मुख्यमंत्री ने भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्य तिथि पर
 उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर प्रदेशवासियों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि दी

सरदार वल्लभ भाई पटेल का पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था,
आज के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत, सुरक्षित भारत’ की पृष्ठभूमि में
उनकी सोच, प्रयास व उनका परिश्रम है : मुख्यमंत्री

सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृतियों के प्रति श्रद्धा व कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में ‘नया भारत’ पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा

गुलामी के कालखण्ड में जिन मानबिन्दुओं का अपमान हुआ, उनकी पुनर्स्थापना
का कार्यक्रम सरदार पटेल ने आगे बढ़ाया, सोमनाथ मन्दिर के पुनरूद्धार के कार्यक्रम
को अपने हाथों में लेकर सांस्कृतिक भारत की स्थापना का अभियान चलाया



लखनऊ : 15 दिसम्बर, 2024


     मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्य तिथि पर आज यहां जी0पी0ओ0 स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर प्रदेशवासियों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान भारत के शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल का व्यक्तित्व और कृतित्व सभी के लिए प्रेरणादायी है। भारत की आंतरिक सुरक्षा और भारत की अखण्डता के उनके प्रयासों को हम सभी श्रद्धाभाव से स्मरण करते हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल संविधान सभा के प्रमुख सदस्य थे। स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री के रूप में उन्होंने न केवल देश के एकीकरण के वर्तमान अभियान को नई ऊंचाईयां प्रदान की, बल्कि 563 से अधिक रियासतों को भारत गणराज्य का हिस्सा बनाया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की आजादी के आन्दोलन में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर देश की आजादी के आन्दोलन को एक नई दिशा देने के लिए उस समय के नेतृत्व के साथ मिलकर भाग लिया था। वह गुजरात के एक छोटे से गांव में सामान्य किसान परिवार में पैदा हुए थे। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा अपनी माँ के सान्निध्य में घर पर सम्पन्न हुई। इंग्लैंड से लॉ की उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त, जब वह भारत आए, तो देश में आजादी का आन्दोलन उस समय चरम पर था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चम्पारण आन्दोलन, नमक सत्याग्रह आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन सहित देश की आजादी से जुड़े सभी महत्वपूर्ण आयोजनों व आन्दोलनों में उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया। भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान उन्हें जेल की यातना भी झेलनी पड़ी। उन्होंने एक ओर देश की आजादी के आन्दोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लिया, दूसरी तरफ अन्नदाता किसानों के उत्थान व उनकी समृद्धि के अनेक जन-जागरण अभियान भी चलाएं। आज हम लोग गुजरात में सहकारिता के मजबूत आन्दोलन को देखते हैं, उसकी पृष्ठभूमि में सरदार वल्लभ भाई पटेल का विजन है, जो आज वहां के अन्नदाता किसानों को समृद्धि की एक नई ऊंचाई तक पहुंचा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था। आज के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत, सुरक्षित भारत’ की पृष्ठभूमि में सरदार वल्लभ भाई पटेल की सोच, प्रयास व उनका परिश्रम है। गुलामी के कालखण्ड में जिन मानबिन्दुओं का अपमान हुआ था, उनकी पुनर्स्थापना का कार्यक्रम सरदार पटेल ने आगे बढ़ाया। उन्होंने सोमनाथ मन्दिर के पुनरूद्धार के कार्यक्रम को अपने हाथों में लेकर सांस्कृतिक भारत की स्थापना का अभियान चलाया। आज उसी का परिणाम है कि भारत माता के महान सपूत, महान स्वतंत्रता सेनानी, स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री व उप प्रधानमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृतियों के प्रति श्रद्धा व कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ‘नया भारत’ पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि छद्म रूप से कुछ लोगों ने धारा 370 को संविधान में डालकर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के मार्ग में बाधा खड़ी की थी। हम सब आभारी हैं, प्रधानमंत्री जी के कि उन्हांने 05 अगस्त, 2019 को धारा 370 को सदैव के लिए समाप्त करके आतंकवाद की नींव को समाप्त करने का कार्य किया। आज अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर नए सांस्कृतिक भारत का अभिन्न हिस्सा है, जिसका शुभारम्भ वर्ष 1948 में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर से प्रारम्भ किया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत माता के महान सपूत सरदार वल्लभ भाई पटेल 15 दिसम्बर, 1950 को भौतिक रूप से हमारे बीच नहीं रहे। पूरा देश स्तब्ध था। उनके नेतृत्व में भारत नई ऊंचाइयों को छूता, लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल के न रहने के बाद आज उनकी संकल्पनाओं को मूर्त रूप देने के लिए, जो अभियान देश में चल रहा है, यह अवश्य प्रधानमंत्री जी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार करेगा।
इस अवसर पर समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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