

तेरी बाहों सा एहसास लिए,
टेडी को दिल से लगा रखा है।
तेरी यादों की ख़ुशबू संग,
हर लम्हा इसमें बसा रखा है।
रुई सा कोमल, प्यार सा प्यारा,
तेरे जैसी मासूमियत समेटे,
रहती है इसमें मेरे मन की बातें,
तेरी यादें धागों की तरह मुझको है लपेटे।
दिकु, तू जो होती यहां,
टेडी की जगह तुझे ही थाम लेता,
तेरी बाहों में सिमटकर मैं,
हर ग़म को पीछे छोड़ देता।
पर जब तक दिकुप्रेम मिलन ना हो,
ये टेडी दिल का सहारा रहेगा,
तेरी यादों को पास समेटे,
दिल हरदम तेरा ही नाम कहेगा।
— प्रेम का इंतज़ार, सिर्फ़ अपनी दिकु के लिए 

प्रेम ठक्कर "दिकुप्रेमी"
902386367
सूरत, गुजरात
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