हज़रत सैय्यद सूफी सन्त ख्वाजा गरीब नवाज चिश्ती मोईनुद्दीन हसन संजरी के 813 वां उर्स पाक के मौके पर तहसील उतरौला क्षेत्र एवं कस्बे में उनके नाम की महफिल सजाई गई है,और फातिहा ख्वानी के साथ-साथ जिक्र-ए- ख्वाजा गरीब नवाज का उर्से पाक मनाया गया है। इससे पुरे मुल्क में खुशहाली तरक्की और अमन रहने की दुआ भी मांगी गई। क्षेत्र के मस्जिदों मदरसों एवं घरों में तकरीरी प्रोग्राम का आयोजन कर जिक्रे ख्वाजा के दास्तां को सुनाया गया।और उनके नाम पर फातिहां कराने के बाद लंगर भी बांटे गए। ख्वाजा के लंगर में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। नगर क्षेत्र के राजा बाजार में फरहत रज़ा,सुल्तान खान,आसिफ, राजा ने लोगों के सहयोग से लंगरे ख्वाजा का एहत माम किया। ख्वाजा का लंगर पाने के लिए अकी दत मंदों की काफी भीड़ रही। उलेमाओं ने ख्वाजा साहब के जीवन पर रोशनी भी डाली। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज इस्लाम धर्म के लिए एक महान सूफी सन्त थे, जिन्होंने गरीबों की भलाई के लिए कई कार्य किए हैं। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती संजरी अजमेरी एक प्रसिद्ध सूफी सन्त होने के साथ साथ इस्लामिक विद्वान और दार्शनिक भी थे। ख्वाजा साहब का उर्स समाज में अमन व आप सी भाई चारे का पैगाम देता है। राजस्थान में स्थित अजमेर में उनके दरगाह से सभी धर्मों के लोगों की आस्था भी जुड़ी हुई है। इसे सर्व धर्म सद्भाव की अदभुत मिसाल भी कहा जाता है। इस दौरान कई स्थानों और घरों पर ख्वाजा साहब के नाम की फातिहा ख्वानी और जिक्र-ए-ख्वाजा गरीब नवाज का आयोजन भी किया गया है। इस मौके पर सफ्फू, नोमान, आकिब रजा, मोनू, मोहम्मद आजम, अख्तर अली, मोहम्मद अकरम सहित तमाम अकीदत मन्द मौजूद रहे।

      हिन्दी संवाद न्यूज से
     असगर अली की खबर
      उतरौला बलरामपुर। 

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