कर उनके साथ सहभोज किया। न्यूनतम वेतन के लिए उनके द्वारा की जा रही मांग को पूर्ण करते हुए इसे शीघ्र लागू करने की व्यवस्था की जा रही है। इस दौरान स्वच्छताकर्मियों को बोनस प्रदान करने की भी घोषणा की गयी।
मुख्यमंत्री जी ने स्वच्छता तथा संविदाकर्मियों का आह्वान करते हुए कहा कि प्रत्येक परिस्थिति का सामना करते हुए अपने बच्चों को अवश्य पढ़ाएं। यदि किसी कारणवश स्वयं में कोई बुराई आ गयी है, तो इससे अपने बच्चों को दूर रखते हुए स्कूल अवश्य भेजें। कार्य कोई छोटा और बड़ा नहीं होता। व्यक्ति की सोच उसे छोटा और बड़ा बनाती है। पवित्र भाव से कार्य करना ही ईश्वरीय आराधना है। संत रविदास जी ने कर्म साधना को महत्व देते हुए कहा था कि ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’। सामान्य चर्म कार्य से जुड़कर उन्होंने उत्तम सोच व विचार को प्रधानता दी। यदि आपका मन स्वच्छ है तो माँ गंगा आपकी भेंट सहर्ष स्वीकार कर लेती हैं। लेकिन यदि आप विकृत मानसिकता के साथ माँ गंगा के पास जा रहे हैं, तो वह कभी आपकी भेंट स्वीकार नहीं करेंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि आप अपने क्षेत्र में पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करेंगे, तो समाज प्रत्येक परिस्थिति में आपके साथ खड़ा होगा। इसका उदाहरण आपने महाकुम्भ-2025 के दौरान प्रस्तुत किया है। प्रदेश सरकार ने आस्था को आर्थिकी के साथ जोड़ने के लिए एक वृहद अभियान को आगे बढ़ाया। महाकुम्भ के आयोजन से प्रयागराज शहर की विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में भी सहायता प्राप्त हुई है। यह प्राचीन और पौराणिक नगरी अब एक नये कलेवर के रूप में दिखायी दे रही है। प्रयागराज में 14 नये फ्लाईओवर तथा 09 अण्डरपास निर्मित किये गये हैं। 200 से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण किया गया है। 09 कॉरिडोर बनाये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महर्षि भारद्वाज के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए उनके नाम का एक नया कॉरिडोर बनाया गया है। कॉरिडोर बनाकर अक्षयवट को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। माँ गंगा प्रत्येक वर्ष एक बार श्री बड़े हनुमान जी मन्दिर का जलाभिषेक अवश्य करती हैं। श्री बड़े हनुमान जी मन्दिर से सम्बन्धित कॉरिडोर का भी निर्माण किया गया है। प्रयागराज में माँ सरस्वती अपने कूप में आध्यात्मिक रूप से उपस्थित हैं। माँ सरस्वती कूप को कॉरिडोर के साथ जोड़ा गया है। भगवान श्रीराम और निषादराज की मित्रता को प्रदर्शित करने वाले श्रृंग्वेरपुर में कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। नागवासुकि कॉरिडोर के साथ-साथ प्रयागराज के इष्टदेव भगवान बेनीमाधव से सम्बन्धित कॉरिडोर का भी निर्माण किया गया है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, एडिटर इन चीफ भारत समाचार श्री ब्रजेश मिश्रा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर, सी0ई0ओ0 भारत समाचार श्री वीरेन्द्र सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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