मुख्यमंत्री ने प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाए जाने के प्रयासों और अब तक के परिणामों तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट आवंटन व उसके सापेक्ष हुए व्यय की स्थिति की समीक्षा की

जनहित में जारी विभिन्न परियोजनाओं की मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के आधार अद्यतन प्रगति पर विभागवार समीक्षा की

वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की सफलता के लिए हर विभाग को अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा, विभाग अपने पोटेंशियल को पहचानें, नए आयामों को विस्तार दें : मुख्यमंत्री

अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्तर पर विभागवार तय लक्ष्यों की समीक्षा हर 15 दिन में की जाए तथा मंत्री स्तर पर मासिक समीक्षा हो

मरीजों की सुविधा और डॉक्टरों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाया जाए

आयुष्मान भारत योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत पंजीकृत किसी भी अस्पताल का बकाया न रखा जाए

प्रयागराज महाकुम्भ ने प्रदेश के हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बूस्ट किया, अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ा, इस वर्ष जी0डी0पी0 के अन्तिम आंकड़ों को तैयार करते समय महाकुम्भ से जुड़े डाटा को जरूर शामिल किया जाए

ऊर्जा विभाग के शीर्ष अधिकारी फील्ड पर उतरें, सभी डिस्कॉम की नियमित अन्तराल पर समीक्षा करें, उपभोक्ताओं की समस्याओं का यथोचित निस्तारण कराएं

अधिकारीगण सप्ताहांत का उपयोग फील्ड विजिट के लिए करें

प्रदेश के सभी शासकीय कार्मिकों को ’मिशन कर्मयोगी’ से जोड़े जाने के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जाए

वर्तमान सरकार के 08 वर्ष पूरे होने के अवसर पर सभी जिलों में 03 दिवसीय मेले का आयोजन किया जाए, सभी विभाग अपने प्रयासों/उपलब्धियों के बारे प्रदर्शनी लगाएं, लोककल्याणकारी योजनाओं से वंचित लोगों को इसका लाभ दिलाया जाए, जन आरोग्य मेला, ऋण मेला आदि का आयोजन हो


लखनऊ : 16 मार्च, 2025


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाये जाने के लक्ष्य के लिए जारी प्रयासों और अब तक के परिणामों की समीक्षा की। विभागवार हुई इस समीक्षा में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिवगण की उपस्थिति रही। विभागीय अधिकारियों ने बारी-बारी से अपने वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी लक्ष्य के सापेक्ष अपने विभागों में हो रहे प्रयासों और अद्यतन प्रगति के बारे में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया और मुख्यमंत्री जी का मार्गदर्शन प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री जी ने बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट आवंटन व उसके सापेक्ष हुए व्यय की स्थिति की भी समीक्षा की। साथ ही, जनहित में जारी विभिन्न परियोजनाओं की मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के आधार अद्यतन प्रगति पर भी विभागवार चर्चा की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 अब समाप्ति की ओर है। कुछ विभागों में आवंटन के सापेक्ष व्यय की स्थिति संतोषजनक नहीं है। सम्बन्धित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिवगण से इसमें तेजी की अपेक्षा है। मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त द्वारा इन विभागों की समीक्षा की जाए और स्थिति में सुधार के ठोस प्रयास किए जाएं।
जनहित में जहां भी नीतिगत सुधार आवश्यक होगा, सरकार करने को तैयार है। नीतिगत जड़ता की स्थिति नहीं होनी चाहिए। जिस भी व्यवस्था से आम लोगों को सुविधा हो, इसके लिए नीतियों में बदलाव करें, रिफॉर्म करें, सरलीकरण करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की सफलता के लिए हर विभाग को अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा। अपने पोटेंशियल को पहचानें, नए आयामों को विस्तार दें। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्तर पर विभागवार तय लक्ष्यों की समीक्षा हर 15 दिन में की जाए तथा मंत्री स्तर पर मासिक समीक्षा हो। समीक्षा बैठक में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति, अपनायी गई रणनीति और प्रभावों के हर पहलू पर विचार किया जाए और बेहतरी के लिए कार्ययोजना बनाकर लागू करें।
स्वास्थ्य सेक्टर से हर व्यक्ति प्रभावित होता है। इसमें व्यापक सुधार की आवश्यकता है। हर व्यक्ति को समय पर और कम खर्च में इलाज सुलभ हो सके, यही प्राथमिकता होनी चाहिए। मरीजों की सुविधा और डॉक्टरों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत पंजीकृत किसी भी अस्पताल का बकाया न रखा जाए। यह सुनिश्चित करें कि आयुष्मान कार्डधारक मरीज के इलाज के बाद अधिकतम 01 माह के भीतर नियमानुसार अस्पताल का भुगतान कर दिया जाना चाहिए। नए अस्पतालों को इम्पैनल करें। आवश्यकता अनुसार इम्पैनलमेण्ट नियमों को सरल बनाएं और व्यावहारिकता का ध्यान रखें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सतत प्रयासों से आज प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इन सभी का सुचारु संचालन हो, आम जन को सुलभ चिकित्सा सुविधा मिल सके, इसके लिए मेडिकल कॉलेजों की नियमित मॉनीटरिंग की जानी चाहिए। डॉक्टर की हर समय उपलब्धता हो, दवाओं की कमी न रहे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ के आयोजन ने प्रदेश के हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बड़ा बूस्ट किया है। अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ा है। इस वर्ष जी0डी0पी0 के अन्तिम आंकड़ों को तैयार करते समय महाकुम्भ से जुड़े डाटा को जरूर शामिल किया जाए।
ऊर्जा विभाग के शीर्ष अधिकारी फील्ड में उतरें सभी डिस्कॉम की नियमित अन्तराल पर समीक्षा की जाए। उपभोक्ताओं से संवाद करें। उनकी व्यावहारिक समस्याओं को सुनें और यथोचित निस्तारण कराएं। यह सीधे तौर पर जनता से जुड़ा हुआ विभाग है, इसमें जनता से सीधा संवाद होना चाहिए।
पुलिस लाइन निर्माण, पुलिस आधुनिकीकरण तथा ढांचागत सुविधाओं से जुड़ी जितनी भी परियोजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं, सभी की मॉनीटरिंग की जाए। टाइमलाइन तय करें और तय समय सीमा के भीतर पूरा कराएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गर्मी का मौसम प्रारम्भ हो चुका है। विन्ध्य और बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सुचारु जलापूर्ति सुनिश्चित करायी जाए। कहीं भी आम आदमी को पेयजल की समस्या नहीं होनी चाहिए।
पंचनद परियोजना बुन्देलखण्ड और आस-पास के क्षेत्रों में बड़े बदलाव की वाहक है, इसमें तेजी की अपेक्षा है। औरैया, कानपुर देहात एवं जालौन आदि जिलों में सिंचाई का रकबा बढ़ेगा और बुन्देलखण्ड में व्याप्त सूखा को मिटाने में मदद मिलेगी। वहीं मत्स्य पालन, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पुराने जलाशयों की सफाई और अनुरक्षण की आवश्यकता है। इनकी डीसिल्टिंग करायी जानी चाहिए। जिलों से रिपोर्ट प्राप्त करते हुए इसकी कार्यवाही आगे बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बचपन संवारने में आंगनबाड़ी केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह आवश्यक है कि सभी जिलों में आंगनबाड़ी का अपना भवन हो, राज्य सरकार द्वारा इसके लिए हर तरह का सहयोग दिया जाएगा। इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रस्ताव तैयार करें।
निर्माणाधीन राज्य विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्य की थर्ड पार्टी ऑडिट करायी जाए। गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत सब्सिडी वितरण में और प्रगति लाए जाने की आवश्यकता है। प्रदेश के स्टार्ट-अप को चिन्हित कर उन्हें यूनिकॉर्न की श्रेणी में लाए जाने के लिए प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में सम्मिलित इकाइयों से निरन्तर अनुश्रवण एवं समन्वय करते हुए, उन्हें क्रियाशील किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यटन विभाग के स्तर पर वर्तमान में क्रियाशील होटल एवं अन्य अतिथि गृहों के डेटाबेस को तैयार किए जाने की आवश्यकता है।
आवास विभाग के अन्तर्गत ऐसी सम्पत्तियां जो विगत कई वर्षों से विक्रय नहीं की जा सकी हैं, उन्हें तत्काल नीति लाकर निस्तारित किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित करते हुए कहा कि सप्ताहांत का उपयोग फील्ड विजिट के लिए किया जाना उचित होगा। फील्ड के अधिकारियों को अनावश्यक राज्य मुख्यालय न बुलाएं, बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनसे संवाद करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी शासकीय कार्मिकों को ’मिशन कर्मयोगी’ से जोड़े जाने के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जाए। कार्मिकों की क्षमता संवर्धन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की जाए। सीडी रेशियो की जनपदवार मॉनीटरिंग की जा रही है। सभी जिलों को इसके लिए कार्य करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 25 मार्च को वर्तमान सरकार के 08 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह 08 वर्ष नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के सृजन के रहे हैं। 08 वर्ष पूरे होने के अवसर पर सभी जिलों में 03 दिवसीय मेले का आयोजन किया जाए। इन मेलों में केन्द्र सरकार द्वारा विगत 11 वर्षों और राज्य सरकार द्वारा विगत 08 वर्षों में जनता की सेवा, सुरक्षा और प्रदेश में सुशासन स्थापित करने के लिए किए गए प्रयासों और परिणामों से जनता को अवगत कराया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी विभाग अपने प्रयासों/उपलब्धियों के बारे प्रदर्शनी लगाएं। सायंकाल सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो, इनमें स्थानीय कलाकारों को वरीयता दें। 03 दिवसीय मेलों में लोककल्याणकारी योजनाओं से वंचित लोगों को इसका लाभ दिलाया जाए। जन आरोग्य मेला, ऋण मेला आदि का भी आयोजन हो। सभी जिलों में यह कार्यक्रम किया जाना है। इस सम्बन्ध में सभी आवश्यक कार्यवाही समय से पूरी कर ली जाए।

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