फिरोजाबाद /जनपद के सिरसागंज मे आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश पर्यटन एम संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान मे आर्य समाज के आदि संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के 200वें जन्मजयंती उत्सव पर तीन दिवसीय भव्य आर्य महासम्मेलन का आयोजन आर्य गुरुकुल महाविद्यालय सिरसागंज मे 16से 18नवंबर तक किया गया।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस गुरुकुल यज्ञशाला मे सामूहिक भव्य यज्ञ हवन के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। इसके पश्चात ध्वज स्थापना के बाद आर्य सम्मेलन और भजन कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
सांध्य कालीन सत्र मे आर्य संगीत एवं देश के वरिष्ठ भनोपदेशकों ने आर्य वार्ता एवं वेद चर्चा का आयोजन किया।
कार्यक्रम के दुसरे दिन हवन यज्ञ के साथ प्रथम सत्र का शुभारम्भ हुआ इसके पश्चात पाँच किलोमीटर तक भव्य शोभायात्रा का आयोजन रामलीला मैदान सिरसागंज से निकाली गई जिसमे लाखो लोगो ने हिस्सा लिया। भव्य शोभायात्रा पर नगरवासियो ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया साथ ही जगह जगह स्वागत सम्मान एवं जलपान की व्यवस्था भी किया गया।
इसके बाद आर्य गुरुकुल विद्यालय एवं गुरुकुल संस्थानों के ब्राह्मचारियो एवं ब्राह्मचारिणी ने अपने ज्ञानवर्धक वेद पर चर्चा किये।
वही दुसरे सत्र मे कल्कि पीठाधीश्वर प्रमोद कृष्णम एवं उत्तर प्रदेश सरकार मे कैबिनेट मंत्री पर्यटन एवं सांस्कृतिक जयवीर सिँह के सामने कई गुरुकुल के बच्चों ने शानदार शारीरिक प्रदर्शन कर मन मोह लिया ।वहीँ प्रथम दिवस की सांध्यकालीन बेला मे देश के नामी गिरामी कवियों का एक कवि सम्मलेन आयोजित किया गया जिसमे हरि ॐ पवार, स्वयं श्रीवास्तव, सहित दर्जनों साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
द्वितीय दिवस के अतिथि रहे आचार्य प्रमोद कृष्णन ने अपने उदबोधन मे कहा भगवान् शिव के विषपान भगवान राम की मर्यादा और भगवान श्री कृष्ण के दूरदर्शिता का स्वामी दयानन्द सरस्वती जी मे समिश्रण था।
महर्षि सरस्वती जी ने पूरे विश्व कों भारतीय संस्कृति से प्रकाशित कर दिया। और आर्यसमाज की स्थापना कर समाज की बुराई और कुरीतियी के खिलाफ लोगो कों जागरूक कर एक बल प्रदान किया।
उन्होंने कहा आर्य समाज सनातन संस्कृति की सबसे मजबूत इकई है।
आर्य संस्कृति कों आयाम देने के महा अभियान कों स्वामीजी ने ऐसे दौर मे किया ज़ब सरकार विपरीत थी समाज भी खिलाफ था। लेकिन देश मे हमेशा ज्याचंदो से ही खतरा रहा है। वही आज भी हो रहा है अभी भी जयचंद हैँ समाज मे उनसे बचना होगा।
सांध्य कालीन बेला मे उड़ीसा से आये कलाकारो ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये वहीँ छोटीपुरा गुरुकुल की बालिकाओं ने मनमोहक कार्यक्रमों से समा बाँध दिया।
तीसरे दिन के प्रथम बेला का शुभारम्भ योग, के बाद हवन यज्ञ से प्रारम्भ हुआ।
इसके बाद कई स्थानीय प्रवचनकरताओं ने अपने प्रवचन दिए इसके बाद केरल के राजयपाल महामहिम आरिफ मोहम्मद खान की उपस्थिति मे सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
राज्य पाल महोदय ने नारी शिक्षा सशकतिकारण पर अपने विचार रखे। साथ ही स्वामी के चरित्र और कार्यों पर अपने विचार रखते हुए कहा की स्वामी दयानन्द जी जैसा समाजसुधारक संत न हुआ है न होगा।
इस दौरान आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान देवेंद्र पाल वर्मा, दिनेश चन्द्र शास्त्री कुलापति, देवेंद्र शास्त्री......... सहित
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