मथुरा। मांट में बेलवन स्थित महालक्ष्मी मंदिर पर 19 दिसंबर को पहला मेला लगेगा। पुलिस-प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने तैयारियां कर ली हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत पीएसी के साथ आसपास के थानों से पुलिस बल को लगाया जाएगा। तीन पार्किंग स्थलों की भी व्यवस्था की गई है। मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण बेलवन में रास रचाने आते थे। एक बार जब भगवान रास रचाने आए और बांसुरी बजाई तो उसकी आवाज देवलोक तक पहुंच गई। महालक्ष्मी ने नारदजी से उस आवाज के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि बेलवन में भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी बजा रहे हैं। फिर क्या महालक्ष्मी बेलवन आ गईं। उन्होंने जैसे ही रास मंडल में प्रवेश करना चाहा तो वहां मौजूद गोपियों ने उन्हे रोक दिया। श्रीकृष्ण ने महालक्ष्मी से कहा कि यह साधारण गोपियां नहीं हैं। इन्होंने रास मंडल में शामिल होने के लिए हजारों वर्ष तपस्या कर यह सौभाग्य प्राप्त किया है। महालक्ष्मीजी यदि आपको भी रास में शामिल होना है, तो तपस्या कर गोपियों को प्रसन्न करना होगा। मान्यता है कि तभी से महालक्ष्मी यहां गोपी रूप में तपस्या कर रही हैं। श्रीकृष्ण के समय वृंदावन से मात्र दो किलोमीटर दूर इस वन में बेल की प्रचुरता के कारण इस स्थान का नाम बेलवन पड़ा। महालक्ष्मी मंदिर समिति के अध्यक्ष सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि यहां श्रीकृष्ण महालक्ष्मी की सेवा कर उन्हें खिचड़ी का प्रसाद खिलाते हैं। इसी वजह से यहां पौष माह के प्रत्येक बृहस्पतिवार को मेले में खिचड़ी के प्रसाद का महत्व है। श्रद्धालु मेले में गजक, रेवड़ी का प्रसाद भी अर्पित करते हैं। मांट थाना प्रभारी राजीत वर्मा ने बताया पार्किंग के लिए स्थान चयनित कर लिए गए हैं। सुरक्षा चाक-चौबंद रहेगी।
मांट के बेलवन में आज भी श्रीकृष्ण के साथ रास रचाने के लिए तपस्या कर रही महालक्ष्मी
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