बन्द कमरे में अंगीठी जलाकर न सोयें: जिलाधिकारी


✍️✍️संवाददाता:- राम कुमार यादव

ठंड के मद्देनज़र डीएम ने जारी की एडवाईज़री 
गौशालाओं में भी किये गये हैं माकूल बन्दोबस्त



बहराइच / ब्यूरो । शीतलहर व ठंड के मौसम में जनसुरक्षा एवं जनस्वास्थ्य के उद्देश्य से जिलाधिकारी मोनिका रानी ने जनपदवासियों से अपील की है कि बंद कमरे में अंगीठी जलाकर न सोयंे। अंगीठी जलने से हानिकारक गैस निकलती है जो कि मानव शरीर के लिए हानिकारक है। डीएम ने कहा कि बन्द कमरे में अंगीठी जलाकर सोने से दुर्घटना भी हो सकती है। डीएम ने बताया कि ठंड व शीतलहर को देखते हुए मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 250 से अधिक स्थानों पर अलाव जलवाये जा रहे हैं। अलाव सही समय पर जलें इसके लिए अलावों की जियो टैग फोटो भी मंगायी जा रही है तथा आपदा प्रहरी एैप के माध्यम से लाईव फोटो भी अपलोड की जा रही है। 
डीएम ने बताया कि अत्यधिक ठण्ड एवं शीतलहरी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के दृष्टिगत निराश्रित एवं असहाय तथा कमज़ोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों को राहत पहुॅचाये जाने के उद्देश्य से जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में मा. जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा 06 हज़ार से अधिक कम्बल का वितरण भी किया गया है। डीएम ने बताया कि जिले में एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार व अन्य राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि शाम के समय भ्रमणशील रहकर अलाव व रैन बसेरों की व्यवस्था का जायज़ा लेते रहें तथा ज़रूरतमन्द लोगों को कम्बल का वितरण करें। डीएम ने बताया कि जिले में स्थापित गौआश्रय स्थलों पर संरक्षित गोवंशों को शीत लहर व ठंड से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से अलाव व तिरपाल की व्यवस्था की गई है तथा उच्चाधिकारियों द्वारा भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया जा रहा है।
डीएम द्वारा आमजन को सुझाव दिया गया है कि शीतदंश (फ्रासबाइट) के लक्षणों पर नजर रखे जैसे शरीर के अंगों का सुन्न पढ़ना, हाथों में पैरों की उंगलियों, कान, नाक आदि पर सफेद या पीले दाग उभर आने पर अपने नजदीकी अस्पताल में सम्पर्क करें। ठंड में सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढकें। ठंड में फर्श तथा हरे घास पर नंगे पैर न चलें। हाइपोथर्मिया के लक्षणों पर नजर रखें जैसे-असामान्य शरीर का तापमान, याददाश्त का कमजोर होना, बेहोशी असीमित ठिठुरन, थकान तुतलाना इत्यादि जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर नजदीकी अस्पताल में सम्पर्क करें। अत्यधिक ठंड/कोहरा पड़ने पर वृद्धजनों तथा बच्चों तथा अकेले रहने वाले पड़ोसियों का ख्याल रखने के साथ-साथ किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी पुलिस स्टेशन पर सम्पर्क करें। लोगों को अपने आप को सूखा रखने, फिटिंग वाले ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनने तथा स्वस्थ भोजन, विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं जाने की सलाह दी गई है ताकि शरीर के तापमान का संतुलन बना रहे। 
डीएम मोनिका रानी ने लोगों को यह भी सुझाव दिया है कि ठंड में जहां तक हो सके घर में ही रहें, खुले वाहन तथा ज्यादा दूरी वाली यात्रा करने से बचें। आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें, शरीर में ऊष्मा प्रवाह को बनाये रखने के लिए निरन्तर गर्म पेय पदार्थों का सेवन करते रहें। कई स्तरों वाले गर्म कपड़े जैसे ऊनी कपड़े, स्वेटर टोपी मफलर इत्यादि का प्रयोग करें जिससे ठंड से बचा जा सके। इसके अलावा स्थानीय रेडियो सुने, समाचार पत्र पढ़े, टेलीविज़न एवं मोबाइल फोन के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहें तथा तद्नुसार दी गयी सलाह एवं सुझाव का पालन करें।
                             

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