मुख्यमंत्री ने जनपद कानपुर नगर में बिठूर महोत्सव-2025 के
समापन सत्र में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अन्तर्गत
1,302 लाभार्थियों को 05 करोड़ 42 लाख रु0 का ऋण वितरित किया
329 नवचयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां को नियुक्ति पत्र तथा
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के 127 लाभार्थियों को
06 करोड़ 35 लाख रु0 की सहायता राशि का वितरण
मुख्यमंत्री ने नाना जी राव पेशवा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया
मां गंगा के सान्निध्य में बसी बिठूर नगरी कानपुर की आत्मा के समान, इस
धरती को स्वाधीनता की लौ जलाने का केन्द्रबिन्दु बनाने के लिए नानाजी राव पेशवा
ने सन् 1857 की व्यूह रचना की थी, यहीं पर रानी लक्ष्मीबाई का बचपन बीता : मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से
गंगा नदी को पुनः अविरल और निर्मल बनाने का कार्य किया गया
प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में कानपुर निवासियों ने अविरल और
निर्मल गंगा की परिकल्पना को साकार करने में अपना योगदान दिया
कानपुर में औद्योगिक वातावरण बनाए जाने के लिए डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर
का निर्माण किया जा रहा, एम्युनिशन मैन्युफैक्चरिंग का कार्य प्रारम्भ हो चुका
टेक्सटाइल के नए हब के रूप में विकसित करने के
लिए फ्लैटेड फैक्ट्री का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा
रोड कनेक्टिविटी के लिए आउटर रिंग रोड तथा लखनऊ-कानपुर
के बीच ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा
कानपुर मेट्रो के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो चुका, अगले कुछ
माह में इसके द्वितीय चरण के कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा
कानपुर आज मेट्रो सिटी के साथ ही स्मार्ट सिटी,
उद्योगों को पुनर्जीवित करने वाला सिटी बन गया
यह आई0आई0टी0 कानपुर की मदद से इनोवेशन का एक नया हब बनकर उभर रहा
कानपुर के विकास के लिए एक वृहद योजना को आगे बढ़ाया गया
सरकार अपने महापुरुषों का सम्मान करने और उनके गौरव
को आगे बढ़ाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आज भारत माता के महान सपूत देश के प्रथम स्वातंत्र्य समर के महानायक के रूप में बिठूर को अपना केन्द्र बनाकर भारत की आजादी के लिए युद्ध करने वाले महायोद्धा नानाजी राव पेशवा की पावन जयन्ती है। बिठूर महोत्सव के मुख्य समारोह में नानाजी राव पेशवा का स्मरण किया जा रहा है। इससे अच्छा कोई दूसरा संयोग नहीं बन सकता। मां गंगा के सान्निध्य में बसी यह बिठूर नगरी कानपुर की आत्मा के समान है। बिठूर प्राचीन काल से ही भारत की आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक रहा है। कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना हेतु अपने तप के लिए इस भूमि का चयन किया था। लव और कुश का लालन-पालन महर्षि वाल्मीकि के सान्निध्य में इसी क्षेत्र में हुआ था।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद कानपुर नगर में बिठूर महोत्सव-2025 के समापन सत्र के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने नाना जी राव पेशवा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (सीएम-युवा) के अन्तर्गत जनपद कानपुर नगर के 1,302 लाभार्थियों को 05 करोड़ 42 लाख रुपये का ऋण वितरित किया। मुख्यमंत्री जी ने 329 नवचयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां को नियुक्ति पत्र तथा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के 127 लाभार्थियों को 06 करोड़ 35 लाख रुपये की सहायता राशि का वितरण भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने वाले कलाकारों और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर सन् 1857 की क्रान्ति में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द्वारा प्रयुक्त शस्त्रों की प्रदर्शनी तथा ओ0डी0ओ0पी0 के स्टॉलों का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री जी ने नानाजी राव पेशवा, शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु एवं डॉ0 राम मनोहर लोहिया की स्मृतियों को नमन करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ब्रह्म मुहूर्त में उत्तर दिशा में ध्रुव तारा दिखाई देता है। धु्रव टीला बिठूर में स्थित है। प्राकृतिक और भौगोलिक बनावट के साथ भारत की आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत इस धरती को स्वाधीनता की लौ जलाने का केन्द्रबिन्दु बनाने के लिए नानाजी राव पेशवा ने सन् 1857 की व्यूह रचना की थी। यहीं पर रानी लक्ष्मीबाई का बचपन बीता था। उन्होंने यहां घुड़सवारी, तीरंदाजी तथा युद्ध कला के अन्य गुण सीखे थे। यह भूमि देश के क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा स्थली बनी थी। कौन भारतीय होगा जिसकी धमनियों में बिठूर, छत्रपति शिवाजी, नानाजी राव पेशवा, रानी लक्ष्मीबाई तथा तात्या टोपे के नाम पर रक्त का संचार न होता हो। हर भारतीय गौरव के साथ इन महापुरुषों का स्मरण करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने अपनी रणनीति, राष्ट्रभक्ति, शौर्य व पराक्रम से सन् 1857 में अंग्रेजों को झांसी पर कब्जा नहीं करने दिया। वह प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं। सन् 1858 में अंग्रेजों ने रानी लक्ष्मीबाई को छल से झांसी में पराजित किया था। यदि समय रहते अंग्रेजों के इस छल का पता चल गया होता, तो तात्या टोपे के नेतृत्व में नानाजी राव पेशवा की सेना झांसी में अंग्रेजों को बुरी तरह परास्त कर देती और रानी लक्ष्मीबाई झांसी को सुरक्षित करने में सफल हो जातीं। हम बिठूर महोत्सव में इन योद्धाओं का स्मरण कर रहे हैं। कानपुर का बिठूर वह भूमि है, जहां से नाना राव पेशवा ने देश के प्रथम स्वातंत्र्य समर को आगे बढ़ाने के लिए देशभर के राजाओं को गुप्त संदेश के माध्यम से जोड़ने का काम किया था। इसलिए कानपुर देश की आजादी में दिए गए योगदान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज भारत माता के तीन क्रांतिकारियों सरदार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का भी बलिदान दिवस है। देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमने वाले यह महान क्रांतिकारी आज भी भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। इनके जीवन का लक्ष्य हर हाल में देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराना था। आज अंग्रेजों भारत छोड़ो अभियान को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने वाले डॉ0 राम मनोहर लोहिया की भी पावन जयंती है। उन्होंने स्वतंत्र भारत के लिए उपादेय व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष किया था। नया भारत इस व्यवस्था का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज में महाकुम्भ का आयोजन पौष पूर्णिमा 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक किया गया। हम सभी को इस भव्य और दिव्य आयोजन से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ। देश और दुनिया के 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु वहां आए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत उत्तम व्यवस्था की थी। इस आयोजन की सफलता के लिए गंगा जी का अविरल और निर्मल होना आवश्यक था। कानपुर निवासियों ने अविरल और निर्मल गंगा की परिकल्पना को साकार करने में अपना योगदान दिया है। आप लोगों ने आतिथ्य सत्कार के लिए भी कानपुर को तैयार किया। वर्ष 2019 के पूर्व कानपुर के सीसामऊ में गंगा नदी में प्रतिदिन 04 करोड़ लीटर सीवेज वॉटर गिरता था। आज सीसामऊ का सीवर प्वाइंट सेल्फी प्वाइंट में बदल चुका है। आज वहां एक भी बूंद सीवेज वॉटर गंगा नदी में प्रवाहित नहीं होता।
मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से गंगा नदी को पुनः अविरल और निर्मल बनाने का कार्य किया। गंगा एक्शन प्लान वर्ष 1986 में बनाया गया, लेकिन वर्ष 2014 तक गंगा जी पहले की अपेक्षा ज्यादा प्रदूषित हो गई थीं। गंगा नदी में निवास करने वाले जलीय जीव नष्ट हो गए थे। प्रयागराज महाकुम्भ-2025 की सफलता नमामि गंगे परियोजना की सफलता को प्रदर्शित करती है। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में मां गंगा की स्वच्छता का जो सपना देखा था, महाकुम्भ-2025 की सफलता ने उसे ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम किया है। अब गंगा नदी में जलीय जीव और डॉल्फिन पुनः दिखाई दे रही हैं। अब हमें अविरल और निर्मल गंगा के दर्शन हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विरासत और विकास की जिस नए भारत की परिकल्पना प्रधानमंत्री जी ने प्रस्तुत की है, आज उसका साकार स्वरूप हम सभी को हर स्तर पर देखने को मिल रहा है। यह नए भारत के रूप में हम सभी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। बिठूर महोत्सव इसी श्रृंखला की एक महत्वपूर्ण कड़ी बनने जा रहा है। यहां पर पौराणिक काल से लेकर अर्वाचीन काल तक नए भारत के निर्माण की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए कानपुर मां गंगा के सान्निध्य में आगे बढ़ रहा है। कभी कानपुर अपने टेक्सटाइल उद्योगों के लिए जाना जाता था। इसे देश का मैनचेस्टर कहा जाता था। जिन लोगों के मन में भारत और भारतीयता के प्रति नफरत थी, उन्होंने कानपुर की उद्यमिता को पूरी तरह नष्ट कर दिया। कानपुर के उद्योग बंद कर दिए गए, यहां बेरोजगारी और अव्यवस्था हो गई। कभी कानपुर की गिनती देश के चार महानगरों में होती थी, वह कानपुर वीरान हो गया। इसे कनेक्टिविटी से वंचित कर दिया गया। मां गंगा को प्रदूषित कर दिया गया। एयरपोर्ट और उद्योग बंद हो गए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आपने विगत 10 वर्षों में बदलते हुए कानपुर को देखा है। कानपुर में औद्योगिक वातावरण बनाए जाने के लिए डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। एम्युनिशन मैन्युफैक्चरिंग का कार्य यहां प्रारंभ हो चुका है। टेक्सटाइल के नए हब के रूप में विकसित करने के लिए फ्लैटेड फैक्ट्री का निर्माण कार्य यहां युद्ध स्तर पर चल रहा है। अगले दो-तीन माह में रेडीमेड गारमेंट्स के एक नए केंद्र के रूप में कानपुर फिर से विकसित होने जा रहा है। कानपुर फिर से एयर कनेक्टिविटी के साथ जुड़ चुका है। कानपुर से दिल्ली तथा अन्य नगरों के बीच वंदे भारत ट्रेन की सुविधा शुरू हो चुकी है। रोड कनेक्टिविटी के लिए आउटर रिंग रोड तथा लखनऊ कानपुर के बीच ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण होने के बाद कानपुर से पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश की दूरी को और कम करने में मदद मिलेगी। आज कानपुर में नए-नए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास देखने को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज कानपुर नए भारत के साथ कदम मिलाते हुए विरासत और विकास के साथ जुड़ रहा है। वर्ष 2021 में कानपुर मेट्रो प्रारंभ हो चुकी है। इसके प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। अगले कुछ माह में इसके द्वितीय चरण के कार्यों का लोकार्पण करने जा रहे हैं। कानपुर आज मेट्रो सिटी के साथ ही स्मार्ट सिटी भी बन गया है। कानपुर आज उद्योगों को पुनर्जीवित करने वाला सिटी भी बन गया है। यह आई0आई0टी0 कानपुर की मदद से इनोवेशन का एक नया हब बनकर उभर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज कानपुर में विकास की अनेक परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। हमने कानपुर के विकास के लिए एक वृहद योजना को आगे बढ़ाया है। यहां ब्रह्मवर्त कॉरिडोर का निर्माण होना चाहिए। यहां की कनेक्टिविटी के लिए जो गैप बचे हुए हैं, उन्हें भी पूर्ण किया जायेगा। बिठूर को उसका गौरव प्राप्त करने की दिशा में सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने महाराष्ट्र से आए श्री विनय सहस्त्रबुद्धे तथा श्री सुधीर थोरॉड का नानाजी राव पेशवा की पावन जयंती को बिठूर में मनाने का निर्णय लेने के लिए आभार व्यक्त किया। बिठूर महोत्सव में सन् 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर में प्रयोग हुए अस्त्र-शस्त्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन किये जाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी विरासत का हिस्सा है। इन्हीं अस्त्र-शस्त्रों का प्रयोग करके छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर बाजीराव पेशवा और नानाजी राव पेशवा ने अपने शौर्य और पराक्रम से भारत के राजाओं के साथ मिलकर उस दौर में अंग्रेजों को भगाने और उससे भी पूर्व मुगलों के छक्के छुड़ाने में अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार अपने महापुरुषों का सम्मान करने और उनके गौरव को आगे बढ़ाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। हम सभी नए भारत के बारे में प्रधानमंत्री जी के अभियान को और मजबूती के साथ आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे। जो लोग अपने महापुरुषों और देश के स्वाधीनता संग्राम सेनानियों का सम्मान नहीं कर सकते, उनके लिए समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता है। जो लोग आक्रांता थे, जिन्होंने भारत की आस्था पर प्रहार किया, जिन्हें भारत और भारतीयता से नफरत थी, जो भारत की बहन व बेटियों की इज्जत पर हाथ डालते थे, जिन्होंने भारत की सनातन संस्कृति को रौंदने का कार्य किया था और जो आक्रांता बनकर भारत की आस्था को कुचल रहे थे, वह भारत के नागरिकों के लिए कभी भी आदर्श नहीं हो सकते। जो लोग अभी भी इन आक्रांताओं को अपना आदर्श मानते हैं, इन्हें अपने आचरण पर शर्म करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसे लोगों को इण्डोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा रिपब्लिक डे परेड पर दिए गए बयान का स्मरण करना चाहिए, जब उन्होंने कहा था कि अगर हमारा डी0एन0ए0 कभी जांचा जाएगा, तो यह भारतीय निकलेगा। इण्डोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बाहुल्य देश है। इण्डोनेशिया के राष्ट्रपति यह बयान भारत के अंदर विदेशी आक्रांताओं को अपना आदर्श मानने वाले लोगों की आंखें खोलने वाला है। इण्डोनेशिया के राष्ट्रपति के इस बयान के बाद यह आशा की जा सकती है कि वे लोग भी छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज और भारत के महान योद्धाओं तथा महान क्रांतिकारियों के बारे में श्रद्धा का भाव रखेंगे और भारत को ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ बनाने में अपना योगदान देंगे।
इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ला सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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