उत्तर प्रदेश/लखनऊ के डॉ मृदुल शुक्ल  पर्यावरण के क्षेत्र में  तथा  संगीताचार्य देवानंद पांडे लोक कला के क्षेत्र में सरजू रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किए गए। पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट  वैज्ञानिक तथा सामाजिक कार्यों के लिए डॉ मृदुल को सरजू रत्न अवॉर्ड  से  मुक्ति पथ बड़हलगंज  गोरखपुर में चल रहे  सरजू अमृत महोत्सव में  सम्मानित किया गया है। डॉ मृदुल शुक्ल को यह अवॉर्ड  राजेश त्रिपाठी विधायक, सचेतक विधानसभा, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के साथ साथ श्रम मंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालू रंग महल अयोध्या के पीठाधीश्वर  रामशरण दास जी महाराज एमएलसी सीपी चंद जी पिपराइच के विधायक महेंद्र पाल सिंह गोरखपुर ग्रामीण विधायक विपिन सिंह सहजनवा विधायक प्रदीप सिंह बड़हलगंज नगर पंचायत  अध्यक्ष प्रीति उमर बड़हलगंज ब्लॉक प्रमुख रामाशीष राय का ,ब्लॉक प्रमुख शिवाजी चंद्र ब्लॉक प्रमुख पिपरोली दिलीप यादव प्रतिनिधि बड़हलगंज नगर पंचायत प्रतिनिधि महेश  उमर अध्यक्ष विश्व हिंदू रक्षा परिषद शिखर गुप्ता  के कर कमलों से प्रदान किया गया है ।  इसके अलावा अध्यात्म के क्षेत्र में रमेश भाई शुक्ला और रामानुज त्रिपाठी शिक्षा में चिंतामणि त्रिपाठी व हरिराम त्रिपाठी पटकारिता में बुद्धि सागर पांडे और संजय सिंह साहित्यमें डॉ वशिष्ठ अनूप चिकित्सा में डॉ  फैयाज अहमद डॉ निशांत मिश्रा, खेलकूद में जे पी सिंह और खुशी तिवारी, समाज सेवा में उमेश कुमार यादव और संतोष सिंह वीरता में श्रीमती सोनी सनी व दयाशंकर पांडे डॉक्टर प्रवीण तिवारी लोक कला मनोज मधुर कृषि में जगन्नाथ राय तथा विवेक सिंह उधम में कांग्रेस दुबे व अमित कसौधन श्रम में शिवाजी गुप्ता की माता उपेंद्र प्रसाद अपराजिता में श्रीमती संगीता पांडे व श्वेता शाही को अंग वस्त्र सर्टिफिकेट मोमेंटो, नारियल तथा  तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया गया ।   डॉ मृदुल शुक्ल  राष्ट्रीय  वनस्पति  अनुसन्धान में  विगत तीस वर्षों से पर्यावरण तथा  वनस्पति के क्षेत्र में शोध तथा विकास कार्य में संलग्न हैं।
डॉ मृदुल शुक्ल गोला तहसील के ग्राम खखाइजखोर ग्राम के रहने वाले हैं । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानिक किये गए पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ मृदुल शुक्ल ने अपने शोध कार्यो से विश्व में पहली बार प्रदूषित  क्षेत्रो  के लिए जैव उर्बरक का अविष्कार/नवाचार   किया है ।  अपने देश में   एन टी पी सी यूनिट से  कोयला से बनाये जाने वाली बिजली का प्लांट एन टी पी सी यूनिट से   निकलने वाले उपशिष्ट पदार्थ फ्लाई ऐश  से लगभग 100  किलोमीटर का एरिया प्रदूषित हो जाता है ।इन प्रदूषित तत्वों में भरी मात्रा में धातुएं पाई जाती हैं, जो भूमि तथा पर्यावरण  को प्रदूषित कर देती हैं । जिससे फसलों का उत्पादन तथा गुणवत्ता प्रभावित होती हैं । इन दूषित क्षेत्रो में यदि नील हरित शैवाल का प्रयोग किया जाये तो प्रदूषण घट जाता हैं तथा उपज बढ़  जाती हैं । इसके अलावा गंगा नदी के प्रदूषण कम करने के उपायों को अपने शोध में सुझाया है । लखनऊ के कल्ली पश्चिम   ग्राम में  संस्थान  तथा  विभिन्न  वैज्ञानिक संगठनों   की  मदद  से  10 किलोमीटर का ग्रीन बेल्ट का  विकास  किया है।डॉ शुक्ल  द्वारा लिखित पुस्तक पेड़ पौधों द्वारा गंगा नदी प्रदूषण का प्रबंधन काफी लोकप्रिय है । गंगा   नदी के किनारे बृछारोपण मे काफी मददगार है । आपके सफल प्रयास से कई ग्रामीण पुरुष / महिलाओ ने विभिन्न विज्ञान परक कार्यक्रम के द्वारा  के द्वारा अपनी आर्थिक  स्थिति मजबूत किया है  । अपने शोधो पर राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त कर चुके   डॉ मृदुल शुक्ल अनूठे प्रयास मे लगे हुए हैं। गॉवं गॉवं  जाकर साइंस को सरल हिंदी भाषा मे   समझाते  है ग्रामीणों को, शिक्षित  कर रहे है। अभियान मे उनके साथ देश विदेश के कई साइंटिस्ट जुड़ चुके है । इसके पहले नासा  अमेरिका   द्वारा  साइंटिस्ट  ऑफ़  द   डे  अवार्ड   , उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा युवा वैज्ञानिक पुरस्कार,  यु पी, प्रगति रत्न पुरस्कार , स्वर्गीय बल गोविन्द वर्मा स्मृति वैज्ञानिक पुरस्कार , उत्तर प्रदेश संस्कृति पुरस्कार ,साइंटिस्ट ऑफ़ दी   ईयर अवार्ड, डी एस टी भारत सरकार द्वारा विज्ञान समरसता पुरस्कार , लैब तू   लैंड अवार्ड , श्रेष्ठा गुरुजन अवार्ड, विज्ञान शिरोमणि अवार्ड , एन बी आर आई भारत  सरकार   द्वारा बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड, तराई  विज्ञान  रत्न अवार्ड , गुरुगोरखनाथ   विज्ञान  गौरव  अवार्ड , तथागत  गौतम बुद्धा  विज्ञान  सम्मान  , जगदीश  चंद  बासु  विज्ञान  सम्मान , अटल  बिहारी  वाजपई   वैज्ञानक  सम्मान ,  नाना  जी  देशमुख  ग्रामीण  वैज्ञानिक  विकास   सम्मान ,   इंटरनेशन ह्यूमन राइट  तथा  क्राइम कंट्रोल कमीशन  अयोध्या में  भारत विभूषण इत्यादि अनेको अवार्ड / पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं । सी एसआई आर   एन बी आर आई  भारत  सरकार   के अधिकारी , डॉ मृदुल कुमार शुक्ल को लखीमपुरी के गोला गोकर्ण नाथ मे अटल बिहारी वाजपई वैज्ञानिक आउटरीच उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। डॉ शुक्ल को ये पुरस्कार  देश के कोने कोने मे आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से देश के ग्रामीणों मे वैज्ञानिक दृटिकोण उत्पन्न करने के प्रसंसनीय योगदान के लिए दिया गया है । डॉ मृदुल कुमार शुक्ल द्वारा किये गया शोध अनेको  अंतराष्ट्रीय जनरल मे प्रकाशित हो चूका है । । डॉ मृदुल शुक्ल ने ग्रामीण इलाकों के वैज्ञानिक विकास /विज्ञान दृष्टिकोण उत्पन्न करने  के  दिशा  में अनेको   काम किये हैं जब भी  मृदुल शुक्ल अपने घर खखाइजखोर,  गोरखपुर जाते थे तो   वहां  का पिछड़ापन तथा   वैज्ञानिक  विकास का  का  आभाव   देखकर उनका मन रो पड़ता था,   इसके  लिए  डॉ  मृदुल  ने  गावो मे विज्ञान का माहौल बनाने  की ठानी और आज उनके साथ हज़ारो वैज्ञानिको का काफिला है  ग्राम के समस्याओ को समझकर वैज्ञानिको को लेकर  गावो मे लेकर जाते है । विज्ञान के किन्ही विषयो को लेकर व्यख्यान देते भी है दिलाते भी है, अपने निदेशकों से अनुमति  लेकर छुट्टी के दिनों शनिवार और रविवार को गावो मे विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम करते है , तथा ग्रामीणों की जिज्ञासा का समाधान भी करते है  ।विज्ञान के क्षेत्र  के कई स्वयं सेवी संगठनों के माध्यम से  वैज्ञानिको  को गॉवं गॉवं ले जाते है । डॉ शुक्ल विश्व के सबसे ख्यातिलब्ध  शोध एवं   विकास के संगठन सी एस आई आर-एन बी आर आई, लखनऊ मे अधिकारी के पद पर रहते हुये भी    छुट्टी के दिनों मे (जब नौकरी पेशा वाले लोग कई तरह से मनोरंजन करते है)  डॉ मृदुल शुक्ल अपना  समय किसी गावँ या स्कूल कॉलेज मे लेक्चर देने  में  बिताते  हैं   या प्रोग्राम के माध्यम से लोगो को जागरूक करते हैं  विगत  20 -25  सालो  मे  विभिन्न  वैज्ञानिक  विषयो   के  द्वारा  विज्ञान जागरूकता का हज़ारो कार्यक्रम डॉ मृदुल शुक्ल द्वारा करवाया जा चूका है इनके उपरोक्त कार्य को सी एस आई आर की पत्रिका   विज्ञान प्रगति भी प्रकाशित कर चुकी है ।अधिकांश अन्तराष्ट्रीय अधिवेशन मेट्रो सिटी मे आयोजित होते है लकिन डॉ शुक्ल   अपने परिवार की मदद से साइंस कांफ्रेंस को  निहायत ही ग्रामीण इलाकों मे मे आयोजित करते है । तथा ग्रामीणों की वैज्ञानिक जिज्ञासा का समाधान करते  हैं   डॉ शुक्ल अपने छात्र जीवन से  ही  कुशाग्र बुद्धि के धनी है ।  डॉ  मृदुल  की  स्कूली   शिक्षा    भोला  लाल  मध्य   विधालय ,,विपिन  मिडिल  स्कूल ,राज  हाई  स्कूल , बेतिया   पश्चिमी   चम्पारण बिहार  , जूनियर  हाई  स्कूल   मामखोर गोरखपुर   , साकेत  कालेज अयोध्या  से  विज्ञान  स्नातक    तथा  परास्नातक   , लखनऊ  विश्वविधालय  से  देश   के  प्रसिद्द   प्रोफेसर तथा वनस्पति शास्त्री   डॉ  नीता  शर्मा  तथा  डॉ  आर  डी, त्रिपाठी  के  निर्देशन  में   पीएचडी  की  उपाधि  प्राप्त  की  है  डॉ मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अंतर्गत साकेत  कॉलेज, अयोध्या  से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (आरएसएस ) से छात्र संघ का मंत्री चुनाव भी जीत चुके हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से  उत्तर प्रदेश को कश्मीर नहीं बनने देंगे नामक आंदोलन का  सफल नेतृत्व  भी आपने किया हैं। विज्ञान भारती के अवध प्रान्त के सचिव  विज्ञान भारती  एसोसिएशन ऑफ़ एन जी वो   वो , इंडिया  (विभा वाणी ) के उत्तर प्रदेश के चीफ कोऑर्डिनेटर के पद को सुशोभित कर चुके   हैं । विज्ञान जागरूकता समिति   विज्ञान जाग्रति  संस्थान, गोखपुर, दुर्गा कला केंद्र  लखनऊ   के माध्यम से  विज्ञान के प्रतिभाशाली छात्रों को फेलोशिप दिलाने तथा भविष्य  बनाने में भी  मदद करते हैं  है । कई वर्षो से देश  के  विभिन्न  क्षेत्रों   में  माता पिता की आरती का आयोजन कर रहे हैं  ।  आपके  पिता   स्वर्गीय  राधेश्याम  शुक्ल ,तथा   माता  स्वर्गीय  लीलावती  देवी   द्वारा  स्थापित  अखिल भारतीय विज्ञान दल के माध्यम से  सनातन  /भारतीय जीवन शैली/वेदो   में  विधमान वैज्ञानिक दृष्टिकोण  का    प्रचार  प्रसार  करने का सफल प्रयास कर रहे   हैं ।गांव गांव में माता पिता की आरती का आयोजन कर बृद्ध जनो तथा गुरु के प्रति आदर भाव उत्पन्न करने का सफल प्रयास कर रहे हैं । जग जीत इण्टर कालेज  के प्राचार्य डॉ बुद्धेश्वर पांडेय बताते हैं की मृदुल शुक्ल बहुत ही शालीन  छात्र संघ के पदाधिकारी रहने के साथ साथ देश के राष्ट्रपति  कलाम साहब के बाद दूसरे ऐसे   उच्च कोटि के विज्ञान संचारक  हैं जो अपने देश के वैज्ञानिक विकास में जुटे हुए हैं । गायत्री शक्ति पीठ महाविधलय के प्राचार्य  प्रोफेसर दिव्य  दर्शन तिवारी  बताते हैं की डॉ मृदुल शुक्ल के साथ लाखो देश  तथा विदेश के वैज्ञानिक विज्ञान जागरूकता अभियान में जुटे हुए हैं । एक बार बचपन  जब ये 6  वर्ष के थे तो  में अपनी माँ से उन्होने पुछा की माई भगवान क्या होते हैं । तो मां ने इनके पिता राधेश्याम शुक्ल की   तरफ बताते हुए  कहा की यही आपके भगवान हैं । तब से लेकर अब तक इनके  माता पिता के प्रति  भक्ति अप्रतिम हैं । जब पूजा ये करते थे तो अपने माता पिता की आरती  अवश्य करते थे ।  अब जब वे लोग दिवंगत हो चुके है तो माता पिता की आरती से ही वैज्ञानिक कार्यक्रम का उद्घाटन 
करते है । इनका  वैज्ञानिक  व्याख्यान  देश  के  इलेक्ट्रॉनिक तथा   प्रिंट  मीडिया  में  हमेशा  आता रहता हैं I  पार्क  व्यू  अपार्टमेंट  गोमती नगर विस्तार   लखनऊ के   उपाध्यक्ष   सतीश  कुमार  पांडेय , सेक्रेटरी  अरुण  प्रकाश  वर्मा   कोषाध्यक्ष    श्वेता  शर्मा  सदस्य  रम्भा  सिंह  , शशांक  पांडेय  संस्कृतिल  प्रमुख  रेनू  शुक्ला  सुचना  अधिकारी  रंजना राय  बताती  हैं  की    डॉ  मृदुल  शुक्ला  के  नेतृत्व  में  गोमती  नगर  विस्तार  के  निवासी  जन्म दिन / विवाह  समारोह  में    माता  पिता  की  आरती  करते  हैं  तथा  केक की  बजाय  खीर  से  लोग  अपना  जन्म  दिन  मनाते   हैं।  यह  एक  सामाजिक  आंदोलन  हैं ।डॉ मृदुल शुक्ल  पर्यावणबिद    राष्ट्रीय  वनस्पति  अनुसन्धान  संस्थान , भारत  सरकार  , लखनऊ  
डॉ मृदुल शुक्ल गोला तहसील के ग्राम खखाइजखोर ग्राम के रहने वाले हैं । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानिक किये गए पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ मृदुल शुक्ल ने अपने शोध कार्यो से विश्व में पहली बार प्रदूषित  क्षेत्रो  के लिए जैव उर्बरक का अविष्कार/नवाचार   किया है ।  अपने देश में   एन टी पी सी यूनिट से  कोयला से बनाये जाने वाली बिजली का प्लांट एन टी पी सी यूनिट से   निकलने वाले उपशिष्ट पदार्थ फ्लाई ऐश  से लगभग 100  किलोमीटर का एरिया प्रदूषित हो जाता है ।इन प्रदूषित तत्वों में भरी मात्रा में धातुएं पाई जाती हैं, जो भूमि तथा पर्यावरण  को प्रदूषित कर देती हैं । जिससे फसलों का उत्पादन तथा गुणवत्ता प्रभावित होती हैं । इन दूषित क्षेत्रो में यदि नील हरित शैवाल का प्रयोग किया जाये तो प्रदूषण घट जाता हैं तथा उपज बढ़  जाती हैं । इसके अलावा गंगा नदी के प्रदूषण कम करने के उपायों को अपने शोध में सुझाया है । लखनऊ के कल्ली  ग्राम में  संस्थान  तथा  विभिन्न  वैज्ञानिक  संघठनो  की  मदद  से  10 किलोमीटर का ग्रीन बेल्ट का  विकाश  किया है।डॉ शुक्ल  द्वारा लिखित पुस्तक पेड़ पौधों द्वारा गंगा नदी प्रदूषण का प्रबंधन काफी लोकप्रिय है । गंगा   नदी के किनारे बृछारोपण मे काफी मददगार है । आपके सफल प्रयास से कई ग्रामीण पुरुष / महिलाओ ने विभिन्न विज्ञान परक कार्यक्रम के द्वारा  के द्वारा अपनी आर्थिक  स्थिति मजबूत किया है  । अपने शोधो पर राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त कर चुके   डॉ मृदुल शुक्ल अनूठे प्रयास मे लगे हुए हैं। गॉवं गॉवं  जाकर साइंस को सरल हिंदी भाषा मे   समझाते  है ग्रामीणों को, शिक्षित  कर रहे है। अभियान मे उनके साथ देश विदेश के कई साइंटिस्ट जुड़ चुके है । इसके पहले नासा  अमेरिका   द्वारा  साइंटिस्ट  ऑफ़  द   डे  अवार्ड   , उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा युवा वैज्ञानिक पुरस्कार,  यु पी, प्रगति रत्न पुरस्कार , स्वर्गीय बल गोविन्द वर्मा स्मृति वैज्ञानिक पुरस्कार , उत्तर प्रदेश संस्कृति पुरस्कार ,साइंटिस्ट ऑफ़ दी   ईयर अवार्ड, डी एस टी भारत सरकार द्वारा विज्ञान समरसता पुरस्कार , लैब तू   लैंड अवार्ड , श्रेष्ठा गुरुजन अवार्ड, विज्ञान शिरोमणि अवार्ड , एन बी आर आई भारत  सरकार   द्वारा बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड, तराई  विज्ञान  रत्न अवार्ड , गुरुगोरखनाथ   विज्ञान  गौरव  अवार्ड , तथागत  गौतम बुद्धा  विज्ञान  सम्मान  , जगदीश  चंद  बासु  विज्ञान  सम्मान , अटल  बिहारी  वाजपई   वैज्ञानक  सम्मान ,  नाना  जी  देशमुख  ग्रामीण  वैज्ञानिक  विकास   सम्मान ,    इत्यादि अनेको अवार्ड / पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं । सी एसआई आर   एन बी आर आई  भारत  सरकार   के अधिकारी , डॉ मृदुल कुमार शुक्ल को लखीमपुरी के गोला गोकर्ण नाथ मे अटल बिहारी वाजपई वैज्ञानिक आउटरीच उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। डॉ शुक्ल को ये पुरस्कार  देश के कोने कोने मे आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से देश के ग्रामीणों मे वैज्ञानिक दृटिकोण उत्पन्न करने के प्रसंसनीय योगदान के लिए दिया गया है । डॉ मृदुल कुमार शुक्ल द्वारा किये गया शोध अनेको  अंतराष्ट्रीय जनरल मे प्रकाशित हो चूका है । । डॉ मृदुल शुक्ल ने ग्रामीण इलाकों के वैज्ञानिक विकास /विज्ञान दृष्टिकोण उत्पन्न करने  के  दिशा  में अनेको   काम किये हैं जब भी  मृदुल शुक्ल अपने घर खखाइजखोर,  गोरखपुर जाते थे तो   वहां  का पिछड़ापन तथा   वैज्ञानिक  विकास का  का  आभाव   देखकर उनका मन रो पड़ता था,   इसके  लिए  डॉ  मृदुल  ने  गावो मे विज्ञान का माहौल बनाने  की ठानी और आज उनके साथ हज़ारो वैज्ञानिको का काफिला है  ग्राम के समस्याओ को समझकर वैज्ञानिको को लेकर  गावो मे लेकर जाते है । विज्ञान के किन्ही विषयो को लेकर व्यख्यान देते भी है दिलाते भी है, अपने निदेशकों से अनुमति  लेकर छुट्टी के दिनों शनिवार और रविवार को गावो मे विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम करते है , तथा ग्रामीणों की जिज्ञासा का समाधान भी करते है  ।विज्ञान के क्षेत्र  के कई स्वयं सेवी संगठनों के माध्यम से  वैज्ञानिको  को गॉवं गॉवं ले जाते है । डॉ शुक्ल विश्व के सबसे ख्यातिलब्ध  शोध एवं   विकास के संगठन सी एस आई आर-एन बी आर आई, लखनऊ मे अधिकारी के पद पर रहते हुये भी    छुट्टी के दिनों मे (जब नौकरी पेशा वाले लोग कई तरह से मनोरंजन करते है)  डॉ मृदुल शुक्ल अपना  समय किसी गावँ या स्कूल कॉलेज मे लेक्चर देने  में  बिताते  हैं   या प्रोग्राम के माध्यम से लोगो को जागरूक करते हैं  विगत  20 -25  सालो  मे  विभिन्न  वैज्ञानिक  विषयो   के  द्वारा  विज्ञान जागरूकता का हज़ारो कार्यक्रम डॉ मृदुल शुक्ल द्वारा करवाया जा चूका है इनके उपरोक्त कार्य को सी एस आई आर की पत्रिका   विज्ञान प्रगति भी प्रकाशित कर चुकी है ।अधिकांश अन्तराष्ट्रीय अधिवेशन मेट्रो सिटी मे आयोजित होते है लकिन डॉ शुक्ल वैज्ञानिको तथा अपने परिवार की मदद से साइंस कांफ्रेंस को  निहायत ही ग्रामीण इलाकों मे मे आयोजित करते है । तथा ग्रामीणों की वैज्ञानिक जिज्ञासा का समाधान करते  हैं   डॉ शुक्ल अपने छात्र जीवन से  ही  कुशाग्र बुद्धि के धनी है ।  डॉ  मृदुल  की  स्कूली   शिक्षा    भोला  लाल  मध्य   विधालय ,,विपिन  मिडिल  स्कूल ,राज  हाई  स्कूल , बेतिया   पश्चिमी   चम्पारण बिहार  , जूनियर  हाई  स्कूल   मामखोर गोरखपुर   , साकेत  कालेज अयोध्या  से  विज्ञान  स्नातक    तथा  परास्नातक   , लखनऊ  विश्वविधालय  से  देश   के  प्रसिद्द   प्रोफेसर तथा वनस्पति शास्त्री   डॉ  नीता  शर्मा  तथा  डॉ  आर  डी, त्रिपाठी  के  निर्देशन  में   पीएचडी  की  उपाधि  प्राप्त  की  है  डॉ मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अंतर्गत साकेत  कॉलेज, अयोध्या  से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (आरएसएस ) से छात्र संघ का महामंत्री चुनाव भी जीत चुके है  , अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से  उत्तर प्रदेश को कश्मीर नहीं बनने देंगे नामक आंदोलन का  सफल नेतृत्व  भी आपने किया है, विज्ञान भारती के अवध प्रान्त के सचिव  विज्ञान भारती  एसोसिएशन ऑफ़ एन जी वो   वो , इंडिया  (विभा वाणी ) के उत्तर प्रदेश के चीफ कोऑर्डिनेटर के पद को सुशोभित कर चुके   हैं । 
विज्ञान जागरूकता समिति   विज्ञान जाग्रति  संस्थान, गोखपुर, दुर्गा कला केंद्र  लखनऊ   के माध्यम से  विज्ञान के प्रतिभाशाली छात्रों को फेलोशिप दिलाने तथा भविष्य  बनाने में भी  मदद करते हैं  है । कई वर्षो से देश  के  विभिन्न  क्षेत्रों   में  माता पिता की आरती का आयोजन कर रहे हैं  ।  आपके  पिता   स्वर्गीय  राधेश्याम  शुक्ल ,तथा   माता  स्वर्गीय  लीलावती  देवी   द्वारा  स्थापित  अखिल भारतीय विज्ञान दल के माध्यम से  सनातन  /भारतीय जीवन शैली/वेदो   में  विधमान वैज्ञानिक दृष्टिकोण  का    प्रचार  प्रसार  करने का सफल प्रयास कर रहे   हैं ।गांव गांव में माता पिता की आरती का आयोजन कर बृद्ध जनो तथा गुरु के प्रति आदर भाव उत्पन्न करने का सफल प्रयास कर रहे हैं । जग जीत इण्टर कालेज  के प्राचार्य डॉ बुद्धेश्वर पांडेय बताते हैं की मृदुल शुक्ल बहुत ही शालीन  छात्र संघ के पदाधिकारी रहने के साथ साथ देश के राष्ट्रपति  कलाम साहब के बाद दूसरे ऐसे  उच्चा लोटी के वैज्ञानिक हैं जो अपने देश के वैज्ञानिक विकास में जुटे हुए हैं । गायत्री शक्ति पीठ महाविधलय के प्राचार्य  प्रोफेसर दिव्य  दर्शन तिवारी  बताते हैं की डॉ मृदुल शुक्ल के साथ लाखो देश  तथा विदेश के वैज्ञानिक विज्ञान जागरूकता अभियान में जुटे हुए हैं । एक बार बचपन  जब ये 6  वर्ष के थे तो  में अपनी माँ से उन्होने पुछा की माई भगवान क्या होते हैं । तो मां ने इनके पिता राधेश्याम शुक्ल की   तरफ बताते हुए  कहा की यही आपके भगवान हैं । तब से लेकर अब तक इनके  माता पिता के प्रति  भक्ति अप्रतिम हैं । जब पूजा ये करते थे तो अपने माता पिता की आरती  अवश्य करते थे ।  अब जब वे लोग दिवंगत हो चुके है तो माता पिता की आरती से ही वैज्ञानिक कार्यक्रम का उद्घाटन करते है । इनका  वैज्ञानिक  व्याख्यान  देश  के  इलेक्ट्रॉनिक तथा   प्रिंट  मीडिया  में  हमेशा  आता रहता हैं I  पार्क  व्यू  अपार्टमेंट  गोमती नगर विस्तार   लखनऊ के   उपाध्यक्ष   सतीश  कुमार  पांडेय , सेक्रेटरी  अरुण  प्रकाश  वर्मा   कोषाध्यक्ष    श्वेता  शर्मा  सदस्य  रम्भा  सिंह  , शशांक  पांडेय  संस्कृतिल  प्रमुख  रेनू  शुक्ला  सुचना  अधिकारी  रंजना राय  बताती  हैं  की    डॉ  मृदुल  शुक्ला  के  नेतृत्व  में  गोमती  नगर  विस्तार  के  निवासी  जन्म दिन / विवाह  समारोह  में    माता  पिता भी की  आरती  करते  हैं  तथा  केक की  बजाय  खीर  से  लोग  अपना  जन्म  दिन  मनाते   हैं।  यह  एक  सामाजिक  आंदोलन  हैं । अपने छात्र जीवन में  दिवंगत महंत अवैद्यनाथ जी, महंत परमहंस दास जी महाराज, विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल, चंपत राय जी स्वर्गीय लोकेश प्रताप सिंह, बाबा अवधेश दास जी के साथ मिलकर राम जन्म भूमि आन्दोलन में भाग लिया है तथा देश के करोड़ों नवजवानों को जोड़ा।

उमेश चन्द्र तिवारी 
9129813351
हिंदी संवाद न्यूज़ 
उत्तर प्रदेश 

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