*मथुरा 09 दिसंबर/* मिशन शक्ति फेज-5.0 अभियान के तहत जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में हक की बाल जिलाधिकारी के साथ कार्यक्रम का आयोजन कलैक्ट्रेट सभागार मथुरा में आयोजित किया गया। इस दौरान जनपद के समस्त विभागों में कार्यरत महिला कर्मचारियों, महिला पुलिस कर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, पीड़ित महिलाओं द्वारा अपनी समस्याओं एवं अधिकारों के संबंध में जिलाधिकारी महोदय के साथ संवाद किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं एवं बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।
कार्यक्रम में वन स्टाप सेंटर यूनिट प्रथम व द्वितीय, जिला बाल संरक्षण इकाई, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला एवं बच्चों के हित में कार्य कर रही संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा लगभग 30 पीड़ित महिलाओं ने प्रतिभाग किया।
जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं / बालिकाओं के प्रति होने वाले अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंसर की नीति पर कार्य कर रही है। साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु विभिन्न योजनाएं भी संचालित की जी रही है। अब हम 21 वीं सदी में प्रवेश कर चुके हैं। अब इस प्रकार की कुप्रथाओं का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है। बेटे और बेटियों में कोई अन्तर नहीं है। बेटियों को भी शिक्षा बेटों के समान प्रदान करें। बेटियों को अच्छी शिक्षा तथा अच्छा स्वास्थ्य प्रादन करने हेतु हमे हमेशा अग्र रहना चाहिए।
प्रदेश सरकार महिला कल्याणकारी योजनाएं जैसे- निराश्रित महिला पेंशन, विधवा महिलाओं के बच्चों हेतु बाल सेवा योजना (कोविड़ /सामान्य), स्पॉन्सरशिप, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना आदि संचालित हैं। जिनके माध्यम से महिलाओं/बालिकाओं को सबल और सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है। जिससे उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सकें। उक्त कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं/बालिकाओं की योजनाओं से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान करना है।
श्रीमती अनीता (परिवर्तित नाम) ने कहा कि उनके पति तथा ससुराल जनों द्वारा दहेज की मांग एवं उनके साथ मारपीट की जाती है। साथ ही उनके दो छोटे बच्चें हैं जिनकों ससुराल जनों ने अपने पास रख लिया है और उन्हें मुझसे मिलने नहीं दिया जाता है। उक्त के संबंध में जिलाधिकारी द्वारा प्रभारी निरीक्षक महिला थाना को नियमानुसार कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।
श्रीमती सविता (परिवर्तित नाम) ने कहा कि उनके पति 18 वर्ष पूर्व उन्हें व उनके बच्चों को छोड़कर चले गए हैं। वर्तमान में वह कहाँ है इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। जिसकारण से उनके बच्चों को किसी भी प्रकार की सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उक्त के संबंध में जिलाधिकारी महोदय द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) अथवा स्पॉन्सरशिप योजनांतर्गत एवं फॉर्म के सम्बन्ध में जानकारी जिला प्रोबेशन कार्यालय, कमरा नं -43, कलैक्ट्रेट, मथुरा में सम्पर्क कर सकते है।
श्रीमती ललिता चौधरी (आंगनबाड़ी कार्यकत्री) ने कहा कि उन्हें आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित करने हेतु 750/- रूपये प्रतिमाह दिया जाता है जो कि पर्याप्त नहीं है। इतने कम धनराशि में केन्द्र का संचालन करना सम्भव नहीं हो पा रहा है। कृपया इस संबंध में उचित कार्यवाही करने का कष्ट करें। उक्त के संबंध में जिलाधिकारी द्वारा कहा गया कि उक्त समस्या का नियमानुसार समाधान करेंगे।
जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चन्द्र द्वारा कहा गया कि वह पूर्ण प्रयास करेंगे कि विभाग की समस्त जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ महिलाओं / बालिकाओं को शत प्रतिशत मिले। इसके बाद जिलाधिकारी तथा कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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