बलरामपुर- आज दिनांक 12/3/25 को राष्ट्रीय सेवा योजना के ईकाई  एक ,दो तथा तीन द्वारा 6/3/25 से उच्च  प्राथमिक  विद्यालय, गंगाडीह मे आयोजित किए जा रहे सप्त दिवसीय  सप्ताह का समापन समारोह आयोजित  किया गया।साथ ही, ईकाई  चार का समापन समारोह प्राथमिक विद्यालय  मुसीबत पूरवा, बलरामपुर मे आयोजित किया गया। समापन समारोह का प्रारंभ  वैदिक मंगलाचरण तथा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। स्वयंसेवक तथा स्वयंसेवीकाओ  द्वारा सरस्वती वंदना ,स्वागत गीत तथा  लक्ष्य गीत प्रस्तुत किया गया। सरस्वती बंदना सीमा, शिवानी तथा अंजलि ने प्रस्तुत  किया । स्वागत गीत प्रिया, अंचल तथा गिरिजा शुकला ने प्रस्तुत  किया। लक्ष्य गीत धरमेश तथा विजय कुमार  ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम मे ईकाई एक, दो तथा तीन के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो जनार्दन  प्रसाद पाण्डेय थे। साथ ही महाविद्यालय के मुख्य नियंता प्रो राघवेन्द्र सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप मे उपस्थित थे। ईकाई एक, दो तथा तीन के कार्यक्रम  पदाधिकारी डॉ आलोक शुक्ल ,डाॅ रमेश शुक्ल तथा डाॅ अनामिका सिंह  ने मुख्य अतिथि प्राचार्य  प्रो जनार्दन  प्रसाद  पाण्डेय तथा विशिष्ट अतिथि प्रो राघवेंद्र  सिंह का स्वागत परंपरागत  ढंग से किया। डाॅ रमेश शुक्ल ने अपने सम्बोधन मे राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा पिछले सात दिन से चलाए  जा रहे विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों की संक्षिप्त  रूप रेखा प्रस्तुत की। उन्होने कहा कि सप्त दिवसीय कार्यक्रम मे गंगाडीह,  मुसीबत ,पुरवा सौबत पूरव, बंजारनडीह  आदि गांव मे12/3/25 ईकाई एक ,दो, तीन तथा चार द्वारा डाॅ आलोक शुक्ल,  डाॅ रमेश शुक्ल, डाॅ अनामिका सिंह, डाॅ जितेन्द्र भट्ट के नेतृत्व मे स्वयंसेवक तथा स्वयंसेवीकाओ की रैली निकाली गई जिसमे ग्रामीणों से संपर्क कर स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, मतदान जागरूकता आदि समसामयिक विषयों पर ग्रामीणों को जागरूक  किया गया। डाॅ आलोक शुकला ने सप्त दिवसीय  शिविर मे विभिन्न प्रकार के समसामयिक विषयो पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता , भाषन प्रतियोगिता ,पोस्टर, लोगो प्रतियोगिता आदि की संक्षिप्त रूप रेखा प्रस्तुत की। डाॅ अनामिका सिंह ने   सप्त दिवसीय शिविर मे स्वयंसेवक तथा स्वयंसेवीकाओ द्वारा आयोजित  सांस्कृतिक संध्या की संक्षिप्त रूप रेखा प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि प्रो जनार्दन  प्रसाद पाण्डेय ने अपने सम्बोधन  मे कहा कि गांव मे भारत की आत्मा का निवास है। उन्होने स्वयसेवक तथा स्वयंसेवीकाओ तथा ग्रामीणों  से कहा कि महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना निरंतर विभिन्न प्रकार के समसामयिक विषयों पर गांवों मे जागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीण विकास मे अपना योगदान  दे रही है जो अत्यन्त सराहनीय है। उन्होने ईकाई  एक ,दो ,तीन तथा चार के कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ आलोक शुक्ल, डॉ रमेश शुक्ल, डाॅ अनामिका तथा डाॅ जितेन्द्र  भट्ट सहित सभी स्वयंसेवक तथा स्वयंसेवीकाओं को सप्त दिवसीय  शिविर को सफलतापूर्वक सम्पन्न  कराने हेतु बधाई दी तथा भविष्य के लिए  शुभकामनाएं। साथ ही  उन्होने   सप्त दिवसीय शिविर मे आयोजित  किए  गए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं मे विजयी स्वयंसेवक तथा स्वयंसेवीकाओ  को पुरस्कार दिए। मुख्य नियंता ने स्वयंसेवक तथा स्वयंसेवीकाओ  को    सम्बोधित करते हुए अनुशासन का छात्र जीवन मे महत्व विषय पर संक्षेप  मे अपने विचार प्रस्तूत किए। 
ईकाई चार मे कार्यक्रम  पदाधिकारी डॉ जितेन्द्र भट्ट के द्वारा सप्त दिवसीय  शिविर के अन्तर्गत किए गए विभिन्न  प्रकार के कार्यक्रमों की संक्षिप्त रूप  रेखा प्रस्तुत की। इससे पूर्व  ईकाई  चार के समापन समारोह के मुख्य अतिथि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के डीन प्रो श्री प्रकाश मिश्रा तथा विशिष्ट अतिथि परीक्षा प्रभारी डाॅ सदगगुरू प्रकाश  एवम मिडिया प्रभारी लेफ्टिनेंट डाॅ देवेन्द्र चौहान का स्वागत डाॅ भट्ट द्वारा परम्परागत ढंग से किया गया। ईकाई  चार के मुख्य अतिथि प्रो श्री प्रकाश मिश्र ने मानव संसाधन के विकास मे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का योगदान विषय पर अपने विचार संक्षेप में व्यक्त किया । डॉ मिश्र  ने स्वयंसेवक  तथा स्वयंसेवीकाओ को मध्य युग मे यूरोप मे हुए पुनर्जागरण मे शिक्षा की भूमिका के विषय मे संक्षेप में जानकारी दी ।साथ ही स्वयसेवक  विजय कुमार के द्वारा  सात दिन का रिपोर्ट प्रस्तुत  किया गया। प्रत्येक ईकाई  से एक एक  स्वयंसेवक तथा स्वयंसेवीका को विशिष्ट  स्वयंसेवक  तथा स्वयंसेवीका का पुरस्कार मिला। इनके नाम है शिवम, सुहानी शिवा तिवारी तथा शिल्पी।विशिषटतम स्वयंसेवक तथा स्वयंसेवीका का पुरस्कार चारो ईकाई से चुनकर ओम कश्यप, शरद भट्ट तथा हर्षित  द्वितीय को मिला। साथ ही कार्यक्रम  मे अतिथि रुप मे डाॅ प्रखर त्रिपाठी, डाॅ ए के दिक्षित।डाॅ श्री कृष्ण त्रिपाठी, डाॅ पी एन पाठक, डाॅ अभय नाथ ठाकुर   डाॅ सुनील शुक्ला, डॉ अभिषेक सिंह, सुनील मिश्रा आदि शामिल थे। कार्यक्रम संचालन डाॅ रमेश शुक्ल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डाॅ आलोक शुक्ल ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान  से हुआ। 

          हिन्दी संवाद न्यूज से
            रिपोर्टर वी. संघर्ष
             बलरामपुर।


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