जिला आर्य प्रतिनिधि सभा बागपत के द्वारा योग एवं चरित्र निर्माण आवासीय शिविर के पांचवें दिन श्री महानंद संस्कृत महाविद्यालय लाक्षागृह बरनावा में आर्य वीर दिनचर्या एवं गीतांजलि पुस्तक का वितरण किया गया।
शिविर में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए जिला सभा मंत्री रवि शास्त्री ने कहा स्वाध्याय मानव जीवन का उन्नयन है। स्वाध्याय के द्वारा विद्यार्थी के ज्ञान को बढ़ाया जा सकता है। विचार मनुष्य की सबसे बड़ी संपत्ति है। व्यक्ति जैसा चिंतन करता है, वैसा वाणी से बोलता है। जैसी वाणी बोलता है ,वैसा करता है और जैसा करता है वैसा ही बन जाता है। विचारशीलता की गति यौवनावस्था के प्रारंभ में अत्यधिक होती है। इसका लाभ उठाएं।
योगाचार्य आचार्य धर्मवीर आर्य ने ब्रह्मचारियों को पी टी, सूर्य नमस्कार एवं जूडो कराटे का अभ्यास करते हुए कहा स्वस्थ रहना ही जीवन की वास्तविक पूंजी है। इस अवसर पर प्राचार्य अरविंद शास्त्री,यशोधार्मा सोलंकी, धर्मपाल त्यागी, विजय भाई, संजीव आर्य आदि उपस्थित रहे।
उमेश चन्द्र तिवारी
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उत्तर प्रदेश
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