राजकुमार गुप्ता
मथुरा। केएम विश्वविद्यालय में रोबोटिक सर्जरी और एओरटा और दिल की सर्जरी को लेकर दिल्ली एनसीआर के स्पेशलिस्ट चिकित्सक डा. निरंजन हीरेमत, डा. प्राखी अग्रवाल, विपुल विजय ने एक दिवसीय कार्यशाला में विवि के एमबीबीएस सहित पीजी डाक्टर्स, अन्य डाक्टसों को सर्जरी के टिप्स दिए। जिसका संचालन केएम मेडीकल प्राचार्य डा. पीएन भिसे और कार्यशाला के कॉर्डीनेटर विपेन्द्र रना ने किया। 
कार्यशाला की शुरूआत कार्डियो वैस्कुलर और एओर्टिक सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. निरंजन हिरेमथ के भाषण से हुई। उन्होंने कोरोनरी धमनी बाईपास सर्जरी, हृदय वाल्व मरम्मत/प्रतिस्थापन सर्जरी, मिट्रल वाल्व मरम्मत/प्रतिस्थापन, महाधमनी वाल्व मरम्मत/प्रतिस्थापन, न्यूनतम इनवेसिव कार्डियक सर्जरी, हाइब्रिड कार्डियक सर्जरी, रोबोटिक कार्डियक सर्जरी, महाधमनी धमनीविस्फार सर्जरी, एंडोवैस्कुलर सर्जरी, टीएवीआई, फेफड़ों का उच्छेदन, न्यूमोनेक्टॉमी, लोबेक्टोमी, वेंट्रीकुलर असिस्ट डिवाइस, हृदय प्रत्यारोपण, फेफड़ों का प्रत्यारोपण, वीएटीएस और वक्ष सर्जरी के बारे में बताया। वहीं गायनिकोलॉजी एडं रोबिट सर्जरी विशेषज्ञ डा. पाखी अग्रवाल ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए रोबोटिक सर्जरी के बारे में सभी को अवगत कराया, इसी प्रकार से उन्होंने एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को हिस्टेरेक्टॉमी, गर्भाशय ट्यूमर, डिम्बग्रंथि द्रव्यमान, एंडोमेट्रियोसिस, फर्टिलिटी स्पेरिंग सर्जरी, पेल्विक सर्जरी, गायनी कैंसर सर्जरी - रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी, लिम्फैडेनेक्टॉमी, ओमेंटेक्टॉमी प्री-कैंसर घावों का उपचार, गायनी कैंसर स्क्रीनिंग भारी / दर्दनाक का उपचार पीरियड्स, स्त्री रोग संबंधी विकारों के इलाज के लिए कोल्पोस्कोपी न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल विकल्प को समझाया। उन्होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी को अच्छा बताते हुए कई बीमारियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रोबोटिक को अच्छे से कर लिया जाए तो सर्जरी के अच्छे रिजल्ट आते है। जोखिम भरी सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी बेहतर साबित होती है। यह सर्जरी कम्प्यूटर के निर्देशन द्वारा की जाती है लेकिन चिकित्सक टैलर की तरह दिमाग के जरिए इसे करता है। वहीं डॉ. विपुल विजय ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन ने संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी इमरजैंसी के लिए टीम का होना आवश्यक होता है। एटीएलएस सर्जरी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अच्छे हॉस्पिटल के लिए अच्छी टीम होना आवश्यक है। उन्होंने फटा रोटेटर कफ, घुटने का ऑस्टियोआर्थराइटिस, हिप ऑस्टियोआर्थराइटिस, कूल्हे के जोड़ में चोट या फ्रैक्चर सर्जरी अन्य सर्जरी पर प्रकाश डाला। 
कार्यशाला में मुख्य रूप से वाइस चांसलर डा. एनसी प्रजापति, रजिस्ट्रार डा. पूरन सिंह, डा. एसटी वली, हॉस्पिटल के एडीशनल मेडीकल सुप्रीडेंट डा. आरपी गुप्ता, मेडीसन विभाग के डा.जेपी गुप्ता, डा. सागर, दंत विभाग के डा. अरूण, डा. भूपेन्द्र सहित पीजी डाक्टर्स, एमबीबीएस के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने सर्जरी के बारे में विशेषज्ञों से प्रश्न भी पूछे।

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