कथित रूप से नाले की जमीन पर हो रहे, निर्माण को लेकर नोटिस देने वाले ई ओ की कार्रवाई भी सन्देह में है। पीड़ित शेरआलम ने आरोप लगाया कि धन वसूली की लालच में आकर ई ओ राजमणि वर्मा ने तीन दिसम्बर को उसे अकारण नोटिस जारी किया था। जबकि उसका निर्माण नाले से पांच फीट की दूरी पर है।आरोप है कि वार्ड की सभासद के प्रति निधि के कहने पर ई ओ ने उसके विरुद्ध नोटिस जारी कर उसे डराया गया था। इसी नोटिस के आधार पर ही सभा सद प्रतिनिधि ने ईओ तहसीलदार व उपजिलाधिकारी के स्टेनो के नाम पर पचास हजार रुपयों की रिश्वत की मांग की गई थी। रिश्वत की मांग का ऑडियो वायरल होने के बाद तहसीलदार की तहरीर पर सभासद प्रतिनिधि ऐमन रिजवी के खिलाफ धन उगाही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अधिकारियों के नाम पर धन वसूली करने को लेकर सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था लेकिन बिना तथ्य के नोटिस जारी करने वाले ई ओ के विरुद्ध न तो विभागीय कार्रवाई हुई और न ही उनके विरुद्ध कोई अभियोग ही पंजी कृत कराया गया। इस सम्बन्ध में ई ओ का कहना है कि सभासद प्रतिनिधि की शिकायत पर नोटिस जारी की गयी थी। अगर निर्माण वैध जमीन पर है तो नोटिस का कोई महत्व नहीं है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
असगर अली की खबर
उतरौला बलरामपुर।
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