मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में नगर निगम द्वारा 172 लाख रु0 की लागत
से विकसित किए जा रहे नानाजी देशमुख पार्क का शिलान्यास किया

सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वामी विवेकानन्द
की प्रतिमा का अनावरण तथा विद्यालय के पूर्व छात्रों को सम्बोधित किया

स्वामी विवेकानन्द जी ने उस कालखण्ड में जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा
हुआ था, वैश्विक पटल पर सनातन वैदिक संस्कृति को प्रतिष्ठित किया : मुख्यमंत्री

स्वामी विवेकानन्द ने सदैव भारत और भारतीयता की बात की
 
स्वामी जी के आदर्शों पर चलकर कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर

‘स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना’ के तहत
02 करोड़ युवाओं को टैबलेट व स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जा रहे

 
लखनऊ : 12 जनवरी, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में नगर निगम द्वारा 172 लाख रुपये की लागत से विकसित किए जा रहे भारतरत्न नानाजी देशमुख पार्क का शिलान्यास किया तथा रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किया। इस पार्क का निर्माण 1,800 वर्गमीटर क्षेत्रफल में किया जाएगा। पार्क का निर्माण हो जाने के पश्चात इसमें नानाजी देशमुख की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उन्होंने प्रतिमा के प्रस्तावित थ्री-डी मॉडल का अवलोकन भी किया।
इसके उपरान्त मुख्यमंत्री जी ने सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वामी विवेकानन्द की जयंती ‘युवा दिवस’ पर स्वामी विवेकानन्द जी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद विद्यालय के पूर्व छात्रों के सम्मेलन को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने उस कालखण्ड में जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, वैश्विक पटल पर सनातन वैदिक संस्कृति को प्रभावी ढंग से प्रतिष्ठित किया। इस युवा सन्यासी ने अपने विचारों और आचरण की सभ्यता से राष्ट्र के प्रति चेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई। महज 42 वर्ष की उम्र में काया को छोड़ देने वाले स्वामी विवेकानन्द ने सदैव भारत और भारतीयता की बात की। उनकी जयंती पर आज पूरा देश उन्हें भारत माता के महान सपूत और राष्ट्रीय-आध्यात्मिक गुरु के रूप में याद कर उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो सम्मेलन में जब भारतीय सनातन मूल्यों को वैश्विक मंच पर रखा, तो दुनिया मंत्रमुग्ध और भाव विभोर हो गई। स्वामी जी ने कहा था कि सनातन धर्म सबसे प्राचीन धर्म है। हर भारतवासी को इस पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। स्वामी जी की शिक्षा है कि हम सबका एक ही धर्म होना चाहिए, राष्ट्रधर्म। भारत ने स्वामी विवेकानन्द के विचारों का अनुसरण किया, तो देश को आजाद होने में समय नहीं लगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द का मानना था कि चुनौती जितनी कठिन होगी, उसके अनुरूप परिश्रम करने पर सफलता और शानदार होगी। उनके अनुसार परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। स्वामी जी के आदर्शों पर चलकर कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गया है और तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इससे प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी, शिक्षा, स्वास्थ्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर के नए दौर की शुरुआत होगी। भारत वैश्विक टेक्नोलॉजी का हब बनेगा। देश में हर चेहरे पर खुशहाली होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वामी जी के आदर्शों के अनुरूप युवाओं को समय के अनुरूप सक्षम बनाने के लिए ‘स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना’ के तहत
02 करोड़ युवाओं को टैबलेट व स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों के अनुरूप शिक्षा देने और राष्ट्रीयता का भाव जाग्रत करने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर की शुरुआत नानाजी देशमुख ने गोरखपुर से की थी। स्वामी विवेकानन्द के विचारों को सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालयों ने हमेशा अंगीकार किया है। स्वामी जी के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए देशभर में सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालयों की लम्बी श्रृंखला है। आज इन शिक्षा मंदिरों के जरिये जनजातीय क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। आज नानाजी देशमुख के नाम पर एक पार्क का शिलान्यास किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम के दौरान हस्तलिखित 02 पत्रिकाओं का विमोचन किया तथा माँ दुर्गा पर केंद्रित एक भावपूर्ण नृत्य नाटिका का अवलोकन कर बच्चों का उत्साह बढ़ाया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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