उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ माना जाता है। लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में मीडिया महत्वपूर्ण मुद्दों पर लोकतंत्र के अन्य तीन स्तम्भों का ध्यान आकर्षित करती है। दुनिया में जहां कहीं भी आधुनिक लोकतंत्र पनपे हैं, वहां मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लोकतंत्र के प्रति आग्रही कोई भी समाज मीडिया के महत्व को कम करके नहीं आंक सकता। मीडिया की प्रासंगिकता लोकतंत्र की शुरुआत से ही रही है। वर्तमान में मीडिया के बिना लोकतंत्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। मीडिया को अप्रासंगिक करने से लोकतंत्र की प्रासंगिकता पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाएगा। मीडिया जनसरोकार से जुड़े मुद्दों को भी सामाजिक पटल पर लाने का कार्य करती है।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोरखपुर में गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने नवनिर्वाचित सदस्यों को प्रमाण पत्र प्रदान किये। उन्होंने कहा कि गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश का केन्द्र बिन्दु है। यह शिक्षा, रोजगार, व्यापार तथा राजनैतिक गतिविधियों को प्रभावित करने वाला जनपद है। ऐसे में गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि यहां नयी कार्यकारिणी का निर्णय आसपास के जनपदों और संस्थानों पर पड़ेगा। इसे ध्यान में रखकर नयी कार्यकारिणी को जनसरोकारों से जुड़ करके संवेदनशील बनना होगा, तभी इसकी भूमिका महत्वपूर्ण और प्रासंगिक होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मीडिया की सकारात्मक भूमिका को आगे बढ़ाने के लिए सरकार हर प्रकार का सहयोग करने के लिए तत्पर है। ऐसी हर पहल जिससे समाज कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता हो, उसमें सरकार अपनी सकारात्मक भूमिका के साथ सहयोग करेगी। विभिन्न मीडिया ग्रुप मीडिया प्रतिनिधियों को सकारात्मक भूमिका को आगे बढ़ाने के लिए एक प्लेटफॉर्म का कार्य करते हैं। मीडिया ग्रुप से जुड़े हुए पत्रकार, उनके सम्पादक और अन्य स्वतंत्र पत्रकार एक मंच पर आ सकें, एक प्लेटफॉर्म उन्हें प्राप्त हो सके, इसके लिए हर जनपद में राज्य सरकार का अपना सूचना विभाग भी है। यह मीडिया के प्रति शासन की जवाबदेही का एक माध्यम बना है। यह केवल सरकार का प्रचार करने के लिए नहीं है, बल्कि समाज के प्रति मीडिया अपनी भूमिका को और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा सके, इसमें सरकार का सहयोग करने के लिए भी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के स्वाधीनता आन्दोलन में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने मीडिया के माध्यम से स्वाधीनता आन्दोलन को आगे बढ़ाने का काम किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इसमें अग्रगण्य हैं, उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से समाचार पत्रों को प्रोत्साहित किया था। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने जनचेतना के प्रसार के लिए पत्रकारिता व लोक परम्पराओं को माध्यम बनाया। उन्होंने गणपति महोत्सव का आयोजन प्रारम्भ किया। इसके अलावा, लाला लाजपतराय, गणेश शंकर विद्यार्थी आदि ने अपनी लेखनी की धार से समाज को नयी दिशा दी। जिस समय लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा था, उस समय अनेक मीडिया समूहों ने अपने समाचार पत्रों के माध्यम से लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में संवैधानिक संस्थाएं स्वयं को जन सरोकारों से अलग नहीं कर सकतीं। इन संस्थाओं का आमजन से सम्पर्क व संवाद तथा उनके प्रति जवाबदेही अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यदि लोकतंत्र नहीं होता, तो सरकार संवेदनशील तरीके से विकास व लोककल्याण के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में सफल नहीं हो पाती, देश में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से उबर नहीं पाते, हम गांव, गरीब, किसानों, युवाओं तथा महिलाओं के लिए बनने वाली योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू नहीं कर पाते। लोकतंत्र में जनता-जनार्दन की आवाज सुनी जाती है। कोई भी सरकार उसको नजरअंदाज नहीं कर सकती है। मीडिया जनता और सरकार के बीच संवाद का माध्यम होती है। किसी भी राजनीतिक दल का जनता से संवाद एक सीमित समय व स्थान में होता है, जबकि मीडिया जनता से व्यापक संवाद स्थापित करती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि समाज की जागरूकता में मीडिया की बड़ी भूमिका है। वर्तमान में जनजागरुकता सबसे बड़ी आवश्यकता भी है। मीडिया की भूमिका और प्रासंगिकता को परिवर्तनशील माहौल में भी कम नहीं किया जा सकता। टेक्नोलॉजी से पूरी दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे में मीडिया जगत भी तेजी से बदल रहा है, ताकि टेक्नोलॉजी से जुड़कर समाज तक सही तथ्यों को समय से पहुंचाया जा सके। वर्तमान युवा पीढ़ी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का बेहतर उपयोग कर रही है। आज सभी न्यूज पेपर डिजिटल फॉर्मेट में भी उपलब्ध है। युवा डिजिटल माध्यम से विभिन्न चैनलों का भी उपयोग करते हैं। अनेक लोग इन प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग नकारात्मकता फैलाने और समाज में विद्वेष उत्पन्न करने भी करते हैं। लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ के रूप में मीडिया द्वारा अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन लोकतंत्र की मजबूती, देश की सुरक्षा, सम्प्रभुता और एकता के लिए बड़ा कार्य होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मीडिया जिस प्रकार के तथ्यों को लोगों के समक्ष प्रस्तुत करती है, लोगों की मानसिकता उसी प्रकार बनती चली जाती है। महाकुम्भ-2025 में मीडिया का एक वर्ग ऐसा था, जो महाकुम्भ के सम्बन्ध में सकारात्मक लेखन कर रहा था। दूसरा तबका ऐसा था, जो सकारात्मक बातों को भी नकारात्मक तरीके से प्रस्तुत कर रहा था। पहली बार इण्टरनेशनल मीडिया ने महाकुम्भ के कवरेज को पूर्व के आयोजनों की तुलना में सही तरीके से रखने का प्रयास किया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इण्टरनेशनल मीडिया ने महाकुम्भ-2025 को दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन माना है। दुनिया के 100 से अधिक देशों ने इस आयोजन में भागीदारी की। स्थानीय और नेशनल मीडिया ने महाकुम्भ के पहले चरण में जो अभियान आगे बढ़ाया, उसके कारण इण्टरनेशनल मीडिया को भी महाकुम्भ के बारे में सकारात्मक लेखन के लिए मजबूर होना पड़ा। मीडिया ने अपनी लेखनी के माध्यम से मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर महाकुम्भ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को लाने में मदद की। उत्तर प्रदेश की इतनी बड़ी आबादी के बीच होली का पर्व सकुशल सम्पन्न हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयास से यूनेस्को ने कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी। मीडिया रिपोर्ट के आधार पर यूनेस्को के डायरेक्टर स्वयं महाकुम्भ पहुंचे। वह इस आयोजन को देखकर अभिभूत हुए और उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या के बावजूद यहां पर्यावरण प्रदूषण से संबंधित कोई मुद्दा देखने को नहीं मिला। प्रयागराज कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित करने हेतु यूनेस्को द्वारा लिया गया निर्णय बिल्कुल सही था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ को दुनिया के सबसे बड़े आयोजन के रूप में बदलने का काम मीडिया की सकारात्मक लेखनी ने किया है। जब कोई आयोजन बहुत बड़ा होता है, तो उसके परिणाम भी बहुआयामी होते हैं। महाकुम्भ समाज को जोड़ने तथा एक भारत श्रेष्ठ भारत का आधार बना। महाकुम्भ के माध्यम से पहली बार यह भी देखने को मिला कि संस्कृति भी समृद्धि का कारण बन सकती है और आस्था भी आजीविका का माध्यम बन सकती है। जो जिस भाव से महाकुम्भ में आया, उसे उसे प्रकार के दर्शन वहां हुए। मीडिया ने इसे सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संवाद स्वस्थ लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। जब संवाद बाधित होता है, तभी संघर्ष शुरू होता है। संघर्ष को हर हाल में टाला जाना चाहिए। संवाद से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य था, जिसने अनावश्यक शोरगुल रोकने के लिए धर्म स्थलों से माइक उतारने की एक व्यवस्था बनाई। यह कार्य बहुत आसान नहीं था, लेकिन संवाद के माध्यम से इस समस्या का समाधान सम्भव हुआ। संघर्ष के माध्यम से इस समस्या का समाधान सम्भव नहीं था। इससे कानून व्यवस्था की स्थिति भी खराब होती।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुशासन के लिए अच्छी कानून व्यवस्था होनी चाहिए। इसकी पहली शर्त संवाद है। लोकतंत्र की पहली शर्त संवाद है। हम जबरदस्ती अपनी बात को किसी दूसरे पर थोप नहीं सकते। संवाद से बड़ी-बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है। मीडिया यदि संवाद की भाषा को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाएं, तो इससे स्थानीय स्तर पर बहुत से भ्रम दूर किये जा सकते हैं। राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर की अनेक समस्याओं का समाधान संवाद के माध्यम से किया जा सकता है। इस संवाद को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने का सबसे सशक्त माध्यम मीडिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि समाज के विभिन्न तबकों से जुड़े हुए लोगों की सक्सेस स्टोरी को यदि मीडिया लोगों तक नहीं पहुंचाएगी, तो उनकी प्रतिभा दब जाएगी। लोग उनकी प्रतिभा से प्रेरणा नहीं ले पाएंगे। जब प्रतिभाशाली लोगों को समाज और सरकार का थोड़ा भी सम्बल मिलता है, तो वह अपना रास्ता स्वयं बना लेते हैं। मुख्यमंत्री जी ने झांसी में महिलाओं के दुग्ध समूह बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर का उदाहरण देते हुए कहा कि इस दुग्ध संघ ने बहुत अच्छा कार्य किया है। समूह की ज्यादातर महिलाएं बहुत पढ़ी-लिखी नहीं है, केवल 5वीं और 8वीं तक ही पढ़ी लिखी हैं और बुन्देलखण्डी में ही अपनी बात रख सकती हैं, लेकिन उन्होंने अभिनंदनीय कार्य किया है। आज उस समूह में 61 हजार सदस्य हैं, उनका टर्नओवर 1,500 करोड़ रुपये तथा नेट प्रॉफिट सवा सौ करोड़ रुपये का है। आगरा में भी इसी प्रकार का एक मिल्क प्रोड्यूसर संघ बन गया है। उसमें भी महिलाएं ही सदस्य हैं। समाज की ऐसी सक्सेस स्टोरी के बारे में लोगों को बताए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोई भी कार्य छोटा और बड़ा नहीं होता। व्यक्ति की सोच उसे छोटा और बड़ा बनाती है। मुख्यमंत्री जी ने जनपद गोरखपुर के एक युवा की सक्सेस स्टोरी का उल्लेख करते हुए कहा कि उस युवा ने टेलरिंग व्यवसाय से अनेक महिलाओं को रोजगार दिया है। रेडीमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में भारत एक बड़ा हब बन सकता है। आधी आबादी घर-गृहस्थी का काम करने के बाद 04 से 06 घण्टे प्रतिदिन कार्य करके अपनी आमदनी को भी बढ़ा सकती है और भारत को रेडीमेड गारमेंट्स के दुनिया के सबसे बड़े हब के रूप में भी बदल सकती है।
बांग्लादेश और वियतनाम इसके उदाहरण है। बांग्लादेश की आबादी कुल 16 करोड़ है। दुनिया के किसी भी क्षेत्र में बांग्लादेश के रेडीमेड गारमेंट्स के प्रोडक्ट देखने को मिल जाते हैं। इसी प्रकार वियतनाम भी दुनिया में रेडीमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में आगे बढ़ चुका है। यह तभी हो पाएगा जब मीडिया इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की सक्सेस स्टोरी को आगे बढ़ाएगी और लोग इनसे प्रेरणा लेंगे। ऐसे सफल लोगों को प्रेस क्लब बुलाकर उन्हें अपनी बात रखने का अवसर दिया जाना चाहिए। देश और समाज को उनके कार्यों के विषय में बताया जाना चाहिए। हमारे यह कार्य हमें समाज के विश्वास पर खरा उतरने में भी मदद करेंगे। इससे हमारे जन सरोकार के कार्य भी पूरे होंगे।
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