सरकार के कारोड़ो रुपये हुए खर्च, फिर भी स्वच्छ पेयजल को तरस रही हजारों की आवादी, 


ग्राम पंचायत में सफेद हाथी साबित हो रही कारोड़ो  के लागत से बनी पानी टंकी




राम कुमार यादव


 बहराइच / ब्यूरो । जिले की ग्राम पंचायतों में स्वच्क्ष पेय जल उपलब्ध कराने के लिए वर्षों पहले सरकार की ओर से करोड़ो रुपये खर्च कर ग्राम पंचायतों में पानी टंकी का निर्माण कराया गया। जिसके बाद जल निगम विभाग द्वारा ग्रामीणों को कनेक्शन भी दिये गए। कुछ दिन पानी टंकी का संचालन हुआ लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते पानी टंकी झाड़- झंखाड़ में तब्दील हो गयी।
जिससे गांव के लोग आर्सेनिक युक्त पानी का उपयोग करने को विवश है। दूषित पानी का उपयोग करने से ग्रामीण जल जनित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने ग्रामीणों को गाँव में ही स्वच्छ पेयजल मिल सके इसके लिए, प्रदेश सरकार के माध्यम  से पानी टंकी का निर्माण करवाया है। एक पानी टंकी निर्माण और पाइप लाइन बिछाने में तीन से चार करोड़ रुपये का खर्च आया है। सरकार द्वारा करोड़ो खर्च करने के बावजूद भी ग्रामीण क्षेत्रों में बनी पानी टंकी जिमेदार विभागीय अधिकारियों के उदासीनता के कारण सफेद हाथी साबित हो रही हैं। कुछ यही हाल विकासखंड फखरपुर के ग्राम पंचायत राजा रेहुवा का है। यहाँ ईदगाह के निकट लगभग सात वर्ष पूर्व पानी टंकी बनकर  तैयार हो गयी थी। जिसके बाद गाँव के लोगों को कनेक्शन दिए गए। ग्रामीणों ने स्वच्छ पेयजल की आस में कनेक्शन ले लिया। इसके बाद पानी की सप्लाई भी शुरू हो गई लगभग 6 माह तक संचालन के बाद टंकी बंद हो गई। उसके बाद से अभी तक पानी टंकी का संचालन नहीं हो सका है। जिसके चलते गांव के लोग आर्सेनिक युक्त पानी पीने को मजबूर है। आलम यह है कि पानी टंकी पूरी तरह से झाड़ झंकार में तब्दील हो गई है।
उक्त प्रकरण के संबंध में जल  निगम के अधिशासी अभियंता बहराइच कमल शंकर ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है, प्रकरण संज्ञान में आया है मामले की जांच करवाई जायेगी। यदि प्रोजेक्ट ग्राम पंचायत को हैंड ओवर हो गया होगा तो सारी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होगी।

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