मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा राज्य विधान मण्डल के समवेत सदन में दिये गये अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अपने विचार व्यक्त किए
लोकतंत्र संवाद से चलता है, यह आवश्यक नहीं कि हम एक दूसरे की बातों से सहमत हों, फिर भी हम न किसी को अपनी बात रखने से रोक सकते,
न ही हमको कोई अपनी बात रखने से रोक सकता : मुख्यमंत्री
महाकुम्भ का आयोजन हम सभी के लिए गौरव की बात, अब तक लगभग 64 करोड़ श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ में स्नान किया, यह आयोजन प्रधानमंत्री जी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विजन को नई गति दे रहा
‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ के अन्तर्गत 01 वर्ष में 01 लाख युवा उद्यमी तैयार करने का लक्ष्य, पहले चरण में 05 लाख रु0 तक तथा दूसरे चरण में इन उद्यमियों को 10 लाख रु0 तक का ब्याज मुक्त लोन उपलब्ध कराया जाएगा
राज्य सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों के 01 करोड़ 91 लाख बच्चों को 02 यूनिफॉर्म, बैग, बुक्स, स्वेटर आदि उपलब्ध कराए जा रहे
पी0एम0श्री योजना के अन्तर्गत 1,565 विद्यालयों का आधुनिकीकरण किया जा रहा
57 विद्यालयों में मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय की स्थापना की जा रही
कुशीनगर में महात्मा बुद्ध के नाम पर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निर्माण को आगे बढ़ाने का कार्य प्रारम्भ किया गया
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन और कौशल विकास नीति को लागू करने में उ0प्र0 देश में प्रथम स्थान पर
प्रदेश में 02 करोड़ 61 लाख से अधिक घरों में शौचालय, 56 लाख गरीब परिवारों को एक-एक आवास, 01 करोड़ 86 लाख परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन तथा 01 लाख 56 हजार परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए
देश में 25 करोड़ और उ0प्र0 में 06 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे
महिला सम्बन्धी अपराधों में संलिप्त अपराधियों को सजा दिलाने में उ0प्र0, देश में प्रथम
सहारनपुर, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर में ए0टी0एस0 की फील्ड यूनिट का गठन, प्रदेश में स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की 06 वाहिनियां गठित
जनपद बलरामपुर, जालौन, मीरजापुर, शामली, बिजनौर एवं सम्भल में पी0ए0सी0 की नई बटालियन का गठन होने जा रहा, प्रदेश में नार्कोटिक्स टास्क फोर्स का गठन
पौने 08 वर्ष में 01 लाख 56 हजार पुलिस कार्मिकों की भर्ती सफलतापूर्वक सम्पन्न, वर्तमान में 60 हजार 200 पुलिस कार्मिकों की भर्ती प्रक्रिया संचालित, 30 हजार नई भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा
‘ऑपरेशन त्रिनेत्र’ के अन्तर्गत 17 नगर निगमों तथा जनपद गौतमबुद्धनगर में 11 लाख से अधिक सी0सी0टी0वी0 कैमरे स्थापित
उ0प्र0 पुलिस बल में महिला वर्कफोर्स वर्ष 2014-18 में 14.2 प्रतिशत, जो आज बढ़कर 35.01 प्रतिशत
01 करोड़ 04 लाख लोगों को प्रतिवर्ष 12 हजार रु0 निराश्रित महिला पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन तथा दिव्यांगजन पेंशन प्राप्त हो रही
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 03 लाख 22 हजार जोड़ों के विवाह का कार्यक्रम सम्पन्न
उ0प्र0 देश में सर्वाधिक गोल्डन कार्ड जारी करने वाला प्रदेश
वर्ष 2017 से अब तक गन्ना किसानों को 02 लाख 73 हजार करोड़ रु0 के गन्ना मूल्य का भुगतान
उ0प्र0 चीनी, गन्ना तथा एथेनॉल उत्पादन में देश में नम्बर एक
गंगा एक्सप्रेस-वे बनने के बाद देश के 55 प्रतिशत एक्सप्रेस-वे उ0प्र0 में होंगे, प्रदेश के 06 शहरों में मेट्रो संचालित, इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को 4-लेन किया जा चुका
गंगा एक्सप्रेस-वे को मेरठ से हरिद्वार तक बढ़ाए जाने का निर्णय, शाहजहांपुर व फर्रुखाबाद को गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए बजट में प्राविधान, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था
एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र में निवेश के माध्यम से 02 करोड़ से अधिक नौजवानों को नौकरी
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, पी0एम0 स्वनिधि योजना, स्वामित्व योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन में उ0प्र0, देश में प्रथम स्थान पर
लखनऊ : 25 फरवरी, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि महाकुम्भ का आयोजन हम सभी के लिए गौरव की बात है। अब तक लगभग 64 करोड़ श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ में स्नान किया है। यह आयोजन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विजन को नई गति दे चुका है। आज का नया भारत अपने नागरिकों को बिना भेदभाव के एक स्थान पर एकत्र करने की सामर्थ्य रखता है। इस नए भारत की ताकत का एहसास पूरी दुनिया ने किया है। प्रयागराज महाकुम्भ अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बना है। पूरी दुनिया उत्तर प्रदेश एवं प्रयागराज पर गौरव की अनुभूति कर रही है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान परिषद में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी द्वारा राज्य विधान मण्डल के समवेत सदन में दिये गये अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विधान परिषद में इस चर्चा में सत्ता पक्ष की ओर से 28 सदस्यों तथा मुख्य विपक्षी दल की ओर से 06 सदस्यों व 06 अन्य सदस्यों ने भी इस चर्चा में भाग लिया है। उन्होंने माननीय सदस्यों को जिन्होंने सदन की गरिमा के अनुरूप इस पूरी चर्चा में भाग लिया उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि इस चर्चा को गम्भीर बनाते हुए सक्रिय रूप से भाग लेने से सदन का महत्व बढ़ता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 18 फरवरी, 2025 को माननीय राज्यपाल जी का समवेत सदन में अभिभाषण हुआ था। राज्यपाल एक संवैधानिक पद है। राज्यपाल जी द्वारा अपने संवैधानिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए ही वर्ष की शुरुआत के पहले सत्र में दोनों सदनों को एक साथ सम्बोधित किया जाता है। अभिभाषण का उद्देश्य पहले से चली आ रही सरकार की उपलब्धियां पर चर्चा करना तथा सरकार की भावी योजनाओं से अवगत कराना होता है। अगर नई सरकार है तो नई सरकार के रोड मैप के बारे में सदन को अवगत कराने के लिए ही राज्यपाल जी समवेत सदन को सम्बोधित करती हैं। सदन के सभी सदस्यों को चर्चा के दौरान पर्याप्त समय मिलता है। लेकिन एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए महानुभावों का अभद्र तरीके से दुर्व्यवहार, विरोध किया जाए तो यह लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उन लोगों की सोच को व्यक्त करता है। इससे संवैधानिक पदों की अवमानना होती है। साथ ही, बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के द्वारा दिए गए संविधान की भी अवमानना होती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकतंत्र संवाद से चलता है। यह आवश्यक नहीं कि हम एक दूसरे की बातों से सहमत हों, फिर भी हम किसी को अपनी बात रखने से न रोक सकते हैं, न ही हमको कोई अपनी बात रखने से रोक सकता है। दोनों को एक संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। हम अपनी बात को एक संवैधानिक दायरे में मर्यादित तरीके से चर्चा के दौरान रख सकते हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी का दोनों सदनों में आचरण किसी भी स्थिति में संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक नहीं था। पूरा सदन भी इन बातों से सहमत होगा। सदस्य चर्चा के दौरान मुद्दों पर अपनी सहमति एवं असहमति व्यक्त करते हैं। इसी प्रकार हमें शालीनतापूर्वक राज्यपाल जी का अभिभाषण सुनना चाहिए था। महानुभाव के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करना चाहिए था। उसके उपरान्त अपनी बात सदन में रख सकते थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर महान कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना होता है, उपहास, विरोध और स्वीकृति। आप सभी लोगों ने इन तीनों अवस्थाओं की स्थिति को देखा होगा। चाहे वह अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण का कार्यक्रम रहा हो या फिर प्रयागराज में महाकुम्भ के आयोजन का कार्यक्रम रहा हो। इन दोनों में एक साम्यता देखने को मिलती है। प्रतिपक्ष द्वारा विरोध के साथ उपहास किया गया। अब विरोधी दल भी कहते हैं कि श्रीराम तो सबके हैं। वर्ष 2019 के प्रयागराज कुम्भ में मंत्रिपरिषद एवं इस बार के महाकुम्भ में पूरे मंत्रिमण्डल ने प्रयागराज जाकर विकास की योजनाओं के सम्बन्ध में आत्ममंथन किया तथा इस विशाल वैश्विक आयोजन के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन दोनों आयोजनों ने उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है। प्रधानमंत्री जी ने भारत रत्न बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर से जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में स्थापित कराया है। इसी प्रकार महाकुम्भ में उत्तर प्रदेश में पंचतीर्थ बनते नजर आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में विभिन्न कॉरिडोर निर्मित हुए हैं। प्रयागराज से विन्ध्यवासिनी मार्ग से काशी तक कॉरिडोर बना है। गोरखपुर के आसपास क्षेत्र, अयोध्या उसके आसपास के क्षेत्र, लखनऊ एवं नैमिषारण्य के आसपास के क्षेत्र में कॉरिडोर बना है। मथुरा-वृन्दावन एवं आसपास के क्षेत्र में नए कॉरिडोर बने हैं, जहां पर देश और दुनिया के लाखों श्रद्धालु आकर दर्शन-पूजन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। प्रयागराज के साथ ही काशी, मथुरा-वृन्दावन, गोरखपुर, अयोध्या में श्रद्धालुजन आ रहे हैं। वेटिकन सिटी में पूरे साल में 02 करोड़ पर्यटक पहुंचते हैं। अयोध्या में विगत 52 दिनों में 02 करोड़ श्रद्धालुजन पहुंच चुके हैं।
प्रयागराज में एक दिन में लगभग 02 करोड़ श्रद्धालुजन आ रहे हैं। काशी में भी लगभग यही स्थिति देखने को मिल रही है। वर्ष 2024 में मक्का में 01 करोड़ 40 लाख तथा वेटिकन सिटी में 80 लाख तीर्थयात्री पहुंचे थे। वर्ष 2024 में 16 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या में तथा वाराणसी में 14 करोड़ श्रद्धालु आए थे। विगत 52 दिनों में अयोध्याधाम में 02 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। मथुरा-वृन्दावन में 08 करोड़ 30 लाख श्रद्धालु, तिरुपति मन्दिर में 02 करोड़ 50 लाख, स्वर्ण मन्दिर में 03 करोड़ और अजमेर शरीफ में 73 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिनको जो दृष्टि दी गई है, वह उस दृष्टि से महाकुम्भ का आकलन कर रहे हैं। जो लोग भारतीय सनातन परम्परा को कटघरे में खड़ा करने का कार्य करते हैं, आज प्रयागराज महाकुम्भ ने उन्हें आईना दिखाने का कार्य किया है। ऐसे तमाम लोगों के विचारों को दरकिनार करते हुए करोड़ों लोगों ने प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाई है। यहां से निकला संदेश हर सनातन धर्मावलम्बियों के मन में अमिट छाप छोड़ गया है। यह वर्षों तक लोगों की कहानियों में जीवन्त रहेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी ने सच कहा है कि महाकुम्भ में जिसने जो तलाश की उसको वह वहां मिला। संवेदनशील लोगों को रिश्तां की खूबसूरत तस्वीरें मिली, आस्थावान लोगों को पुण्य मिला, भक्तों को भगवान मिले, सज्जनों को सज्जनता मिली, गरीबों को रोजगार मिला, श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों को सुव्यवस्था मिली, भारत की मृत्युंजय की कामना करने वालों को मृत्युंजय मिला। सभी को अपने-अपने स्वभाव व चरित्र के अनुसार चीज दिखाई दीं। महाकुम्भ में एक ही घाट पर बिना भेदभाव के सभी जाति एवं वर्ग के स्नानार्थी नहाते रहे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो लोग गंगाजल के अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा कर रहे थे, उसका जवाब एक वैज्ञानिक ने दिया है कि यह गंगाजल स्नान योग्य ही नहीं अल्कलाइन वॉटर जैसा शुद्ध है। इस वैज्ञानिक ने प्रयागराज में अपनी स्वयं की लैब में इस जल की शुद्धता को साबित किया है। गंगाजल में वह ताकत है कि वह अपनी शुद्धता को बनाए रखने की सामर्थ्य रखता है। यही कारण है कि इतने बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं के आने के बावजूद वहां यह चीजें देखने को मिल रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सेण्ट्रल पॉल्यूशन कण्ट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि संगम पर फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा 100 मिलीलीटर में 2,500 से कम होनी चाहिए, जो 780 है। फेकल कोलीफॉर्म वाराणसी की ओर जाने वाले घाट पर 280, यमुना में पुराने ब्रिज के पास यह लगभग 760 है। जल की शुद्धता के मानक बी0ओ0डी0, डी0ओ0 और फेकल कोलीफॉर्म हैं। यह तीनों मानक संगम स्थल जहां पर श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं, पॉल्यूशन कण्ट्रोल बोर्ड के मानक के दायरे में हैं। प्रयागराज में कुम्भ क्षेत्र को एक अस्थायी जनपद बनाया गया है। डिजिटल कुम्भ के कारण महाकुम्भ में 28,000 लोगों को उनके परिवारों से मिलाने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रयागराज में श्री अक्षयवट, सरस्वती कूप एवं बड़े हनुमान मन्दिर कॉरिडोर, श्रृंग्वेरपुर में निषादराज की प्रतिमा सहित कॉरिडोर तथा महर्षि भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। बहराइच में महाराजा सुहेलदेव के भव्य स्मारक का निर्माण किया गया है। प्रयागराज में 12 स्मारकों का निर्माण प्रदेश सरकार द्वारा किया गया है। यहां पर 200 से अधिक सड़कों के निर्माण एवं चौड़ीकरण के कार्य, 14 फ्लाईओवर, 09 अण्डरपास इत्यादि विकास सम्बन्धी कार्य किए गए हैं। अवस्थापना सुविधाओं को बेहतर किया गया है। जिसके परिणामस्वरुप देश व दुनिया से लगभग 64 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में आए हैं। महाकुम्भ में आए श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में की गयी अवस्थापना सुविधाओं की तारीफ की है। श्रद्धालुजन उत्तर प्रदेश के बारे में अच्छी धारणा लेकर गये हैं। प्रधानमंत्री जी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विजन का सबसे उत्तम माध्यम महाकुम्भ बना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार उन सभी श्रद्धालुजन के प्रति संवेदना व्यक्त करती है, जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है। सरकार उनके साथ है। आज राजनीति से ऊपर उठकर उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य के बारे में मंथन करने का समय है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वही उत्तर प्रदेश है, जिस उत्तर प्रदेश के लोग अपनी पहचान को छुपाते थे। आज उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार के द्वारा किये गये कार्यों के कारण पहचान का संकट नहीं है। आज उत्तर प्रदेश का परसेप्शन बेहतर हुआ है। महाकुम्भ ने उसे नई ऊँचाई व नई पहचान दी है। अयोध्या, काशी तथा प्रयागराज सहित इन सभी तीर्थ स्थलों पर उमड़ते हुए श्रद्धालु नई सकारात्मक धारणा लेकर चले हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वर्ष देश की आजादी के बाद संविधान को लागू करने का अमृत महोत्सव वर्ष है। 26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था। उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ में भारतरत्न डॉ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा बाबा साहब से जुड़े अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं। यह वर्ष लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयन्ती और भगवान बिरसा मुण्डा की 150वीं जयन्ती का वर्ष है। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का शताब्दी महोत्सव वर्ष भी चल रहा है। यह हमारी सरकार का सौभाग्य है कि हम लोगों ने सामाजिक न्याय से जुड़े इन सभी पुरोधाओं को सम्मान देने का कार्य किया है। काशी में संत रविदास जी की पावन जन्मभूमि सीर गोवर्धन को भव्य रूप देने का कार्य हुआ है।
महर्षि वाल्मीकि के जन्मस्थली लालापुर को भव्य स्वरूप देने का कार्य हो या संत तुलसीदास जी की जन्मस्थली राजापुर को एक भव्य स्वरूप देने का कार्य हो, इन सभी के लिए प्रदेश सरकार ने पूरी प्रतिबद्धता से कार्य किया है। यह वर्ष काकोरी ट्रेन एक्शन का शताब्दी महोत्सव है। 09 अगस्त, 2024 से यह कार्यक्रम आगे बढ़ा है। हमारी सरकार सभी क्रान्तिकारियों के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करने का कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश की स्थापना का भी यह अमृत महोत्सव वर्ष है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक की प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने 24 जनवरी, 2018 को पहली बार उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया। इस आयोजन के साथ उत्तर प्रदेश को पहचान देने के कार्यक्रम आरम्भ हुए। वर्ष 1950 से लेकर वर्ष 2017 तक कभी भी यह आयोजन नहीं हुआ। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर ‘वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट’ योजना (ओ0डी0ओ0पी0) प्रारम्भ की गयी। आज यह सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक है। ओ0डी0ओ0पी0 योजना ने उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोगों को रोजगार दिया है तथा प्रदेश के एक्सपोर्ट को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को गति दी। प्रधानमंत्री जी ने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला’ कहा है।
वर्ष 2019 में प्रदेश में ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ की शुरुआत की गयी। यह उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों को सम्मान देने का कार्यक्रम है, जो लोग गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम करते हैं। पहले ऐसे लोग उपेक्षित पड़े हुए थे। हमने 16 विभिन्न श्रेणियों में उनकी ट्रेनिंग दिलाने, उन्हें टूलकिट उपलब्ध कराने, बैंक से सस्ता ऋण उपलब्ध कराकर आगे बढ़ाने में मदद की। आज पी0एम0 विश्वकर्मा योजना के रूप में यह योजना पूरे देश में चल रही है। लाखों हस्तशिल्पी व कारीगर इस योजना से लाभान्वित हुए हैं।
वर्ष 2020 महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित किया गया था। महिला सुरक्षा सम्मान व स्वावलम्बन के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित किए गए। वर्ष 2021 युवाओं को समर्पित था, जिसमें प्रदेश के युवाओं को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए टैबलेट एवं स्मार्टफोन उपलब्ध कराने के अलावा अनेक कार्यक्रम संचालित किए गए। वर्ष 2022 में आजादी का अमृत महोत्सव और चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव के कार्यों को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया। वर्ष 2023 को निवेश और रोजगार के साथ जोड़ा गया। इस वर्ष यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ, जो देश के सफलतम इन्वेस्टर समिट में से एक था। उत्तर प्रदेश में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
वर्ष 2024 में 500 वर्षों के इन्तजार को समाप्त करते हुए अयोध्या में श्रीरामलला के भव्य मंदिर निर्माण के साथ विरासत को सम्मान देने का कार्य किया गया। वर्ष 2025 में महाकुम्भ के आयोजन के साथ ही ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ लागू किया गया। 24 जनवरी, 2025 को इस अभियान की शुरुआत की गई। इसके अंतर्गत 01 वर्ष में 01 लाख युवा उद्यमी तैयार किए जाने हैं। अभी इस योजना को प्रारम्भ हुए एक माह हुए हैं, 96 हजार से अधिक एप्लीकेशन आ चुके हैं। 76 हजार से अधिक एप्लीकेशन को क्लीयरेंस मिल चुका है। 24 हजार से अधिक को बैंकों ने लोन के साथ जोड़ने की कार्रवाई की है तथा 6,000 से अधिक युवाओं को लोन प्राप्त हो चुका है। इन उद्यमियों को पहले चरण में 05 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन उपलब्ध कराया जाएगा। दूसरे चरण में इन्हें 10 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2012-13 से 2015-2016 के मध्य विद्यालयों में 07 लाख विद्यार्थी कम हुए थे। 06 लाख 22 हजार विद्यार्थियों को पुस्तक ही नहीं उपलब्ध हो पाई थी। 32 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी ऐसे थे, जिन्हें विद्यालय खुलने के 05 माह बाद पुस्तकें मिलीं। 02 यूनिफॉर्म बांटी जानी थी, जबकि 01 ही यूनिफॉर्म बांटी गई। बच्चे टाट-पट्टी पर बैठते थे। 30 प्रतिशत विद्यालयों में टॉयलेट नहीं थे, पेयजल की व्यवस्था नहीं थी। वर्ष 2017 में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 01 करोड़ 34 लाख बच्चे अध्ययन करते थे।
राज्य सरकार द्वारा हर बच्चे को 02 यूनिफॉर्म, बैग, बुक्स, स्वेटर आदि उपलब्ध कराने के लिए प्रति विद्यार्थी 1200 रुपये डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके अभिभावकों के खाते में प्रेषित किये गये। वर्तमान में 01 करोड़ 91 लाख बच्चों को यह सुविधा प्राप्त हो रही है। ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के माध्यम से हर विद्यालय को अच्छी फ्लोरिंग, बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट, पेयजल की सुविधा, स्मार्ट क्लास और लाइब्रेरी सहित अन्य सुविधाओं से आच्छादित किया गया है।
पी0एम0श्री योजना के अन्तर्गत 1,565 विद्यालयों का आधुनिकीकरण, 6,481 जर्जर विद्यालयों का पुनर्निर्माण तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का उच्चीकरण किया गया है। 57 विद्यालयों में मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय की स्थापना की जा रही है, जिसमें प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक इण्टीग्रेटेड कैम्पस होगा। क्वॉलिटी एजुकेशन सरकार की प्राथमिकता है और हम इस दिशा में आगे बढ़ने का कार्य कर रहे हैं। अटल आवासीय विद्यालय इसका उदाहरण है। वनटांगिया ग्रामों में 22 प्राथमिक और 11 उच्च प्राथमिक विद्यालय बनाए जाने के कार्य किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ एवं राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ क्रियाशील हो चुके हैं। प्रदेश में 03 नये विश्वविद्यालय माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मीरजापुर, माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय बलरामपुर, गुरु जम्भेश्वर राज्य विश्वविद्यालय मुरादाबाद के निर्माण की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है।
कुशीनगर में महात्मा बुद्ध के नाम पर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निर्माण को आगे बढ़ाने का कार्य भी प्रदेश सरकार ने प्रारम्भ किया है। निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय बनाए जाने के लिए भी सरकार की एक नीति है। प्रदेश में अनेक निजी विश्वविद्यालय बने हैं, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाया गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अन्तर्गत कोचिंग की व्यवस्था की गई है। यहां फिजिकल और वर्चुअल दोनों माध्यमों से शिक्षा की व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार अन्त्योदय से सर्वोदय के लिए ‘जीरो पॉवर्टी’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। प्रदेश में 02 करोड़ 61 लाख से अधिक घरों में शौचालय बनाए गए। यह केवल शौचालय नहीं हैं, बल्कि इनके माध्यम से नारी गरिमा की रक्षा भी हुई है। 56 लाख गरीब परिवारों को एक-एक आवास मिल गया है। 01 करोड़ 86 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन, 01 लाख 56 हजार परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसी प्रकार अनेक लोगों को विभिन्न योजनाओं से आच्छादित करने का कार्य किया गया है। इनके माध्यम से सरकार प्रत्येक नागरिक के जीवन में समृद्धि लाने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तत्कालीन सरकारों की संवेदनहीनता से प्रदेश के कई जनपदों में इंसेफेलाइटिस से बड़े पैमाने पर बच्चों की मृत्यु होती थी। इन बच्चों में से 90 प्रतिशत बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय या अति पिछड़ी जातियों से सम्बन्धित होते थे। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत सरकार द्वारा चलाए गए एकीकृत अभियान से हम इसे पूरी तरह नियंत्रित करने में सफल हुए हैं।
2017 से पूर्व, थारू, मुसहर, कोल समुदाय बहुत बदहाल स्थिति में थे। इनके पास जमीन के पट्टे, राशन कार्ड, मकान सहित अन्य कोई भी सुविधा नहीं थी। यही स्थिति वनटांगिया, गोंड व चेरो सहित अन्य जनजातियों की थी। डबल इंजन सरकार ने पहले चरण में इन सभी जनजातियों को सेचुरेशन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हर सुविधा से आच्छादित करने का काम किया है।
विगत पौने 08 वर्षों में जो कदम उठाए गए हैं, उसका परिणाम है कि देश में 25 करोड़ और उत्तर प्रदेश में 06 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि अगले तीन वर्षों में 13.5 लाख परिवारों को सैचुरेशन के लक्ष्य तक पहुंच कर उनकी न्यूनतम वार्षिक आय सवा लाख रुपये से डेढ़ लाख रुपये तक लाने का कार्य करेंगे। जीरो पॉवर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में यह एक नया अभियान सरकार प्रारम्भ कर रही है। इसके लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व, उत्तर प्रदेश में हर दूसरे दिन दंगा होता था, बेटियां सुरक्षित नहीं थी, लोगों का पलायन हो रहा था। वर्ष 2017 के बाद इसमें बदलाव आया। एन0सी0आर0बी0 के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 की तुलना में अपराधों में उल्लेखनीय कमी आयी है। एन0सी0आर0बी0 के आंकड़ें यह दिखाते हैं कि वर्ष 2016 की तुलना में डकैती की घटना में 84.41 प्रतिशत की कमी आयी, लूट में 77.73 प्रतिशत की कमी, हत्या में 41.01 प्रतिशत की कमी, बलवा की घटनाओं में 66.40 प्रतिशत की कमी, फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं में 54.72 प्रतिशत की कमी आयी है। दहेज हत्या में 17.08 प्रतिशत की कमी, बलात्कार की घटनाओं में 26.15 प्रतिशत की कमी आई है। महिला सम्बन्धी अपराधों में संलिप्त अपराधियों को सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। अब एफ0आई0आर0 ऑनलाइन हो रही है।
विगत 8 वर्षों में प्रदेश में अनेक रिफॉर्म किये गये हैं। हमने सात जनपदों लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर व प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया है। सहारनपुर, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर में ए0टी0एस0 की फील्ड यूनिट का गठन हुआ है। पी0ए0सी0 की तीन महिला बटालियन लखनऊ में वीरांगना ऊदा देवी के नाम पर, गोरखपुर में वीरांगना झलकारीबाई के नाम पर और बदायूं में रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर गठित हुई हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बलरामपुर, जालौन, मीरजापुर, शामली, बिजनौर एवं सम्भल में पी0ए0सी0 की नई बटालियन का गठन होने जा रहा है। प्रदेश में स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की 06 वाहिनियां गठित हुई हैं। प्रदेश में नार्कोटिक्स टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है। साइबर क्राइम मुख्यालय लखनऊ में एडवांस्ड साइबर फॉरेंसिक लैब, 18 रेंज में बेसिक साइबर फॉरेंसिक लैब और 57 जनपदों में साइबर क्राइम थाना की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाते हुए हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है।
प्रदेश में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस का गठन किया जा चुका है। गत वर्ष से इसका सत्र भी प्रारम्भ हो चुका है। पौने 08 वर्ष में 01 लाख 56 हजार पुलिस कार्मिकों की भर्ती सफलतापूर्वक सम्पन्न की गई है। वर्तमान में 60 हजार 200 पुलिस कार्मिकों की भर्ती प्रक्रिया संचालित है, जिसमें मेडिकल और फिजिकल का चरण चल रहा है। इसके बाद 30 हजार नई भर्ती प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया जाएगा। पुलिस भर्ती के साथ-साथ प्रदेश सरकार ने पुलिस अवस्थाना सुविधाओं को भी आगे बढ़ाया है।
ए0टी0एस0 को अत्याधुनिक तकनीक और आधुनिक अस्त्र प्रदान किए गए हैं। इसका परिणाम है कि वर्ष 2017 से अब तक 130 आतंकवादियों तथा बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। वर्ष 2017 में पी0आर0बी0 112 का रिस्पान्स टाइम 25 मिनट 42 सेकेण्ड से घटकर आज 07 मिनट 24 सेकेण्ड हुआ है। ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र’ के अन्तर्गत 17 नगर निगमों तथा गौतमबुद्धनगर जनपद में गृह विभाग तथा नगर विकास विभाग की ओर से तथा जनता के सहयोग से 11 लाख से अधिक सी0सी0टी0वी0 कैमरों से आच्छादित किया गया है। इसे सुरक्षा, ट्रैफिक कण्ट्रोल तथा स्वच्छता कार्यों की मॉनीटरिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ के तहत जुलाई, 2023 से दिसम्बर, 2024 तक 51 अभियुक्तों को मृत्युदण्ड, 6,287 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 1091 अभियुक्तों को 20 वर्ष से अधिक का कारावास, 3,867 अभियुक्तों को 10 वर्ष से 19 वर्ष तक का कारावास और 5,788 अभियुक्तों को 05 वर्ष से 09 वर्ष तक की सजा तथा 51,748 अभियुक्तों को 05 वर्ष तक की सजा से दण्डित कराया गया है। नवम्बर, 2019 से माफिया गैंग के विरुद्ध विचाराधीन कार्यवाही में प्रभावी कार्रवाई करते हुए 31 माफियाओं और 7,400 अपराधियों को अलग-अलग अभियोगों में आजीवन कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित कराने के साथ-साथ 02 को मृत्युदण्ड दिलाया गया है।
प्रदेश सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए भी बहुत अच्छे कदम बढ़ाए हैं। वर्ष 1947 से लेकर वर्ष 2017 तक प्रदेश पुलिस बल में जितनी महिला कार्मिक थी, वर्तमान में उससे चार गुना अधिक महिला कार्मिक उत्तर प्रदेश पुलिस बल में मौजूद है। महिला वर्कफोर्स वर्ष 2014-18 में 14.2 प्रतिशत था, जो आज बढ़कर 35.01 प्रतिशत हो गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश 01 करोड़ 04 लाख लोगों को प्रतिवर्ष 12 हजार रुपये निराश्रित महिला, वृद्धावस्था तथा दिव्यांगजन पेंशन प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 03 लाख 22 हजार जोड़ों के विवाह का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है। लाखों बहनों को ड्रोन दीदी के रूप में नैनो यूरिया, नैनो डी0ए0पी0 और कृषि रसायनों के छिड़काव के लिए ड्रोन प्रशिक्षण और ड्रोन उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है। इससे उनकी आय में कई गुना वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज प्रदेश में किसी भी गरीब के लिए अपना उपचार कराना कठिन नहीं है। आयुष्मान भारत योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से प्रदेश में 10 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष 05 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार के कर्मचारियों को पण्डित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत निःशुल्क स्वास्थ्य की सुविधा भी उपलब्ध है।
प्रदेश में प्रत्येक विधायक एवं विधान परिषद सदस्य को भी अपनी निधि से प्रतिवर्ष एक निश्चित धनराशि पीड़ित व्यक्ति को देने का अधिकार है। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से विगत पौने आठ वर्षों से बिना भेदभाव के धनराशि प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से सभी प्रदेशवासियों को धनराशि प्राप्त करने का अधिकार है। आवश्यकता पड़ने पर पीड़ित व्यक्ति को और अधिक धनराशि भी उपलब्ध करायी जाती है। कोई भी मानव क्षति परिवार व समाज के साथ ही, प्रदेश की क्षति मानी जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के बाद से वर्ष 2017 तक प्रदेश में सिर्फ 17 गवर्नमेंट सेक्टर के मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो पाया था। आज प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण की कार्यवाही को डबल इंजन की सरकार आगे बढ़ा रही है। नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में अच्छे चिकित्सा शिक्षक की तैनाती की जा रही है। जिलाधिकारी को भी यह अधिकार दिया गया है कि अच्छे चिकित्सकों की नियुक्ति भी जनपद के जिला अस्पताल, सी0एच0सी0 में तैनाती की व्यवस्था की जाए। मेडिकल कॉलेज में अच्छी फैकल्टी हो, सुपर स्पेशियलिटी के द्वार खोले जाएं, इस पर भी तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक रविवार को पी0एच0सी0 स्तर पर मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार की सभी स्वास्थ्य स्कीमों का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को प्राप्त हो सके यह कार्यक्रम भी युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रत्येक जनपद में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। प्रत्येक जिले में ब्लड बैंक, प्लेटलेट्स की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। मेडिकल कॉलेज के साथ पैरामेडिकल एवं नर्सिंग की पढ़ाई हो सके, जिससे उन्हें टेक्निकल स्टाफ भी प्राप्त हो सके के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया गया है।
एस0जी0पी0जी0आई0 के भी सभी पद लगभग भरे जा चुके हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा एस0जी0पी0जी0आई0 में 08 नए विभागों का गठन किया गया है। वह सुविधा जो पहले प्रदेश ही नहीं देश में बहुत कम स्थान पर थी, एस0जी0पी0जी0आई0 संस्थान में प्राप्त हो रही है। 1,200 बेड की क्षमता वाला हॉस्पिटल आज 2,200 बेड की क्षमता के हॉस्पिटल के रूप में काम कर रहा है। आज एस0जी0पी0जी0आई0 उत्तर भारत के एक अच्छे संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डेंगू के मामलों में प्रदेश में मृत्यु दर में 95 प्रतिशत तथा मलेरिया में 56 प्रतिशत की कमी आयी है। उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक गोल्डन कार्ड जारी करने वाला प्रदेश है। वर्ष 2017 में प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेजों में मात्र 1,990 एम0बी0बी0एस0 की सीटें थी। आज यह बढ़कर 5,250 हो गई है। निजी मेडिकल कॉलेज में एम0बी0बी0एस0 की सीटें 2,550 से बढ़कर 6,550 हो गई है।
वर्ष 2017 में राजकीय क्षेत्र में पी0जी0 की सीटें 741 थी, आज यह बढ़कर 1,871 हो गई हैं। इसी प्रकार निजी क्षेत्र में वर्ष 2017 में कुल 480 पी0जी0 की सीटें थी, आज यह बढ़कर 2100 हो गई है। वर्ष 2017 में सुपर स्पेशियलिटी की सीटें 120 थी, आज यह बढ़कर 250 हो गई है। एस0जी0पी0जी0आई0 लखनऊ में 08 नए विभाग क्रियाशील हुए हैं। आई0आई0टी0 कानपुर में 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय के साथ ही, स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एण्ड टेक्नोलॉजी की स्थापना के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सहभागी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि और कृषि से जुड़े हुए सेक्टर में भी व्यापक परिवर्तन हुए हैं। वर्ष 2017 में पहली कैबिनेट में ही अन्नदाता किसानों के ऋण माफी कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया था। 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपये से अधिक के ऋण माफ किए गए थे। वर्तमान में हर किसान की आमदनी को डेढ़ से दोगुना तक बढ़ाने में हमें सफलता मिली है। उत्तर प्रदेश में पहली बार किसानों को लागत का डेढ़ गुना एम0एस0पी0 प्राप्त हो रहा है। प्रोक्योरमेण्ट सेण्टर के माध्यम से किसानों की उपज क्रय करते हुए, उपज का मूल्य उनके खाते में भेजा जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ प्रदेश के किसानों को प्राप्त हो रहा है। वर्ष 2024-25 में 495 करोड़ 41 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति इसके तहत प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से अब तक गन्ना किसानों को 02 लाख 73 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। यह वर्ष 1995 से 2017 के बीच के 22 वर्षों में हुए कुल गन्ना मूल्य भुगतान की तुलना में अधिक है। हमने 03 नई चीनी मिलों की स्थापना, 06 चीनी मिलों का पुनर्संचालन एवं 38 चीनी मिलों की क्षमता का विस्तार करते हुए 01 लाख 25 हजार लोगों को इसके माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया है। 285 खाण्डसारी इकाइयों की स्थापना करके 41,800 लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है। उत्तर प्रदेश चीनी, गन्ना तथा एथेनॉल उत्पादन में देश में नम्बर एक पर स्थापित हुआ है। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 60 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत पौने 08 वर्षों में प्रदेश में उठाए गए कदम बहुत सार्थक हैं। आजादी के बाद से वर्ष 2017 तक कुल 01 लाख 28 हजार 494 मजरों तक बिजली पहुंची थी। वर्ष 2017 से अब तक राज्य सरकार ने 01 लाख 21 हजार मजरों में बिजली पहुंचाने का कार्य किया है। वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य 08 लाख लोगों को विद्युत कनेक्शन दिए गए थे। वर्ष 2017 से अब तक 01 करोड़ 65 लाख लोगों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में विद्युत आपूर्ति की स्थिति अच्छी नहीं थी। आज बलिया से बिजनौर, सिद्धार्थनगर से चित्रकूट, सोनभद्र से सहारनपुर और आगरा से चन्दौली कहीं भी चले जाएं, रात्रि में सर्वत्र विद्युत की रोशनी दिखाई देगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद मुख्यालयों को 24 घण्टे, तहसील मुख्यालय पर 20 से 22 घण्टे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। वर्ष 2016 के पहले पीक समय में कुल 16,000 मेगावॉट विद्युत सप्लाई की जाती थी। वर्तमान में यह लगभग 33,000 मेगावॉट तक पहुंच जाती है। प्रदेश सरकार ने ग्रीन एनर्जी के उत्पादन के लिए भी अनेक कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भी अनेक कदम उठाए हैं। गंगा एक्सप्रेस-वे बनने के बाद देश के 55 प्रतिशत एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश में होंगे। प्रदेश में सबसे अच्छा रेल नेटवर्क है। प्रदेश के 06 शहरों में मेट्रो संचालित हो रही है। देश की पहली रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के मध्य संचालित हो रही है। प्रदेश में सबसे अच्छा हाईवे का नेटवर्क भी मौजूद है। प्रदेश की इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को 4-लेन किया जा चुका है। जिला मुख्यालय को 4-लेन से जोड़ने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब तहसील मुख्यालय को 4-लेन से जोड़ने की दिशा में सरकार आगे बढ़ी है। इस बार सरकार ने ब्लॉक मुख्यालयों को 2-लेन से जोड़ने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। 250 की आबादी के हर मजरे को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जोड़ने के कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत के विकास में ग्रोथ इंजन के रूप में अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर सके इसके लिए कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाना है। इस दृष्टि से प्रयागराज में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रयागराज को मीरजापुर, भदोही, वाराणसी, चन्दौली और गाजीपुर होते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे को बढ़ाए जाने, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को गाजीपुर से चन्दौली, सोनभद्र होते हुए शक्तिनगर तक ले जाने, गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज से चित्रकूट तक बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे से जोड़ने और गंगा एक्सप्रेस-वे को मेरठ से हरिद्वार तक बढ़ाए जाने के निर्णय लिए गए हैं। इस बार के बजट में इसके लिए धनराशि का प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज में नैनी सिग्नेचर ब्रिज के समानान्तर एक नए ब्रिज और शास्त्री ब्रिज के समानान्तर एक नए ब्रिज के निर्माण कार्यक्रम को सरकार ने आगे बढ़ाया है, जिससे यातायात को व्यवस्थित रूप से संचालित किया जा सके और आगामी कुम्भ तथा महाकुम्भ के आयोजन को भव्यता के साथ आयोजित किया जा सके। शाहजहांपुर व फर्रुखाबाद को गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए बजट में प्राविधान किया गया है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए इस बजट में प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में केवल लखनऊ और वाराणसी के 02 एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील तथा 02 अन्य एयरपोर्ट आंशिक रूप से क्रियाशील थे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 04 अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट-लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या और कुशीनगर में तथा 16 डोमेस्टिक एयरपोर्ट संचालित हैं। जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट अप्रैल तक संचालित किए जाने की दिशा में तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है।
हल्दिया से वाराणसी के मध्य वॉटर-वे प्रारम्भ हो चुका है। वाराणसी से प्रयागराज के मध्य वॉटर-वे के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में इनलैण्ड वॉटर-वे अथॉरिटी का गठन कर लिया गया है। यह अथॉरिटी उपर्युक्त वाटर-वे के साथ ही, बलिया से अयोध्या के बीच वॉटर-वे के निर्माण कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाएगी। अन्य जनपदों में भी इनलैण्ड वॉटर-वे की सम्भावनाओं को साकार करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। यह कार्य लैण्डलॉक्ड स्टेट की बाधाओं को दूर करते हुए उत्तर प्रदेश की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रदेश के 10 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में घोषित किया था। राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत 07 अन्य शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया है। इस बजट में हमने जिला मुख्यालय से जुड़े नगर निकाय को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश में एक नई औद्योगिक क्रान्ति प्रारम्भ की है। इसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में निवेश की नई सम्भावनाएं बनी हैं। 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतर चुके हैं। 60 लाख नौजवानों को इसके माध्यम से नौकरी मिली है। प्रदेश में 33 सेक्टोरल पॉलिसीज का निर्माण किया गया है। निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से 500 से अधिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। निवेश सारथी पोर्टल के माध्यम से एम0ओ0यू0 किए जाने के बाद मॉनीटरिंग का कार्य किया जा रहा है। निवेशकों को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के इन्सेण्टिव वितरण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बेहतरीन निवेश गंतव्य वाला राज्य बना है। इसके लिए प्रदेश ने ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में अनेक रिफॉर्म किए, लैण्ड बैंक बढ़ाया तथा नए-नए क्षेत्रों में पॉलिसी बनायी।
एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र में निवेश के माध्यम से 02 करोड़ से अधिक नौजवानों और साढ़े सात लाख से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरी उपलब्ध करायी गई है। इस बार के बजट में आउटसोर्सिंग और संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन देने की गारण्टी से जोड़ा गया है। इसके लिए एक निगम का गठन किया जा रहा है। यह सभी योजनाएं प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। जब सरकार सही नियत से टीमवर्क से कार्य करती है, तो परिणाम सामने आते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश अनेक क्षेत्रों में देश में प्रथम स्थान पर है। पर्यटकों के लिए उपलब्ध करायी गई सुविधाओं से उत्तर प्रदेश आज देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने, पी0एम0 स्वनिधि योजना, स्वामित्व योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत सर्वाधिक घरों में शौचालय बनाने में उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश अचीवर स्टेट है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सर्वाधिक जन-धन अकाउण्ट खोलने में उत्तर प्रदेश नम्बर एक पर है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत 06 करोड़ 52 लाख नामांकन, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 02 करोड़ 28 लाख रजिस्ट्रेशन तथा अटल पेंशन योजना में 01 करोड़ 12 लाख रजिस्ट्रेशन के साथ उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। कृषि के क्षेत्र में डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराने एवं जेम पोर्टल के माध्यम से सर्वाधिक सरकारी खरीद में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। सर्वाधिक चीनी, खाद्यान्न, आम, दुग्ध, आलू, शीरा एवं एथेनॉल उत्पादन में उत्तर प्रदेश लगातार प्रथम स्थान पर है। वृक्षारोपण अभियान में भी उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन और कौशल विकास नीति को लागू करने में भी उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि विपक्ष के सदस्यगण अपने वैचारिक मतभेद के बावजूद राज्य की 25 करोड़ आबादी के हितों को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में अगर एक सकारात्मक पहल के साथ आगे बढ़ना प्रारम्भ करें, तो उत्तर प्रदेश को देश की नम्बर एक अर्थव्यवस्था बनने में कोई सन्देह नहीं रहेगा।
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