नाले  की कथित जमीन पर निर्माण को लेकर उठे विवाद में आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला के अधिशासी अधिकारी(ईओ) राज मणि वर्मा की कार्रवाई पर गम्भीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पीड़ित शेर आलम ने ईओ पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने बिना किसी साक्ष्य के तीन दिसम्बर को नोटिस जारी कर दिया था, जो पूरी तरह से बेबुनियाद है। शेर आलम का कहना है कि उनका निर्माण नाले की जमीन से पांच फीट की दूरी पर हो रहा है, जो कि पूरी तरह से वैध है। इसके बावजूद भी उन्हें नोटिस जारी कर मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान किया जा रहा है।उन्होंने आरोप लगाते हुए कि यह नोटिस वार्ड सदस्य के प्रतिनिधि के दबाव में जारी किया गया था, और इसी के माध्यम से उनसे धन उगाही की कोशिश भी की गई थी।  
शिकायतकर्ता शेर आलम ने दावा है कि नोटिस जारी करने के बाद कुछ व्यक्तियों ने उनसे बड़ी रकम की मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ,जिसके बाद आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला के किरायेदार और नामांकित स्टेनो के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि, अभी तक नगर पालिका ई ओ राजमणि वर्मा के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है।स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह मामला प्रशा सनिक की लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण है। बिना सटीक जानकारी और जांच के,नोटिस जारी करना व ई ओ की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। नगर के निवासियों का आरोप है कि यह केवल धन उगाही का एक जरिया है,जिससे ईमानदार नागरिकों को परेशान किया जा रहा है।  
ई ओ राजमणि वर्मा ने अपने पक्ष में कहा कि उन्हें वार्ड प्रतिनिधियों की याचिका पर नोटिस जारी करना पड़ा। उन्होंने कहा,यदि निर्माण वैध भूमि पर है, तो नोटिस का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यदि निर्माण अवैध साबित होता है,तो कार्रवाई की जाएगी। शिकायतकर्ता और स्थानीय निवासियों ने प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा है। कि ई ओ के द्वारा बिना किसी ठोस सबूत के कार्रवाई की जा रही है, जिससे ईमानदार नागरिकों का शोषण हो रहा है। शेर आलम ने उच्चाधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि ई ओ के कार्यों की भी जांच की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की कोई भी घटनाएं न हों सके।अब सवाल ये उठता है कि बिना जांच के नोटिस क्यों जारी किया गया है धन उगाही के आरोपों पर अब तक ई ओ पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई है, और क्या प्रशासन पारदर्शिता और जवाब देही सुनिश्चित करेगा।  
यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय नागरिक और पीड़ित न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर जिम्मे दार अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त  कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में किसी अन्य नागरिक को इस प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।

       हिन्दी संवाद न्यूज से
      असगर अली की खबर
        उतरौला बलरामपुर। 

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