रामानंद सागर के रामायण की सुलोचना अब निरहुआ की दादी के रूप में जानी जाएंगी .!

                                   कहते हैं कि उस जमाने मे जब टेलीविजन स्क्रीन पर रामायण का टेलीकास्ट शुरू होने का समय होता था तो शहर कौन कहे गांव की गलियां तक सुन सान पड़ जाती थीं और एक परिंदा भी गलियों में भटकते हुए पाया जाता था । उस सुप्रसिद्ध महाग्रंथ रामायण की सबसे खूबसूरत नागकन्या के रूप में रावण की पुत्रवधू और इंद्रजीत मेघनाद की पत्नी सुलोचना का किरदार निभाकर सुर्खियों में छाई उस जमाने की खूबसूरत अभिनेत्री पुष्पा वर्मा अब अपने उम्र के इस पड़ाव में सुपरस्टार अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ की दादी बनने जा रही हैं।  जी हाँ वो खूबसूरत सुलोचना अब भोजपुरी फ़िल्म बलमा बड़ा नादान में दादी का किरदार निभा रही हैं । फ़िल्म बलमा बड़ा नादान के सेट से लौटकर अपने आवास पर एक खूबसूरत मुलाकात में अपने बीते जमाने को याद करते हुए पुष्पा वर्मा कहती हैं कि अब के पर्व त्योहारों में वो सजीवता नहीं रही जो हमारे फिल्मी कैरियर के शुरुआती दिनों में हुआ करती थी । जब हमने रामायण में अपने कैरियर की शुरुआत किया था तबसे अबतक काफी कुछ बदल चुका है और अब समय रील से आकर डिजिटल पर विस्तार ले चुका है । हालांकि पर्दे का विस्तार ग्लोबल हुआ है लेकिन फिर भी वो समाजिक सद्भाव और त्योहारों में वो उल्लास और विस्तार अब नहीं रह गया है । लोग समाज मे एक दूसरे से मिलजुलकर रहने के बजाए प्राइवेट होकर रहना पसंद करने लगे हैं। 
                           अपने जमाने मे चरित्र रोल निभाकर कैरियर की बुलंदियों को छू चुकी अभिनेत्री पुष्पा वर्मा ने अमिताभ बच्चन और नाना पाटेकर के साथ मेहुल कुमार की फ़िल्म कोहराम में ढाबेवली के रूप में एक जबरदस्त हिट गाने में परफॉर्म किया था जिसके बोल थे " हम हैं बनारस के भईया " उस गाने ने जबरदस्त सफलता प्राप्त किया था और आज भी उसके नगमें को लोग गुनगुनाया करते हैं। उस गाने और उस जमाने को याद करते हुए पुष्पा वर्मा बताती हैं कि उस साल पहली बार वो अमिताभ बच्चन के प्रतीक्षा बंगले पर हुए दिवाली सेलिब्रेशन में शामिल हुई थीं । जहां उन्होंने अमिताभ बच्चन को टिका लगाई थी , मेरी यादों में यह सबसे बेहतरीन संस्मरण है। अपनी फ़िल्मी सफर को याद करते हुए कहती हैं कि उन्होंने जब " नींद के मारे दरवाजा खुला छोड़ आई " महेश भट्ट की फ़िल्म नाजायज के लिए लिखा था तो वो भी मौक़ा दीवाली का ही था । तब के जमाने मे हम हर तीज त्योहार पर हैंड मेड ग्रीटिंग शेयर करते थे, मैं अक्सर लोगों को भेजे जाने वाले ग्रीटिंग्स में अपने लिखे गीतों की पंक्तियों को सजाकर भेजती थी । तब की आत्मीयता के बाद वो प्यार और सम्मान मुझे अब जाकर भोजपुरी फ़िल्म जगत में मिला है । यहां आने के बाद मनोज तिवारी , रवि किशन , सहित तमाम बड़े सितारों सहित हर एक कलाकारों ने मुझे भरपूर इज्जत और सम्मान दिया है । मुझे इनकी आत्मीयता देखकर अभी भी गर्व की अनुभूति होती है । 
                             पुष्पा वर्मा इनदिनों फ़िल्म बलमा बड़ा नादान में पूर्व सांसद और सुपरस्टार अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ की दादी का किरदार निभाकर लौटी हैं। इस फ़िल्म में अपने किरदार को लेकर बात करते हुए वो काफी इमोशनल और रोमांचित हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि फ़िल्म बलमा बड़ा नादान में एक दादी पोते के रिश्ते की अद्भुत कहानी है।  फ़िल्म पूरी तरह से दादी और पोते के रिश्ते के इर्दगिर्द ही घूमती है । अब के दौर में यह किरदार निभाना मेरे लिए काफी आसान रहा है क्योंकि घर पर भी अब अपने ग्रैंड चिल्ड्रेन्स की दादी के रूप में जिंदगी एन्जॉय कर ही रही हूँ और यहां आकर एक सुपरस्टार और खूबसूरत दिल के धनी दिनेश जी की दादी बनना दोनों में काफी समानता ही है । यहां सेट पर दिनेश जी ने मेरी अभिनय की तारीफ में काफ़ी कुछ बताया उन्होंने फिल्म की शूटिंग के बाद समय निकालकर दर्शकों और उपस्थित मीडिया वालों से बात करते हुए बताया कि मैं इनकी फिल्में देखते हुए बड़ा हुआ हूँ और आज इनके पोते के रूप में फ़िल्म में अभिनय कर रहा हूँ , अब इससे बड़ा सम्मान और क्या ही हो सकता है । मेरे लिए तो यही दिवाली और छठ का त्योहार हो गया कि आज के दौर के सुपरस्टार ने मेरी तारीफ कुछ इस कदर से किया । उन्होंने यही कहा कि मेरी जिंदगी की छोटी छोटी खुशियां ही आज के दौर में मेरी दिवाली हैं । और आगे अपनी ज़िंदगी को इसी तरह से गुलजार रखकर ज़िंदा रहना है ।


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