क्विक हील फाउंडेशन की सीएसआर पहलों ने 64.78 लाख लोगों की जिंदगी बदली, 'साइबर शिक्षा फॉर साइबर सुरक्षा' अवार्ड्स 2025 में वॉलंटियर्स को किया सम्‍मानित

 

12 जनवरी, 2025: क्विक हील टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की सीएसआर शाखा, क्विक हील फाउंडेशन ने ‘साइबर शिक्षा फॉर साइबर सुरक्षा’ अवार्ड्स 2025 का आयोजन किया। यह कार्यक्रम उन संस्थानों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के समर्पित प्रयासों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया, जिन्होंने भारत में साइबर सुरक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

 

इस खास मौके पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी. पी. राधाकृष्णन, पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर सोलापुर यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. प्रकाश महानवर और क्विक हील फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुश्री अनुपमा काटकर ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इसके अलावा, क्विक हील की लीडरशिप टीम के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. कैलाश काटकर, संयुक्त प्रबंध निदेशक डॉ. संजय काटकर, और सीईओ श्री विशाल साल्वी भी उपस्थित रहे।

 

‘साइबर शिक्षा फॉर साइबर सुरक्षा’ पहल युवाओं को जरूरी डिजिटल और नेतृत्व कौशल से सशक्त बनाने पर जोर देती है। यह उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए एक मंच भी देती है। यह कार्यक्रम ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच को साकार करने में मदद करता है, खासकर उन समुदायों के लिए जो अब तक इस पहल से दूर रहे हैं। नुक्कड़ नाटक, वर्कशॉप, और डिजिटल अभियानों जैसे अनोखे तरीकों से यह पहल अब तक लाखों लोगों तक पहुंच चुकी है।

 

इसका असर 120 से अधिक संस्थानों के साथ साझेदारी, 4600 से ज्यादा साइबर वॉरियर्स को प्रशिक्षण, और 55.92 लाख से अधिक स्कूली और कॉलेज के छात्रों को जागरूक करने में साफ दिखता है। ‘अर्न एंड लर्न’ प्रोग्राम के तहत इस पहल ने 12 राज्यों में अपनी पहुंच बनाई है, जबकि नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से 13 राज्यों में लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया है।

 

संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) 4, 5, 8, 9, 10, और 17 के अनुसार, यह पहल डिजिटल साक्षरता की कमी को दूर करने और सुरक्षित तथा जिम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है।

 

इस साल के अवार्ड्स में उन शिक्षकों, क्‍लब ऑफिसर्स और संस्‍थानों के योगदानों की सराहना की गई, जिन्होंने साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने में बेहतरीन नेतृत्व और समर्पण दिखाया। इन प्रयासों ने युवाओं को डिजिटल सुरक्षा के लिए बदलाव का दूत बनने और एक सुरक्षित डिजिटल माहौल बनाने में प्रेरित किया।

 

अध्‍यापकों को उनके महत्वपूर्ण प्रयासों के लिए बेस्‍ट प्रिंसिपल अवार्ड और बेस्‍ट टीचर अवार्ड जैसे सम्मान दिए गए। ये अवार्ड उन प्रिंसिपल्स और शिक्षकों को दिए गए, जिन्होंने छात्रों का मार्गदर्शन करने और साझेदारी को बढ़ावा देने में उत्कृष्टता दिखाई। क्‍लब ऑफिसर्स, यानी छात्रों, को उनके नेतृत्व और योगदान के लिए सराहा गया। बेस्‍ट परफॉर्मिंग टीम अवार्ड, बेस्‍ट प्रेसिडेंट अवार्ड, और बेस्‍ट कम्‍युनिटी डायरेक्‍टर अवार्ड जैसे सम्मान उनके उल्लेखनीय प्रयासों के लिए दिए गए।

 

संस्थानों को भी उनके प्रयासों के लिए पुरस्कृत किया गया। बेस्‍ट न्‍यू क्‍लब अवार्ड उन नए संस्थानों को दिया गया जो जुड़ने के बाद से ही बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे, जबकि साइबर स्‍मार्ट क्‍लब अवार्ड उन संस्थानों को मिला जिन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रयासों से समुदायों को शिक्षित करने में उत्कृष्टता दिखाई। सबसे प्रतिष्ठित बेस्‍ट क्‍लब ओवरऑल अवार्ड उस संस्थान को मिला जिसने अपनी पहलों में अद्वितीय नेतृत्व और उम्मीद से बढ़कर काम किया, जिससे समुदाय में व्यापक प्रभाव पड़ा।

 

इस अवसर पर क्विक हील फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुश्री अनुपमा काटकर ने कहा कि साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने की हमारी यात्रा लगातार मजबूत हो रही है, जिसमें युवाओं का सशक्तिकरण और विकास सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि आज की उपलब्धियां हमारे प्रतिभागियों के समर्पण, साहस और रचनात्मकता को दिखाती हैं। ये वही युवा हैं जो भविष्य में हमारे देश के साइबर सुरक्षा लीडर बन सकते हैं और एक सुरक्षित डिजिटल भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

 

विद्यार्थियों, शिक्षकों और संस्थानों की मेहनत और प्रतिबद्धता को देखकर मुझे बहुत गर्व और आभार महसूस हो रहा है। उनकी कोशिशें न केवल लोगों को डिजिटल सुरक्षा का ज्ञान देती हैं, बल्कि हमारे समाज के डिजिटल ढांचे को भी मजबूत बनाती हैं।

 

उन्होंने आगे कहा कि हम सभी मिलकर कल के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ तैयार कर रहे हैं, जो न केवल बदलाव लाएंगे, बल्कि ज्ञान और उम्मीद के जरिए पूरे समाज को सशक्त बनाएंगे। इससे हमारा भविष्य अधिक सुरक्षित और समृद्ध बनेगा। सुश्री काटकर ने महाराष्ट्र साइबर, स्थानीय पुलिस और राज्य प्रशासन सहित अपने सभी सहयोगियों और उद्योग निकायों का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस पहल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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