दुग्ध उत्पादकों, दुग्ध समितियों के हित एवं सार्वजनिक हित में दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि0 की उपविधियों में संशोधन का प्रस्ताव
उपविधियों में नियमानुसार संशोधन न किये जाने पर नियमानुसार कार्रवाई का प्राविधान
लखनऊ: 26 मार्च, 2025
उ0प्र0 दुग्धशाला विकास विभाग एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 में महत्वपूर्ण संशोधनों के परिप्रेक्ष्य में दुग्ध सहकारी समितियों में प्रबंधन का प्रजातांत्रिक स्वरूप बहाल किये जाने तथा दुग्ध उत्पादकों, दुग्ध समितियों एवं सार्वजनिक हित में दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि0 की उपविधियों में उ0प्र0 सहकारी समिति अधिनियम-1965 की धारा-14 के अंतर्गत संशोधन किया जाना आवश्यक हो गया है, इसको दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान उपविधि में आवश्यक संशोधन प्रस्तावित किया गया है।
इस संबंध में श्री राकेश कुमार मिश्र दुग्ध आयुक्त एवं निबंधक दुग्ध सहकारी समितियां उ0प्र0 लखनऊ द्वारा 03 मार्च, 2025 को आवश्यक आदेश जारी कर दिया गया है। उपविधि के व्यवसाय में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार दुग्ध समिति का यह उत्तरदायित्व होगा कि वह अपने समिति में संग्रहित समस्त दूध को उस दुग्ध संघ को जिसका वह सदस्य है को आपूर्ति/बिक्री करे। यदि दुग्ध संघ समिति दूध क्रय करने में सक्षम नहीं है तो ऐसी दशा में सदस्य दुग्ध समिति को यह अधिकार होगा कि वह अपना व्यवसाय चालू रखने के लिए अपने संग्रहित दूध की बिक्री अनयंत्र करने हेतु स्वतंत्र होगी।
प्रस्तावित संशोधन के अनुसार दुग्ध समिति संग्रहित दुग्ध की बिक्री उन शर्तों एवं प्रतिबंधों के अधीन निर्धारित दरों पर करेगी जैसा कि संबंधित दुग्ध समिति की प्रबंध कमेटी द्वारा निर्धारित किया जाए। इसके अलावा यदि कमेटी की किसी चुने हुए सदस्य का स्थान आकस्मिक रूप से रिक्त हो तो वह प्रबंध कमेटी के सदस्यों द्वारा सामान्य निकाय के सदस्यों में से जो कमेटी की सदस्यता के लिए पात्र हो, शेष अवधि के लिए आमेलन द्वारा भरा जायेगा। प्रतिबंध यह है कि यदि प्रबंध कमेटी का कार्यकाल उसके मौलिक कार्यकाल के आधे से कम हो तो प्रबंध कमेटी में हुई किसी आकस्मिक रिक्त की पूर्ति उस वर्ग/क्षेत्र के योग्य सदस्यों में से की जायेगी, जिसका वह प्रतिनिधि था। प्रबंध कमेटी द्वारा नाम निर्देशन द्वारा की जायेगी।
सहकारी समिति अधिनियम-1965 की धारा-14(1) के अधीन प्रदेश की समस्त दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि0 उ0प्र0 को आदेश दिया गया है कि वह अपने दुग्ध संघ की उपविधियों में इस आदेश के जारी किये जाने की तिथि के 30 दिन के भीतर संशोधन सुनिश्चित करते हुए दुग्ध आयुक्त एवं निबंधक, दुग्ध सहकारी समितियां उ0प्र0 को अवगत कराये। यदि उक्त अवधि के भीतर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघांे द्वारा अपनी उपविधियों में नियमानुसार संशोधन नहीं कराया जाता है तो दुग्ध उत्पादकों, दुग्ध समितियों के हित में एवं सार्वजनिक हित तथा उ0प्र0 दुग्धशाला विकास विभाग एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 के दृष्टिगत उ0प्र0 सहकारी समिति अधिनियम-1965 की धारा-14(2) के प्राविधानों के अनुरूप निबंधित कर दिया जायेगा।
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