आगरा। जिला एवं सत्र न्यायालय दीवानी कचहरी में माननीय न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, न्यायालय संस्था 11 के विशेष सत्र परीक्षण संख्या-40/2014 में आरोपित के अधिवक्ता द्वारा मजबूती एवं गंभीरता के साथ रखें गए तर्कों को सुनने के उपरांत अभियोजन पक्ष अभियुक्त के विरूद्ध लगाए गए सभी आरोप युक्तियुक्त संदेह से परे साबित करने में असफल रहा तथा न्यायालय ने दोनों पक्षो को सुनने के उपरांत न्यायहित में अपने एक आदेश में अभियुक्त को दोषमुक्त किए जाने योग्य मानते हुए आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए आरोपमुक्त कर दिया।
इस बावत आरोपित के विद्वान अधिवक्ता अरविन्द कुमार पुष्कर ने न्यायालय के आदेशानुसार बताया कि वर्ष 2014 से विचाराधीन सत्र परिक्षण संरखा 40/14 में अभियुक्त विपिन पुत्र राजकुमार निवासी जिला मैनपुरी को माननीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, द्वारा दोनों पक्षों को गंभीरता से सुनने के उपरांत मुलज़ीमानों को दोषमुक्त किया गया।
उन्होंने आगे कहा, "संक्षेप में अभियोजन की कहानी इस प्रकार है कि वादी अनिल कुमार यादव की तहरीर 17/12/13 को उनकी माताजी द्वारा मुलज़ीमान के विरुद्ध मुक़दमा दायर कराया गया था कि वो स्टेट बैंक में से 10 हजार रुपये निकाल कर ला रही थी, तभी दो अज्ञात लड़कों ने उनसे रुपयों का बैग छीन लिया और रुपये लेकर भाग गए।
अंत में श्री पुष्कर ने कहा,"इस मुक़दमे में अभियोजन ने अपनी तरफ से कई गवाह न्यायालय में प्रस्तुत किये लेकिन अभियोजन अपने मुक़दमे में कोई युक्ति युक्त संदेह से परे साबित करने में असफल रहा और इस आधार पर न्यायहित में माननीय न्यायालय ने आरोपित को संदेह का लाभ देते हुए समस्त आरोपों को खारिज कर मुकदमे में मुलज़ीमानों को बरी कर दिया। वहीं, लम्बी न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रहे आरोपी विपिन की आँखों में इस अवसर पर ख़ुशी के आंसू छलक रहे थे।"
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