राजकुमार गुप्ता
मथुरा। सभी पुरानी मस्जिदों का एक साथ सर्वे करा देने का आदेश यदि न्यायालय के द्वारा दें दिया जाए तो रोज रोज का झंझट खत्म हो जाएगा। मस्जिद के नीचे शव निकले तो हम उन्हें दे देंगे यदि शिव या अन्य देवी देवता निकलें तो हम ले लेंगे।एक पुरानी कहावत है कि चोर की दाढ़ी में तिनका।सांच को कभी आंच नहीं आती है। इतिहास गवाह है इस बात का कि न जाने कितने विदेशी आक्रांताओं  महमूद गजनवी, तैमूर, बाबर , मुहम्मद गोरी, नादिरशाह आदि ने हमारे मन्दिरों को तहस नहस किया और मन्दिरों की सम्पदाओं को लूटा फिर मन्दिरों की जगह मस्जिदों को बना दिया गया। सवाल यह उठता है कि आक्रांताओं ने मन्दिरों को ही निशाना क्यों बनाया? कारण यह था कि हमारे मन्दिरों में सोना, चांदी, हीरा पन्ना आदि अकूत सम्पत्ति थी हमारा देश सोने की चिड़िया कहा जाता था। अभी भी तिरुपति बालाजी मंदिर, साईं मंदिर, बिहारी जी का मन्दिर आदि मन्दिरों में अकूत चढ़ावा आता है ये सब मन्दिर इस बात का सबूत हैं कि पहले भी हमारे मन्दिरों में अकूत सम्पत्ति थी

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