मुख्यमंत्री जनपद गोरखपुर में ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के
अन्तर्गत 1,200 नवदम्पत्तियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित हुए

प्रदेश सरकार अभिभावक बनकर बेटियों को दहेज रूपी कुरीति से
बचाने का कार्य कर रही, उनके अभिभावकों का सम्बल बन रही: मुख्यमंत्री

राज्य सरकार बाल विवाह, अस्पृश्यता तथा दहेज
प्रथा के विरुद्ध अनवरत अभियान जारी रखेगी

विगत 07 वर्षाें में 3.84 लाख नवदम्पत्तियों को मुख्यमंत्री सामूहिक
विवाह योजना से जोड़ा गया, यह सत्र सम्पन्न होने के पश्चात
यह संख्या लगभग चार लाख तक पहुंच जाएगी

जब अच्छी सरकारें आती हैं, तो इस प्रकार के अच्छे अभियान चलाये जाते
हैं, वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री जी ने देश में अच्छे कार्यों की श्रृंखला खड़ी की

अब 70 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक वृद्ध व्यक्ति को बिना भेदभाव के
05 लाख रु0 प्रतिवर्ष तक का निःशुल्क उपचार कराने की व्यवस्था की जा चुकी

नारी गरिमा के प्रतीक शौचालय उपलब्ध करानेे, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
के अन्तर्गत निःशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य किया गया

ग्रीन एनर्जी की उपलब्धता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता
के कारण आज प्रत्येक घर में रसोई गैस का सिलेण्डर

प्रदेश सरकार ने अनेक जनकल्याणकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया,
श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया गया

 प्रदेश में लगभग 01 करोड़ निराश्रित महिलाओं, वृद्धजनों एवं दिव्यांगजनों
को 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष पेंशन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी

प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत गरीब बेटियों के स्वावलम्बन हेतु
25 हजार रु0 की धनराशि उपलब्ध करा रही, अब तक इस योजना में 20 लाख बेटियां लाभान्वित

लखनऊ: 01 दिसम्बर, 2024

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार अभिभावक बनकर बेटियों को दहेज रूपी कुरीति से बचाने का कार्य कर रही है तथा उनके अभिभावकों का सम्बल बन रही है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन बहुत महत्वपूर्ण है। आज यहां 1,200 नवदम्पत्तियों के विवाह का उत्सव एक मेले की तरह आयोजित हो रहा है। यह कार्यक्रम सामाजिक समता का प्रतीक है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम प्रदेश के समस्त जनपदों में चलाया जा रहा है, ताकि गरीब बेटी दहेज जैसी कुप्रथा का शिकार न हो, बल्कि वह इसके खिलाफ आवाज उठा सके। यहां किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। किसी भी जाति, भाषा, क्षेत्र तथा मजहब का कोई बंधन नहीं है। इस आयोजन में हिन्दू परम्परा के अनुसार तथा मुस्लिम मजहब के रिवाज के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन हो रहे हैं। अन्य मत के लोग भी अपनी रीति के अनुसार इस कार्यक्रम में सहभागी बने हैं।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोरखपुर में ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के अन्तर्गत 1200 नवदम्पत्तियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने नवविवाहित वर-वधू को आशीर्वाद तथा उपहार प्रदान किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम दहेज जैसी भयानक सामाजिक कुरीति पर करारा प्रहार है। पहले दहेज के लिए धन के अभाव के कारण बहुत सी बेटियां वैवाहिक बंधन से नहीं जुड़ पाती थीं। प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के माध्यम से इस सामाजिक कुरीति के विरुद्ध अभियान आगे बढ़ाया है। राज्य सरकार बाल विवाह, अस्पृश्यता तथा दहेज प्रथा के विरुद्ध अनवरत अभियान जारी रखेगी।
मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विगत 07 वर्षाें में 3.84 लाख नवदम्पत्तियों को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से जोड़ा गया है। यह सत्र सम्पन्न होने के पश्चात यह संख्या लगभग चार लाख तक पहुंच जाएगी। आमजन ने इस कार्यक्रम को हाथों हाथ लिया है। इस योजना से जुड़ने वाले नवदम्पत्तियों ने दहेज का लेन-देन न कर समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत किया है। ऐसे नवदम्पत्ति धन्यवाद और प्रशंसा के पात्र हैं। इन्होंने बहुत साहसिक कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भी बेटियों के स्वावलम्बन के लिए चलाई जा रही है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना सफलता की ऊंचाइयों पर चढ़ती रहेगी। समाज की कोई भी बेटी अब अविवाहित नहीं रहेगी, बल्कि वह दहेज के खिलाफ अभियान का हिस्सा बनकर इस कार्यक्रम में अपना योगदान देकर इसे आगे बढ़ाने का कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि इन दम्पत्तियों का विवाह उनके घर पर होता, तो वह स्वयं तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित नहीं हो पाते, किन्तु आज इस विवाह समारोह में सारे जनप्रतिनिधि आये हैं। यह सब बड़े सौभाग्यशाली हैं, क्योंकि  इनके विवाह की व्यवस्था प्रशासन कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब अच्छी सरकारें आती हैं, तो अच्छे कार्य भी होते हैं तथा इस प्रकार के अच्छे अभियान चलाये जाते हैं। वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में अच्छे कार्यों की श्रृंखला खड़ी कर दी। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया गया। बेटियों को स्नातक तक की शिक्षा दिलाने का कार्य किया गया।
जिन लोगांे के पास राशन की सुविधा नहीं थी, उन्हें निःशुल्क राशन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गयी। जरूरतमंदों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास प्रदान किये गये। उपचार के लिए लोगों को न भटकना पड़े इसके लिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 05 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था भी की। अब 70 वर्ष से अधिक प्रत्येक वृद्ध व्यक्ति को बिना भेदभाव के 05 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक का निःशुल्क उपचार कराने की व्यवस्था भी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सभी सुविधाएं समाज के प्रत्येक गरीब तबके के लिए उपलब्ध कराई गयी हैं। नारी गरिमा के प्रतीक शौचालय उपलब्ध करानेे तथा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत निःशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य किया गया। पहले घरों में रसोई गैस के कनेक्शन न होने के कारण महिलाओं को लकड़ी या कोयले से खाना बनाना पड़ता था। उस कोयले या लकड़ी से निकली विभिन्न खतरनाक जहरीली गैसों से महिलाओं की आंखे व फेफड़े असमय खराब हो जाते थे। किन्तु ग्रीन एनर्जी की उपलब्धता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के कारण आज प्रत्येक घर में रसोई गैस का सिलेण्डर है। सरकार ने दीपावली व होली पर्व के अवसर पर एक निःशुल्क गैस सिलेण्डर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है, ताकि लोग अपना उत्सव अच्छे से मना सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनेक जनकल्याणकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है। श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया गया है। प्रदेश में लगभग 01 करोड़ निराश्रित महिलाओं, वृद्धजनों एवं दिव्यांगजनों को 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष पेंशन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत प्रदेश की गरीब बेटियों के स्वावलम्बन हेतु उनके जन्म से स्नातक की शिक्षा तक के लिए 25 हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध करा रही है। अब तक इस योजना में 20 लाख बेटियों को लाभान्वित किया जा चुका है।
गोरखपुर के महापौर डॉ0 मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक श्री राजेश त्रिपाठी, श्री महेन्द्र पाल सिंह ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर विधायकगण श्री फतेह बहादुर सिंह, श्री विपिन सिंह, डॉ0 विमलेश पासवान, श्री प्रदीप शुक्ला, श्री सरवन कुमार निषाद सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, नवदम्पत्ति, अभिभावकगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे

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