उतरौला बलरामपुर - सोमवार को बलरामपुर मार्ग पर स्थित अब्दुल करीम मेमोरियल हॉस्पिटल एंड हरीम ट्रॉमा सेन्टर केडायरेक्टर डाक्टर अब्दुर्रहीम सिद्दी के द्वारा अपनेहॉस्पिटल के सामने शाम को रोज़ा इफ्तार का आयोजन किया गया। इफ्तार में सैकड़ों रोजेदार शामिल हुए। रोजेदारों ने रोजा खोलने से पहले दुआ पढी। और इफ्तार के बाद मुल्क की तरक्की की खुशहाली व अमन- चैन और भाईचारे की दुआ मांगी गई। डॉक्टर अब्दुर्रहीम सिद्दीकी ने इस रोज़े के महत्व को बताते हुए कहा कि, सिर्फ भूखे-प्यासे रहना ही रोजा नहीं है। रोजे की खासियत यह है कि इंसान गुनाहों से बचे, और नेक काम करे। उन्होंने यह भी कहा कि इफ्तार आयोजन से आपसी भाईचारा भी बढ़ता है। इस बात का ख्याल रखें कि जरूरत मन्द, मुसाफिर व मज बूर लोगों को इस तरह के कार्यक्रम में जरूर शामिल करें। बिना कि सी भेद भाव के एक साथ बैठकर रोजा इफ्तार का आयोजन करें। रोजा एक ऐसी इबादत है, जिसमें सामाजिक समरसता का सन्देश छिपा हुआ है। वंचितों को भी सम्मान के साथ भरपेट खाना खाने का अवसर मिलता है। साथ में बैठ कर खाने-पीने से आप सी सौहार्द बढ़ता है। माहे रमज़ान गरीबों की ग़मख्वारी का महीना है। इस महीने में रिज़्क को बढ़ा दिया जाता है। नबी-ए-करीमसल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने फ़रमाया कि अल्लाह तआला यह सवाब उसे देगा जो रोजेदार को एक खजूर, घूंट भर पानी या दूध से इफ्तार कराए, और जो शख्स किसी रोजेदार को भर पेट खाना खिलाए तो वह जन्नत का हकदार होगा। इस दौरान डॉक्टर महताब आलम सिद्दीकी, डॉक्टर बाबर सिद्दीकी, डाक्टर शम शाद सिद्दीकी, मुगीस सिद्दीकी सहित परिवार के सभी लोगों ने रोजे दारों की खिदमत में लग रहे। रोज़ा इफ्तार में डाक्टर तौकीर, शायर आलम निजामी, मनोज वर्मा, इमरान अहमद, अफसर सिद्दीकी, अबरार सिद्दीकी, परवेज़ सिद्दीकी, शमीम अहमद, बाबी सिद्दीकी, मास्टर सोनू, राजू सिद्दीकी, शहीद रज़ा, फिरोज खान, बबलू, आमिर निजाम सहित सैकड़ों की संख्या में रोजेदारों ने रोजा खोला।
हिन्दी संवाद न्यूज से
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उतरौला बलरामपुर।
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