अन्तर्राष्ट्रीय क्वालिटी सर्किल सम्मेलन-2024 का दूसरा दिन
‘क्वालिटी विचारधारा’ को अपनाकर ही भावी पीढ़ी उन्नति कर सकती है
-- विश्वविख्यात क्वालिटी विशेषज्ञों का मत
लखनऊ, 5 दिसम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड कैम्पस के तत्वावधान में चल रहे चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय स्टूडेन्ट्स क्वालिटी सर्किल सम्मेलन (आई.सी.एस.क्यू.सी.-2024) का दूसरा दिन देश-विदेश से पधारे क्वालिटी विशेषज्ञों के सारगर्भित विचारों से ओतप्रोत रहा। इन प्रख्यात विशेषज्ञों ने युवा पीढ़ी को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ‘क्वालिटी की भावना’ को आत्मसात करने पर जोर देते हुए इसे जीवन के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने का सशक्त माध्यम बताया। इसके अलावा देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने कोलाज एवं केस स्टडी प्रजेन्टेशन प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शन किया।
आई.सी.एस.क्यू.सी.-2024 के दूसरे दिन का शुभारम्भ सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन के सारगर्भित अभिभाषण से हुआ। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रो. किंगडन ने कहा कि शिक्षा का तात्पर्य किताबी पढ़ाई से तो है ही, परन्तु आज हमें यह भी सोचना है कि शिक्षा का अंतिम लक्ष्य क्या है। वास्तव में, शिक्षा का अंतिम लक्ष्य एक शान्तिपूर्ण व खुशहाल समाज का निर्माण करना है और यह तभी संभव है जबकि शिक्षा में क्वालिटी की भावना का समावेश हो। बहाई धर्म के प्रवर्तक अब्दुल बहा के कथन को उल्लेखित करते हुए श्रीमती किंगडन ने कहा कि चारित्रिक उत्कृष्टता व चुनौतियों के समाधान निकालने की क्षमता ही मनुष्य को महान बनाती है। इस अवसर पर सी.एम.एस. की सुपीरियर प्रिन्सिपल एवं क्वालिटी अश्योरेन्स डिपार्टमेन्ट की हेड सुश्री सुष्मिता घोष ने अपने संबोधन में विद्यालय के प्री-प्राइमरी छात्रों के लिए संचालित की जा रही अल्फा शिक्षा पद्धति की विशेषताओं से अवगत कराया। इससे पहले, सम्मेलन की संयोजिका व सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस की वरिष्ठ प्रधानाचार्या डा. विनीता कामरान ने देश-विदेश से पधारे क्वालिटी विशेषज्ञों व प्रतिभागी छात्रों का हार्दिक स्वागत किया।
सम्मेलन के ओपनिंग प्लेनेरी सेशन में डा. ए. सेन्थिल कुमारन, चीफ कान्फ्लएन्सर, द लर्नस कान्फ्लुएन्स, ने ‘क्वालिटी एज कल्चर, नॉट ए चेकलिस्ट’ विषय पर की-नोट एड्रेस देते हुए कहा कि किसी भी विद्यालय का वातावरण ही इस बात द्योतक है कि शिक्षक कितनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है। श्री कुमारन ने कहा कि शिक्षा वह है जो बच्चों को स्कूल में प्रसन्नता का अनुभव कराये। बंगलोर से पधारी ट्रिमिस इण्टरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या सुश्री ज्योथिस मैथ्यू ने कहा कि बच्चों में क्वालिटी की भावना का समावेश करने में शिक्षकों की अहम भूमिका है क्योंकि शिक्षक ही छात्रों को प्रोत्साहित कर उन्हें क्वालिटी परसन बनाते हैं। बांग्लादेश से पधारे डा. एम आर कबीर, प्रोफेसर, डैफोडिल इण्टरनेशनल यूनिवर्सिटी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें केवल समस्याओं के बारे में नहीं सोचना है बल्कि उनको वैज्ञानिक व शान्तिपूर्ण तरीके से कैसे सुलझाया जाए, यह भी सोचना है। इसी प्रकार, कई क्वालिटी विशेषज्ञों ने अपने सारगर्भित विचारों से छात्रों, शिक्षकों व उपस्थित जन-समुदाय का मार्गदर्शन किया।
सम्मेलन के अन्तर्गत आज देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने जहाँ एक ओर केस स्टडी प्रजेन्टेशन द्वारा विभिन्न समस्याओं के रचनात्मक समाधान प्रस्तुत करने की क्षमता का प्रदर्शन किया तो वहीं कोलाज प्रतियोगिता द्वारा दिखाया कि क्वालिटी की विचारधारा को अपनाकर किस प्रकार उन्नति के शिखर पर पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा, सायंकालीन सत्र में क्वालिटी विशेषज्ञों व प्रतिभागी छात्रों के सम्मान में डांडिया नाइट एवं साँस्कृतिक संध्या का भव्य आयोजन किया गया। सी.एम.एस. के हेड, कम्युनिकेशन्स श्री ऋषि खन्ना ने बताया कि विश्व के विभिन्न देशों से पधारे प्रख्यात क्वालिटी विशेषज्ञों का सारगर्भित अभिभाषण कल 6 दिसम्बर, शुक्रवार को भी जारी रहेगा। इसके अलावा, देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों के लिए वाद-विवाद, क्विज, पोस्टर एवं स्लोगन मेकिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेंगी।
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