अन्तर्राष्ट्रीय क्वालिटी सर्किल सम्मेलन में देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने वाद-विवाद, पोस्टर एण्ड स्लोगन

एवं नुक्कड़ नाटक द्वारा क्वालिटी विचारधारा को अपनाने का संदेश दिया

क्वालिटी की भावना से ही भावी पीढ़ी गुणवान व चरित्रवान बनेगी

-- क्वालिटी विशेषज्ञों की राय

लखनऊ, 6 दिसम्बर। सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय स्टूडेन्ट्स क्वालिटी सर्किल  सम्मेलन (आई.सी.एस.क्यू.सी.-2024) के तीसरे दिन आज विभिन्न देशों से पधारे प्रख्यात क्वालिटी विशेषज्ञों ने जोर देते हुए कहा कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में क्वालिटी की जरूरत है। क्वालिटी की भावना के समावेश से ही भावी पीढ़ी गुणवान व चरित्रवान बनेगी और यही बच्चे आगे चलकर समाज के आदर्श नागरिक सिद्ध होंगे। इसके अलावा, आज देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने विभिन्न रोचक प्रतियोगिताओं जैसे वाद-विवाद, पोस्टर एवं स्लोगन एवं नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से क्वालिटी की भावना को जीवन में उतारने का संदेश दिया। विदित हो कि आई.सी.एस.क्यू.सी.सी.-2024 में विश्व के 13 देशों अमेरिका, इंग्लैण्ड, आस्ट्रेलिया, थाईलैण्ड, मलेशिया, श्रीलंका, टर्की, कतर, आयरलैण्ड, बांग्लादेश, नेपाल, मॉरीशस एवं भारत के विभिन्न प्रान्तों की छात्र टीमें एवं क्वालिटी विशेषज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं। 

आई.सी.एस.क्यू.सी.सी.-2024 के तीसरे दिन के ओपनिंग प्लेनेरी सेशन में चर्चा-परिचर्चा की शुरुआत नेपाल से पधारी शिक्षाविद् सुश्री सुरीना गुरूंग के अभिभाषण से हुई, जिन्होंने उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए व्यवस्था में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि हमें रचनात्मक बदलावों का स्वागत करने को सदैव तत्पर होना चाहिए। तुर्की से पधारी डा. हयाल कोकसाल, प्रेसीडेन्ट, एसोसिएशन फार इनोवेटिव कोलाबरेशन, ने ‘इम्पॉवरिंग स्टूडेन्ट्स फॉर एचीविंग ऑल राउण्ड एक्सीलेन्स’ विषय पर बोलते हुए कहा कि शिक्षा के तरीके बदल रहे हैं और शिक्षकों को भी उसी अनुरूप बदलना चाहिए। हैप्पीनेस टेक्नोलॉजी, इण्डिया के फाउण्डर एवं चीफ मेन्टर, डा. अरूण भारद्वाज ने ‘नर्सिंग 6सीज इन एजूकेशन फॉर टीचिंग टु ट्रान्सफार्म लाइव्स’ विषय पर बोलते हुए क्रिएटिविटी, कम्युनिकेशन्स, कोलाबरेशन, कैरेक्टर एक्सीलेन्स, क्रिटिकल थिंकिंग एवं सिटीजनशिप को बड़े ही सारगर्भित तरीके से समझाया। आस्ट्रेलिया से पधारे श्री शॉन रूपराय, चेयरमैन, आस्ट्रेलियन इन्स्टीट्यूट फॉर बिजनेस मैनेजमेन्ट, ने अपने संबोधन में सी.एम.एस. संस्थापक स्व. डा. जगदीश गाँधी को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कि आज का युवा भविष्य की चुनौतियों के तैयार है, बशर्ते उसे सही मार्गदर्शन व उचित वातावरण मिले। प्रख्यात लेखिका श्रीमती अनीता अराथून ने अपने दिलचस्प संबोधन में मेसोपोटामिया युग की बेबीलोन से सम्बन्धित कहानी सुनाते हुए मानव मात्र की एकता पर जोर दिया एवं आपसी विचार-विमर्श, सहयोग व सौहार्द की भावना की महत्ता पर प्रकाश डाला। इसी प्रकार, कतर से पधारे श्री अशरफ अछोथ, मॉरीशस से पधारे श्री मोहुनदास टीलक समेत अन्य क्वालिटी विशेषज्ञों ने अपने सारगर्भित संबोधन से ‘शिक्षा में क्वालिटी विचारधारा’ के महत्व पर प्रकाश डाला।

इसके अलावा, देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने आज पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में अपने ज्ञान-विज्ञान व रचनात्मक कौशल का जोरदार प्रदर्शन किया। जहाँ एक ओर, पोस्टर एवं स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में छात्रों ने अपनी कलात्मक प्रतिभा, रचनात्मक सोच व लेखन प्रतिभा का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया तो वहीं दूसरी ओर वाद-विवाद प्रतियोगिता में अपने तर्को व अभिव्यक्ति क्षमता का भरपूर प्रदर्शन किया। इसी प्रकार, ‘नुक्कड़ नाटक’ प्रतियोगिता भी सभी के आकर्षण का केन्द्र रही।

सी.एम.एस. के हेड, कम्युनिकेशन्स श्री ऋषि खन्ना ने बताया कि यह ऐतिहासिक सम्मेलन अपने अत्यन्त सफल समापन की ओर बढ़ रहा है एवं कल, 7 दिसम्बर, शनिवार को अपरान्हः 3.00 बजे ‘पुरस्कार वितरण समारोह’ के साथ सम्मेलन का भव्य समापन होगा। इससे पहले, देश-विदेश से पधारे प्रख्यात क्वालिटी विशेषज्ञ अपने सारगर्भित उद्बोधन से क्वालिटी विचारधारा की अलख जगायेंगे।


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