मुख्यमंत्री ने महाकुम्भनगर में श्री कांची कामकोटि पीठ के शिविर पहुंचकर जगद्गुरु शंकराचार्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती जी से आशीर्वाद प्राप्त किया
श्री कांची कामकोटि पीठ के पूर्व जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन जयेन्द्र सरस्वती जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की
श्री कांची कामकोटि पीठ की परम्परा ने सनातन धर्म के जनजागरण और अभिवृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी : मुख्यमंत्री
महाकुम्भ सनातन संस्कृति की दिव्यता और विराटता का प्रतीक
प्रयागराज महाकुम्भ में अब तक 62 करोड़ श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके तथा आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी
मुख्यमंत्री ने विष्णुस्वामी सम्प्रदाय की सतुआ बाबा पीठ के शिविर पहुंचकर महामण्डलेश्वर संतोषाचार्य जी महाराज ‘सतुआ बाबा’ से भेंट की
लखनऊ : 23 फरवरी, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज महाकुम्भनगर में श्री कांची कामकोटि पीठ के शिविर पहुंचकर जगद्गुरु शंकराचार्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कांची पीठ के पूर्व जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन जयेन्द्र सरस्वती जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री जी ने श्री कांची कामकोटि पीठ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस पूज्य पीठ की परम्परा ने सनातन धर्म के जनजागरण और अभिवृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ में अब तक 62 करोड़ श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं तथा आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कोई ऐसा मत, मजहब या सम्प्रदाय नहीं, जहां निश्चित समय पर इतनी बड़ी संख्या में लोग अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए एकत्र होते हों। महाकुम्भ सनातन संस्कृति की दिव्यता और विराटता का प्रतीक है।
जगद्गुरु शंकराचार्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती जी ने महाकुम्भ की व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री जी की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन सरकार और जनता की सहभागिता का अद्भुत उदाहरण है। सनातन संस्कृति विश्व की आदर्श संस्कृति और महाकुम्भ इसका जीवन्त प्रमाण है। मुख्यमंत्री जी ने प्रयागराज के प्राचीन नाम को दोबारा स्थापित किया है। प्रत्येक कुम्भ राष्ट्र को दिशा देता है। महाकुम्भ को एकता का कुम्भ बताते हुए उन्होंने इसे अद्वैत कुम्भ कहा।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने महाकुम्भनगर में विष्णुस्वामी सम्प्रदाय की सतुआ बाबा पीठ के शिविर पहुंचकर महामण्डलेश्वर संतोषाचार्य जी महाराज ‘सतुआ बाबा’ से भेंट की।
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