आपदा को अवसर में बदला बिहार के लाला गुरुबक्श दास ने, इनकी गायकी के प्रशंसक उदित नारायण भी हैं

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अगर कुछ कर गुजरने की क्षमता है तो आपदा को भी अवसर में बदला जा सकता है। कोविड जहां विश्व स्तर पर कहर बन कर छाई। वहीं, इस आपदा की घड़ी में कुछ लोगों ने अपने लिए नए अवसर तलाश लिए। ओटीटी का विस्तार भी कोविड के ही समय में ज्यादा हुआ। 


कोविड के समय जहां पूरी दुनिया ठप हो गई। वहीं, कुछ लोगों अपने लिए नए रास्ते भी ढूंढ लिए जो उनके लिए वरदान साबित हुआ है। उन्हीं में से हम बिहार की एक ऐसी शख्शियत लाला गुरुबक्श दास के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्होंने कोविड के दौरान बचपन से छुपे अपने संगीत की कला को बाहर निकालने की सोची।


पेशे से इंजिनियर लाला गुरुबक्श दास बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग में कार्यरत हैं। बचपन में इन्हें गीत-संगीत से काफी लगाव था। गांव के चौपाल से लेकर विद्यालय के सांस्कृतिक समारोह में लाला गुरुबक्श दास ने अपनी कला के प्रदर्शन से  खूब वाहवाही लूटी और बहुत सारे  मेडल भी हासिल किए। इनके सपनों के अभी पंख लगने ही थे कि  नौकरी के बाद खुद को  बाथरूम में गुनगुनाने तक ही सीमित रख लिया। नौकरी ऐसी थी कि संगीत के लिए समय निकाल पाना मुश्किल होने लगा।


कोविड के दौरान जब लॉक डाउन लगा। तो जिंदगी एक तरह से ठप हो गई। जो जहां था वहीं ठहर गया। ऐसे समय में लाला गुरुबक्श दास का संगीत के प्रति जो प्रेम था। वह हिलोरे मारने लगा, लेकिन बिना साज-बाज और श्रोता के अपने संगीत प्रेम को दिशा कैसे दे सकते थे। तभी उन्हें 'स्टार मेकर एप' का ख्याल आया और उन्होंने अपनी गायकी का माध्यम इस एप को बनाया।


देखते ही देखते लाला गुरुबक्श दास को श्रोताओं का प्यार मिलने लगा। इनके गानों को पसंद करने वालों की संख्या बढ़ती गई। फिल्म जगत के नामी गिरामी गीत-संगीत प्रेमियों  का प्रोत्साहन मिलना शुरू हुआ। पद्मश्री उदित नारायण ने जब इनके गानों को लाइक किया तो इनका मनोबल और बढ़ गया।


लाला गुरुबक्श दास ने हाल ही में  'इंडियन सिंगर एण्ड म्युजिसियन एसोसिऐशन की सदस्यता प्राप्त की है। लाला गुरुबक्श दास स्टार मेकर एप के जरिए अपनी जादुई आवाज श्रोताओं तक पहुंचा रहे हैं। उन्हें फिल्मों में भी गायन के लिए प्रस्ताव मिल रहे हैं। बातचीत के दौरान लाला गुरुबक्श दास  ने बताया कि अच्छा प्रस्ताव मिलेगा तो फिल्मों के लिए जरूर गाएंगे। वैसे बिहार सरकार की सेवा से अवकाश मिलते ही पूरा ध्यान गीत-संगीत पर ही देंगे।

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