मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा की
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं, हमारा पूरा फोकस क्वॉलिटी ऑफ एजुकेशन पर : मुख्यमंत्री
प्रदेश का कोई भी विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं होना चाहिए
सभी आकांक्षात्मक जनपदों एवं विकास खण्डों में शिक्षक-छात्र अनुपात बेहतर रहे
प्रदेश सरकार कक्षा 01 से 12 तक के लिए ‘मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों’ का निर्माण करा रही, 26 जनपदों को धनराशि निर्गत
प्री-प्राइमरी से कक्षा 08 तक के लिए ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय’ बनाए जा रहे, 58 जनपदों को धनराशि निर्गत
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 925 तथा वर्ष 2024-25 में 785 शासकीय विद्यालयों का पी0एम0श्री योजना के अन्तर्गत उच्चीकरण कार्य आगे बढ़ाया
प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रथम चरण में प्रदेश के 13 डायट्स को ‘सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जा रहा
वर्ष 2024 की ‘असर’ रिपोर्ट में उ0प्र0 द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली, उ0प्र0 अब ‘टॉप परफॉर्मिंग स्टेट’ की श्रेणी में सम्मिलित
आगामी 01 अप्रैल से 15 अप्रैल तक और जुलाई माह में 15 दिन का ‘स्कूल चलो अभियान’ संचालित किया जाएगा, यह अभियान बच्चों को उत्सव की भांति लगे
‘समर कैम्प’ संचालित करने के निर्देश
‘एक कस्तूरबा गांधी विद्यालय एक खेल’ की तर्ज पर कार्य किया जाए
शिक्षकों को अच्छे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ना होगा, ताकि लर्निंग आउटकम को और बेहतर किया जा सके
25,784 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज, 5,568 विद्यालयों में आई0सी0टी0 लैब्स तथा 02 लाख 61 हजार से अधिक टैबलेट की उपलब्धता सुनिश्चित कराकर डिजिटल शिक्षा को आगे बढ़ाया जा रहा
लखनऊ : 22 मार्च, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। प्रदेश का कोई भी विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं होना चाहिए। हमारा पूरा फोकस क्वॉलिटी ऑफ एजुकेशन पर होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी आकांक्षात्मक जनपदों एवं विकास खण्डों में शिक्षक-छात्र अनुपात बेहतर रहे। सरकार हर स्थिति में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के अन्तर्गत 19 पैरामीटर्स को ध्यान में रखते हुए अन्तरविभागीय समन्वय के साथ विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। परिषदीय विद्यालयों में बालक एवं बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इन विद्यालयों में पेयजल, अच्छी फ्लोरिंग के क्लासरूम, विद्युत की सुविधा, बाउण्ड्रीवॉल व गेट सहित अच्छे फर्नीचर भी उपलब्ध कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार कक्षा 01 से 12 तक के लिए ‘मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों’ का निर्माण करा रही है। इसके लिए 26 जनपदों को धनराशि निर्गत की जा चुकी है। इसके अलावा, प्री-प्राइमरी से कक्षा 08 तक के लिए ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय’ बनाए जा रहे हैं। 58 जनपदों में इनके निर्माण के लिए भी धनराशि निर्गत की जा चुकी है। इन दोनों प्रकार के विद्यालयों में प्ले-ग्राउण्ड, ट्रेनिंग सेण्टर जिनमें क्राफ्ट, माटीकला और न्यू ऐज कोर्सेज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 925 तथा वर्ष 2024-25 में 785 शासकीय विद्यालयों को पी0एम0श्री योजना के अन्तर्गत उच्चीकरण करने के कार्य को आगे बढ़ाया है। इन विद्यालयों को एक इण्टीग्रेटेड कैम्पस के रूप में विकसित करना हमारी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रथम चरण में प्रदेश के 13 डायट्स को ‘सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे डायट को एक संसाधन केन्द्र के रूप में स्थापित करते हुए समावेशी शिक्षा को आगे बढ़ाया जा सके। इनमें सभी व्यवस्थाएं उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए। आवश्यकतानुसार आउटसोर्स कर्मचारियों की तैनाती की जाए। डायट का फर्स्ट इम्प्रेशन बहुत अच्छा होना चाहिए। आई0आई0एम0 लखनऊ और बेंगलुरु जैसे संस्थानों को इन्हें ट्रेनिंग मॉड्यूल से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किए गए समग्र प्रयासों के परिणाम ‘असर’ (ए0सी0ई0आर0) रिपोर्ट में देखे जा सकते हैं। वर्ष 2024 की ‘असर’ रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। उत्तर प्रदेश अब ‘टॉप परफॉर्मिंग स्टेट’ की श्रेणी में सम्मिलित हो गया है। वर्ष 2018 से वर्ष 2024 के बीच उत्तर प्रदेश में शिक्षा के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति वर्ष 2010 में 57 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2024 में बढ़कर 71.4 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश में बालिकाओं का नामांकन बालकों की तुलना में अधिक है। विगत 08 वर्षों में मध्यान्ह् भोजन व्यवस्था का विस्तार हुआ है। यह वर्ष 2010 में 70 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2024 में बढ़कर 95.4 प्रतिशत हो गई है। परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकालयों का उपयोग 78 प्रतिशत हो गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 01 अप्रैल से 15 अप्रैल तक और जुलाई माह में 15 दिन का ‘स्कूल चलो अभियान’ संचालित किया जाएगा। इस दौरान शिक्षकों, ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत के सदस्यों द्वारा मिलकर इस प्रकार व्यवस्था की जाए कि यह ‘स्कूल चलो अभियान’ बच्चों को उत्सव की भांति लगे। इस दौरान बच्चों को कुछ नया अनुभव प्रतीत हो। शिक्षक और प्रिंसिपल गांव का भ्रमण करें और घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को ‘समर कैम्प’ संचालित करने के लिए निर्देशित किया। इन कैम्पों में बच्चों को खेल-खेल में नई चीजों को सिखाने पर बल दिया जाएगा, ताकि बच्चे पढ़ाई को बोझ न समझकर मनोरंजन की तरह लें। इसमें शारीरिक शिक्षा पर भी जोर दिया जाए। यह समर कैम्प प्रातः कालीन सत्र में ही संचालित किए जाएं, ताकि बच्चे धूप और गर्मी से प्रभावित न हों। यह ‘समर कैम्प’ प्रतिदिन एक से डेढ़ घण्टे के होने चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जाए। ‘एक कस्तूरबा गांधी विद्यालय एक खेल’ की तर्ज पर कार्य किया जाए। इन विद्यालयों की बालिकाओं ने खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया है। यहां की बालिकाओं ने अण्डर-19 क्रिकेट से लेकर कई खेलों में प्रदेश का मान बढ़ाया है। इसके अतिरिक्त, यहां की बालिकाओं ने प्रशासनिक सेवाओं में भी चयनित होकर गौरव बढ़ाया है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षकों को अच्छे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ना होगा, ताकि लर्निंग आउटकम को और बेहतर किया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल है कि आर0टी0ई0 के अन्तर्गत निजी विद्यालयों में वर्ष 2016-17 में 10,784 बच्चे अध्ययनरत थे, जबकि वर्ष 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 04 लाख 58 हजार से अधिक हो गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा गैर-सहायतित मान्यता प्राप्त विद्यालयों को वित्तीय वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 तक 728 करोड़ रुपये से अधिक फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ‘शारदा कार्यक्रम’ के अन्तर्गत वर्ष 2024-25 में 7.77 लाख बच्चों का परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश कराया गया है। प्रदेश में वर्तमान में 1.93 करोड़ बच्चे परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में 85,726 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से एन0सी0ई0आर0टी0 का पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। प्रदेश सरकार वर्ष 2021-22 से छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा, स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिए उनके अभिभावकों के खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से प्रत्येक विद्यार्थी के लिए 1,200 रुपये की धनराशि अन्तरित कर रही है। 25,784 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज, 5,568 विद्यालयों में आई0सी0टी0 लैब्स तथा 02 लाख 61 हजार से अधिक टैबलेट की उपलब्धता सुनिश्चित कराकर डिजिटल शिक्षा को आगे बढ़ाया जा रहा है।
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