मुख्यमंत्री ने 07 दिवसीय खादी महोत्सव-2025 का शुभारम्भ किया

खादी भारत का स्वाभिमान : मुख्यमंत्री

खादी महोत्सव हस्तशिल्पियों, कारीगरों, बुनकरों व
छोटे उद्यमियों के उत्पादों को मार्केट प्रदान करने का मंच

पहले चरण में खादी महोत्सव प्रदेश के विभिन्न मण्डलों में आयोजित किए जाएं

खादी रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण माध्यम बनकर उभरा, खादी एवं ग्रामोद्योग
विभाग ने विगत 07 वर्षों में 3.50 लाख से अधिक लोगों को रोजगार
उपलब्ध कराने में अपना योगदान दिया

हमें अपने स्थानीय उत्पादों को मार्केट तक शीघ्र पहुंचाने का एक तंत्र विकसित करना होगा

ओ0डी0ओ0पी0 योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री जी के
‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा

उ0प्र0 माटी कला बोर्ड से जुड़े लोगों या माटी कला के कारीगरों को प्रदेश सरकार ने वर्ष
में अप्रैल से जून माह तक गांव के तालाब से निःशुल्क मिट्टी निकालने की अनुमति दी

राज्य सरकार ने उ0प्र0 माटी कला बोर्ड से जुड़े
लोगों को मैनुअल, सोलर व इलेक्ट्रिक चाक उपलब्ध कराये

मिट्टी के बर्तन ब्राण्ड बन चुके, दीपोत्सव कार्यक्रम ने घर-घर मिट्टी के दीप जलाने
की एक नई परम्परा की शुरुआत की, लाखों लोगों को इसके माध्यम से रोजगार प्राप्त हुआ

प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में 240 से अधिक
स्टॉल खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा स्थापित किए गए

खादी महोत्सव में उ0प्र0 माटी कला बोर्ड से जुड़े लोगों को इलेक्ट्रिक चाक वितरित किए गए
 
लखनऊ : 11 जनवरी, 2025

     मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां खादी महोत्सव-2025 का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खादी भारत का स्वाभिमान है। यह स्वदेशी है, इसलिए हमारा स्वाभिमान है। खादी महोत्सव हस्तशिल्पियों, कारीगरों, बुनकरों व छोटे उद्यमियों के उत्पादों को मार्केट प्रदान करने का एक मंच है। खादी महोत्सव उत्तर प्रदेश व देश के अन्य राज्यों के हस्तशिल्पियों और कारीगरों को एक दूसरे की तकनीक को जानने व समझने का अवसर प्रदान करता है। हमें अच्छी चीज जहां कहीं से भी मिले, उसे स्वीकार व अंगीकार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह महोत्सव 11 से 17 जनवरी, 2025 तक आयोजित किया जाएगा। खादी महोत्सव केवल लखनऊ में ही नहीं, बल्कि पहले चरण में प्रदेश के विभिन्न मण्डलों में आयोजित किए जाएं। इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित करना होगा। प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में 240 से अधिक स्टॉल खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा स्थापित किए गए हैं, जिसके माध्यम से खादी का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस महोत्सव में अनेक प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम व अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। ‘खादी का फैशन शो’ भी होने जा रहा है। यहां पर लोगों को विभिन्न प्रदर्शनियां व अन्य रोचक चीजें देखने व सुनने को मिलेंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खादी रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनकर उभरा है। खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग ने विगत 07 वर्षों में 3.50 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने में अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने स्थानीय उत्पादों को मार्केट तक शीघ्र पहुंचाने का एक तंत्र विकसित करना होगा। सरकार की योजना के लाभार्थी अपनी आय की छोटी सी राशि का बचत कर, अगले 05 वर्षों में वह भी किसी एक व्यक्ति को स्वावलम्बन के मार्ग पर अग्रसर करें। इस प्रकार एक श्रृंखला बननी चाहिए। जब यह श्रृंखला बढ़ेगी, तो इसका लाभ पूरे समाज को प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की ‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ओ0डी0ओ0पी0) योजना पूरे देश व दुनिया में प्रसिद्ध हुई है। ओ0डी0ओ0पी0 योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश के हर जनपद की अपनी विशिष्ट पहचान और विशिष्ट उत्पाद हैं। ओ0डी0ओ0पी0 योजना में इन विशिष्ट उत्पादों को शामिल कर हस्तशिल्पियों व कारीगरों को सामर्थ्यवान बनाने का कार्य किया जा रहा है। आज हमारी पुरानी तकनीक लोगों की आय का माध्यम बनी है और हमारे हस्तशिल्पियों व कारीगरों की अद्भुत कला को देखने का एक अवसर प्रदान कर रही है।
हमारे विभिन्न पर्व एवं त्योहारों में उपयोग आने वाली वस्तुओं में स्वदेशी वस्तुओं की मात्रा में वृद्धि हुई है। अब हम इसके लिए चीन पर निर्भर नहीं हैं। लोग प्रधानमंत्री जी के ‘वोकल फॉर लोकल’ का अनुसरण करते हुए स्थानीय उत्पादों के उपयोग को प्राथमिकता दे रहे हैं। आज लोग ओ0डी0ओ0पी0 से जुड़े उत्पादों को भेंट के रूप में दे रहे हैं। परिणामस्वरूप हमारे हस्तशिल्पी, कारीगर व छोटे उद्यमी लाभान्वित हो रहे हैं। स्थानीय बाजार आगे बढ़ रहा है। भारत का धन, भारत के विकास और खुशहाली में लग रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने देश की आजादी की लड़ाई में खादी को एक आन्दोलन बनाया था और पूरा देश इस आन्दोलन से जुड़ा था। इस आन्दोलन में विदेशी वस्त्रों की होली जलायी गयी थी। स्वदेशी को अपनाने का आह्वान हुआ था। स्वदेशी वस्त्रों के माध्यम से चरखे ने भारतवासियों में नई क्रांति ला दी थी। खादी भारत के स्वाभिमान का प्रतीक बनकर लाखों लोगों के रोजगार और घर-गृहस्थी चलाने का माध्यम बनी। इससे लोग राष्ट्रीय आन्दोलन में अपना सक्रिय योगदान दे सके।
आज स्वतंत्र भारत में चरखा अनेक रूपों में-मैन्युअल चरखा, सोलर चरखा और इलेक्ट्रिक चरखा के रूप में हम सबके सामने है और इनकी अपनी-अपनी उपयोगिता है। मार्केट की अपनी डिमाण्ड है। हाथ से बने सामान कला व हुनर को प्रदर्शित करते हैं। समाज में उनकी डिमाण्ड है और लोग उसके महत्व को भी समझते हैं। खादी के वस्त्रों के माध्यम से किसान, बुनकर, तकनीशियन और व्यवसायी आपस में एक दूसरे से एक श्रृंखला में जुड़े हैं। यह श्रृंखला कई लोगों को रोजगार से जोड़ती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड से जुड़े लोगों या माटी कला के कारीगरों को प्रदेश सरकार ने वर्ष में अप्रैल से जून माह तक गांव के तालाब से निःशुल्क मिट्टी निकालने की अनुमति दी है। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड से जुड़े लोगों को मैनुअल, सोलर व इलेक्ट्रिक चाक उपलब्ध कराये हैं। सोलर व इलेक्ट्रिक चाक से इनकी कार्य क्षमता बढ़ी है। मिट्टी के बर्तन प्लास्टिक व अन्य सामानों से बने बर्तनों का विकल्प बन रहे हैं। मिट्टी के बर्तन पर्यावरण अनुकूल व कम लागत के साबित हो रहे हैं। इन बर्तनों का घर-घर उपयोग हो रहा है। मिट्टी के बर्तन ब्राण्ड बन चुके हैं। दीपोत्सव कार्यक्रम ने घर-घर मिट्टी के दीप जलाने की एक नई परम्परा की शुरुआत की है। लाखों लोगों को इसके माध्यम से रोजगार प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे हस्तशिल्पी व कलाकार प्रतिभा के धनी हैं। पहले इस प्रतिभा को सम्मान नहीं मिल पाता था। सरकार के प्रयासों से हस्तशिल्पियों व कलाकारों को आज सम्मान मिल रहा है। परिणामस्वरूप वह अपनी प्रतिभा का लाभ देश, समाज को दे रहे हैं। इनके कार्यां से जल संरक्षण हो रहा है और पर्यावरण की रक्षा भी हो रही है। इस प्रकार एक कार्यक्रम कितना लाभ दे सकता है, यह देखा जा सकता है। प्रदेश सरकार ने मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का कार्य किया है, जिससे यह व्यवसाय लाभप्रद साबित हो रहा है। शहद संग्रह के कार्यां को वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है।
कार्यक्रम से पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने खादी महोत्सव-2025 आयोजन स्थल पर महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा चरखा चलाकर सूत काता। उन्होंने वहां पर स्टॉलों का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड से जुड़े लोगों को इलेक्ट्रिक चाक वितरित किए गए।
कार्यक्रम को खादी एवं ग्रामोद्योग विकास मंत्री श्री राकेश सचान ने भी सम्बोधित किया।
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