चार दिवसीय इण्टरनेशनल स्टूडेन्ट क्वालिटी सर्किल सम्मेलन सम्पन्न

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही प्रगति का आधार

-- देश-विदेश से पधारे प्रख्यात क्वालिटी विशेषज्ञों का मत

लखनऊ, 7 दिसम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड कैम्पस के तत्वावधान में आयोजित चार 

दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय स्टूडेन्ट्स क्वालिटी सर्किल सम्मेलन (आई.सी.एस.क्यू.सी.-2024) के चौथे व अन्तिम दिन आज विभिन्न देशों से पधारे क्वालिटी गुरुओं ने एक स्वर से कहा कि मानव जाति की बेहतरी 

शिक्षा में क्वालिटी विचारधारा द्वारा ही संभव है। सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में चल रहे 

आई.सी.एस.क्यू.सी.-2024 का चौथा दिन आज काफी दिलचस्प रहा तथापि विश्वविख्यात क्वालिटी विशषज्ञों ने अपने सारगर्भित उद्बोधनों से गागर में सागर उड़ेल दिया। उन्होंने अपने अनुभवों को बच्चों के सामने रखकर उन्हें क्वालिटी विचारधारा को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। सम्मेलन के अन्तिम दिन आज विभिन्न देशों से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने ‘क्वालिटी क्विज’ प्रतियोगिता में जोरदारी भागीदारी कर अपने ज्ञान-विज्ञान का प्रदर्शन किया। 

आई.सी.एस.क्यू.सी.-2024 के चौथे व अन्तिम दिन परिचर्चा का शुभारम्भ आज श्रीलंका से पधारे श्री चमारा बमुनुराची, एजूकेशन सेक्रेटरी, सब्रगामुआ राज्य, श्रीलंका, के सारगर्भित संभाषण से हुआ। श्री बमुनुराची ने कहा कि सी.एम.एस. भावी पीढ़ी में क्वालिटी की भावना का विकास कर उन्हें सही राह दिखा रहा है। चर्चा में भाग लेते हुए इंग्लैण्ड से पधारे डा. डेविड हचिन्स, प्रिन्सिपल, डेविड हचिन्स इण्टरनेशनल क्वालिटी कालेज, ने कहा कि अभ्यास से ही सफलता मिलती है। अपनी गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए निरन्तर अभ्यास व प्रयास करते रहें। हैदराबाद से पधारे प्रो. विक्रमादित्य दुग्गल, सी.ई.ओ., अभिव्यक्ति - द एक्सप्रेशन ने ‘इम्पॉवरिंग स्टूडेन्ट्स फॉर एचीविंग ऑल राउण्ड एक्सीलेन्स’ विषय पर कीनोट एड्रेस देते हुए छात्रों से कहा कि एक्सीलेन्स मंजिल नहीं है अपितु यह एक यात्रा है। वास्तव में, एक्सीलेन्स स्वयं को पहचानने की एक अद्भुद यात्रा है। इसी प्रकार, श्री कोला उतिमहिन, बिजनेस कन्सल्टेन्ट, इंग्लैण्ड, ने ‘रिसाइलेन्स एण्ड क्वालिटी: थ्रिविंग इन द टाइम्स ऑफ डिस्रप्शन’ विषय पर बोलते हुए क्वालिटी की परिभाषा को उद्धृत किया एवं व्यक्तिगत व सामाजिक सफलता के सात सूत्रों पर विस्तार से चर्चा की।  डा. सुनीता गाँधी, एकेडमिक स्ट्रेटजिस्ट, ने प्री-प्राइमरी व प्राइमरी के नन्हें-मुन्हों बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु अल्फा परियोजना पर चर्चा की। अल्फा परियोजना का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना एवं देखकर सीखने की क्षमता को बढ़ावा देना है। इसी प्रकार, मॉरीशस से पधारे श्री मधुकर नारायण एवं बंगलोर से पधारे डा. पूर्णजित चटर्जी समेत अन्य क्वालिटी विशेषज्ञों ने अपने सारगर्भित संबोधन से ‘शिक्षा में क्वालिटी विचारधारा’ के महत्व पर प्रकाश डाला।

इसके अलावा, अपरान्हः सत्र में आयोजित ‘क्वालिटी क्विज’ प्रतियोगिता काफी दिलचस्प रही, जिसमें देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने अपने ज्ञान-विज्ञान का अभूतपूर्व परचम लहराया। प्रतियोगिता के फाइनल राउण्ड हेतु चयनित छात्र टीमों ने बिजली की गति से सवालों के जवाब देकर अपनी क्वालिटी व हुनर का प्रदर्शन किया। आज छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों के मार्गदर्शन हेतु ‘ड्राइविंग एक्सीलेन्स - ए हैण्ड्स ऑन वर्कशॉप ऑन इन्टीग्रेटिंग क्वालिटी सर्किल टूल एण्ड टेक्नीक इन स्कूल एण्ड होम’ विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका कुशल संचालन तमिलनाडु से पधारी शिक्षाविद् सुश्री सेल्वी संतोषम ने किया। 

क्वालिटी सम्मेलन का समापन पुरस्कार वितरण के साथ हुआ तथापि देश-विदेश की विजयी छात्र टीमों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर देश-विदेश से पधारे क्वालिटी विशेषज्ञों व प्रतिभागी छात्रों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए सी.एम.एस. कानपुर रोड की वरिष्ठ प्रधानाचार्या एवं आई.सी.एस.क्यू.सी.-2024 की संयोजिका डा. विनीता कामरान ने कहा कि इस आयोजन में 13 देशों से पधारे छात्रों व क्वालिटी विशेषज्ञों ने प्रतिभाग कर क्वालिटी सर्किल के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है।


Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने