‘वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ एक्सीलेन्स’ से सम्मानित हुई आर्यमा शुक्ला

विभिन्न धर्मावलम्बियों की उपस्थिति से ‘सर्वधर्म समभाव’ की भावना से ओतप्रोत हुआ वातावरण

लखनऊ, 27 दिसम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज द्वितीय कैम्पस की 9 वर्षीय छात्रा आर्यमा शुक्ला को उसकी अद्भुद स्मरणशक्ति व धर्मग्रंथो के गहरे ज्ञान हेतु एक भव्य सम्मान समारोह में ‘वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ एक्सीलेन्स’ से नवाजा गया। आज विद्यालय परिसर में आयोजित भव्य सम्मान समारोह में वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ एक्सीलेन्स, इंग्लैण्ड के प्रतिनिधि एवं भारत में वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ एक्सीलेन्स के वाइस प्रेसीडेन्ट श्री संजय पंजवानी एवं भारत सरकार में एजूकेटर व मेंटर श्री शिवशंकर शुक्ला आर्यमा को मेडल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर विभिन्न धर्मावलम्बियों जैसे हिन्दू धर्म से सर्वश्री अरविन्द शाष्त्री जी, कथा व्यास एवं डा. अनुराग पाठक, जैन धर्म से डा. शैलेन्द्र जैन, मुस्लिम धर्म से मौलाना डा. कल्बे सिब्तेन नूरी, श्री कब्वे हुसैन एवं श्री नजमूल हसन रिजवी आदि की उपस्थिति से सम्पूर्ण वातावरण ‘सर्वधर्म समभाव’ की भावना से ओतप्रोत नजर आया। इन प्रख्यात धर्मावलम्बियों ने आर्यमा को आशीर्वाद देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। 

विदित हो कि बहुमुखी प्रतिभा की धनी 9 वर्षीय सी.एम.एस. छात्रा आर्यमा शुक्ला ने संस्कृत भाषा के ज्ञान, अद्भुद स्मरणशक्ति व धर्मग्रंथो के वाचन में प्रवीणता अर्जित कर लखनऊ का गौरव सारे विश्व में बढ़ाया है। आर्यमा ने गीता जयन्ती के अवसर पर मात्र 2 घंटे 10 मिनट में सम्पूर्ण श्रीमद्भागवत् गीता का सस्वर गायन कर एक अनूठा कीर्तिमान अपने नाम किया है। इसी अभूतपूर्व उपलब्धि हेतु आर्यमा को आज ‘वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ एक्सीलेन्स’ से नवाजा गया। 

सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गांधी ने इस अवसर पर उपस्थित विभिन्न धर्मावलम्बियों व गणमान्य अतिथियों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि आर्यमा की इस उपलब्धि पर सी.एम.एस. परिवार गौरवान्वित है। आर्यमा ने कम उम्र में ही ईश्वर के प्रति अपनी आस्था व समर्पण भाव से उच्च जीवन मूल्यों व संस्कारों का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणास्रोत है। डा. गांधी ने विद्यालय के शिक्षकों का भी आभार व्यक्त किया जो छात्रों की रूचियों को पहचान कर उन्हें उनकी रूचि के क्षेत्रों में बढ़ावा देने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं।

सी.एम.एस. अलीगंज द्वितीय कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती संविदा अधिकारी ने बताया कि आर्यमा को श्रीमद्भागवत गीता के सभी 18 अध्यायों के 700 श्लोक कंठस्थ हैं। इसके अलावा, श्री राम सहस्त्रनाम, महिषासुर मर्दिनी स्त्रोतम, शिव तांडव समेत संस्कृति के बहुतेरे श्लोक भी कंठस्थ हैं। खास बात यह है कि आर्यमा मात्र इन पवित्र श्लोकों के वाचन में ही अद्भुद नहीं है अपितु उनके अर्थ की भी गहरी समझ रखती है। वास्तव में, आर्यमा छात्रों व किशोरों के लिए आध्यात्मिक उन्नति व उच्च जीवन मूल्यों की प्रेरणास्रोत के रूप में उभरी है।


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