गुरुवार को विकास खण्ड गैड़ास बुजुर्ग में स्थित ब्लाक सभागार में क्षय रोग उन्मूलन का कार्यक्रम के अन्तर्गत टी बी मुक्त पंचायत एवं फैमली केयर गिवर का एक दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। ग्राम प्रधान एवं पंचयात सचिव ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस कार्य क्रम की अध्यक्षता कर रहे विकास खण्ड अधिकारी इंद्रावती वर्मा ने किया। स्वास्थ्य विभाग के प्रशिक्षक बी सी पी एम त्रिलोकी नाथ तथा सीनियर ट्रीटमेंट सुपर वाइजर अजीत कुमार ने बताया  कि टी बी रोग, टी बी के सम्बन्ध में भ्रांतियां,टी बी का इलाज तथा ग्राम पंचायत को टी बी मुक्त बनाने के लिए मानकों पर विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान करते हुए लोगों को इस बिमारी के प्रति जाग रूक करने का आवाहन किया। प्रशिक्षकों ने कहा कि एक हजार की आबादी पर तीस व्यक्ति यों का टी बी जांच किया जाएगा। टी बी का कोई केस न होने पर ग्राम पंचायत को टी बी मुक्त ग्राम पंचायत का आवेदन कर टी बी मुक्त ग्राम पंचायत बन सकता है। सी एच सी अधीक्षक डॉक्टर शोएब अहमद ने बताया कि टी बी एक संक्रामक बीमारी है,जो बैक्टीरिया से फैलता है।  इसका इलाज सम्भव है। सभी सरकारी संस्थानों में इसकी जांच व इलाज पूर्णतया निःशुल्क है। निश्चय पोर्टल के माध्यम से मरीज को एक हजार रुपया प्रतिमाह की दर से पोषण राशि भी प्रदान की जाती है। खण्ड विकासअधिकारी इंद्रावती वर्मा ने बताया कि क्षेत्र के ग्राम मल मलिया, मस्जिदिया, जिगना घाट,सिसहना तथा भितवारिया समेत पांच ग्राम पंचायत टी बी मुक्त बन चुके हैं। शेष 37 ग्राम पंचायत को भी सभी के सहयोग से टी वी मुक्त ग्राम पंचाय तों को टी बी मुक्त बनाने के लक्ष्य को भी प्राप्त करना है। ए डी ओ पंचायत हनुमान प्रसाद,अतिरिक्त कार्य क्रम अधिकारी संतोष कुमार यादव, इसरार अहमद सहित ग्राम पंचायतों के सचिव व ग्राम प्रधान मौजूद रहे।

       हिन्दी संवाद न्यूज से
      असगर अली की खबर
       उतरौला बलरामपुर। 

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