किसानों के हक की हुंकार! राजधानी भोपाल में किसान कांग्रेस का ऐतिहासिक विधानसभा घेराव
-मांधाता से गजेंद्र सिंह सोलंकी ने मोर्चा संभाला
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल किसानों की आवाज से गूंज उठी। मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में आयोजित विधानसभा घेराव आंदोलन ने एक नया इतिहास रच दिया। प्रदेश के कोने-कोने से हजारों किसान, खेतिहर मजदूर और आम नागरिक अपनी व्यथा और उम्मीदों को लेकर राजधानी पहुंचे और सरकार को चेतावनी दी कि अब अगर न्याय नहीं मिला, तो निर्णायक संघर्ष होगा। इस आंदोलन में मांधाता विधानसभा क्षेत्र से किसान कांग्रेस के तेजतर्रार नेता और मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस के महासचिव गजेंद्र सिंह सोलंकी ने अपनी टीम के साथ अग्रिम पंक्ति में रहकर नेतृत्व किया। रंगमहल चौराहे से शुरू हुए इस जुलूस में श्री सोलंकी के नेतृत्व में किसानों का हुजूम नारेबाजी करते हुए विधानसभा पहुंचा। किसानों में जोश था, आंखों में अपने अधिकारों को पाने की जिद थी और दिलों में उम्मीद की एक नई लौ।
सरकार की नीतियों पर बोला हमला
गजेंद्र सिंह सोलंकी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार किसानों की मेहनत को अनदेखा कर रही है। प्रदेश का अन्नदाता कभी सूखे से, कभी ओलों से और कभी कर्ज के बोझ से जूझता रहा है, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। किसान की उपज का उचित मूल्य तक नहीं मिल रहा। अगर सरकार ने अब भी आंखें नहीं खोलीं, तो किसान कांग्रेस प्रदेश भर में उग्र आंदोलन करेगी। ये आंदोलन किसानों के हक और सम्मान की लड़ाई है, जिसे अब कोई ताकत नहीं रोक सकती।
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किसानों की प्रमुख मांगें
1. गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)
3000 प्रति क्विंटल किया जाए।
2. धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3100 प्रति
क्विंटल तय हो।
3. सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6000 प्रति
क्विंटल घोषित किया जाए।
4. राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरपीटी) की धारा
6 (4) में संशोधन कर हल्का पटवारी की जगह
खेत को इकाई माना जाए।
5. भूमि अधिग्रहण पर केंद्र सरकार की नीति के
अनुरूप किसानों को चार गुना मुआवजा दिया
जाए।
श्री सोलंकी ने चेतावनी दी कि अगर किसानों की जायज मांगों पर सरकार ने शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो किसान कांग्रेस प्रदेशव्यापी चक्काजाम और धरना-प्रदर्शन जैसे बड़े आंदोलनों की तैयारी करेगी। उन्होंने कहा, हम खेत में अन्न उपजाना जानते हैं, मगर जब वक्त आता है तो हम सड़क पर न्याय की फसल भी उगाना जानते हैं। यह सरकार हमारे सब्र की परीक्षा ना ले। श्री गजेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि यह घेराव न केवल किसानों की आर्थिक सुरक्षा को लेकर था, बल्कि मध्य प्रदेश में खेती-किसानी को टिकाऊ और सम्मानजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था। प्रदर्शन के दौरान किसान कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एकजुटता दिखाते हुए अपने संकल्प को दोहराया कि जब तक किसानों को न्याय नहीं मिलेगा, संघर्ष जारी रहेगा।
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