कलयुगी बहु के आतंक और प्रताड़ना की शिकार,सांस और परिवार वालों ने एसपी से लगाई गुहार 


पुलिस से सांठगांठ कर बहु ने परिवार वालों को दर्ज़ कराया मुकदमा,अलीगंज पुलिस का कारनामा हुआ उजागर


👉बहु नाजिया बेगम के हमलावर आतंक से परिवारजनों का जीना हुआ हराम

👉जबरन घर में कर रखी है कब्जा और शान से बना रखा है अवैध संबंध।

👉अवैध संबंध का भंडाफोड़ से तिलमिलायी नाजिया बेगम रिश्तों को किया तार-तार

👉पुलिस से सांठ-गांठ कर षड्यंत्र कर सांस और देवर के खिलाफ दर्ज करा दिया मामला।

👉अलीगंज पुलिस की एक तरफा कार्यवाही से उठा रहा सवालिया निशान



अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) कलयुगी बहू की कहानियों की कारस्तानियों,तांडव और आतंक से समाज अछूता नहीं है आए दिन कहीं ना कहीं टीवी चैनलों से लेकर अखबारों और सोशल मीडिया तक कलयुगी बहूओं का कारनामा उजागर होता रहता है। इसी कड़ी में अलीगंज थाना क्षेत्र से एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें एक कलयुगी बहू द्वारा जबरन घर में कब्जा कर रहने और अपने सासू मां और परिवारजनों को आए दिन अपने प्रताड़ना का शिकार बना रही स्थिति वद से बदत्तर होती जा रही है अब परिवारजनों का जीना भी दूभर हो चुका है और पुलिस अपने दोहरे चरित्र की मिसाल पेश कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अलीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत कस्बा छोटी बाजार निवासिनी पीड़िता सायराबानो पत्नी निसार अहमद जिनमें तीन पुत्र इस्तेखार अहमद ,जुल्फेकार अहमद और तालिब जिसमें अपने बड़े पुत्र इस्तेखार अहमद का निकाह नाजिया बेगम से पूरे रीति रिवाज के साथ कराया था। पीड़िता सायराबानो को इस बात का इल्म न था कि एक दिन यही बहू इसके लिए मुसीबत का सबक(काल) बन जाएगी और जीना हराम कर देगी। समय बीतता गया और फिर कलयुगी बहू का कारनामा शुरू हुआ जो धीरे-धीरे परवान चढ़ता गया। स्थितियां बद से बदतर होती गई बेटा भी बहू के घटिया कारनामों में बराबर कर शरीक रहता। बेटा जब बाहर कमाने चला जाता तो वहीं से प्रॉपर्टी को लेकर तमाम प्रकार की बातों को लेकर फोन पर झगड़ा करता और फिर गंदी-गंदी गालियां देता रहता है। मामला तब और ज्यादा तूल पकड़ने लगा जब कलयुगी बहू के साथ मोहम्मद शान पुत्र शब्बीर अहमद निवासी मोहल्ला नएपुरा के अवैध संबंधों की चर्चा का बाजार गर्म हो गया और जब पीड़िता सायराबानो को अपने बहू के घटिया कारनामों का पता चला तो उसके पैरों तले जमीन खिसकने लगी घर की इज्जत मिट्टी में ना मिल जाए यह सोचकर बहु को समझाने-बुझाने की भरसक कोशिश की तो कलयुगी बहू नाजिया बेगम इधर-उधर की बात करके मामले को टालने का असफल प्रयास किया। के बावजूद नाजिया बेगम और मोहम्मद शान का मोबाइल पर बातचीत का सिलसिला जारी रहा। अंततः 6 नवंबर को नाजिया बेगम और मोहम्मद शान के नाजायज संबंधों को सबूत के साथ भांडाफोड़ हुआ पीड़िता ने कोतवाली टांडा पुलिस से न्याय की गुहार लगाई तो पुलिस के समक्ष मोहम्मद शान ने अपने इस नाजायज संबंध को कबूल किया कानूनी कार्रवाई में खुद को फसता देख माफी मांगने लगा और कहा कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी यदि मैं ऐसा करता हूं तो आप मेरे खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं। घर परिवार की इज्जत को ढकने के लिए मैंने यह समझौता करना उचित समझा और दोनों पक्षों के बीच लिखित समझौता हुआ। जिससे तिलमिलाई हुई नाजिया बेगम के अंदर बैठा शैतान मानों कि जाग गया और फिर घर पर पहुंचने के बाद खूब तांडव मचाया।

सात नवंबर की रात अचानक से मेरे सामने आ धमकी इंसानियत और रिश्तो की सारी हदो को पार करते हुए हमेशा की तरह भद्दी-भद्दी गालियां देने लगी और देखते ही देखते मुझ पर हमलावर हो गई और मारने पीटने लगी। मुझे लगा कि अब मेरा बचना मुश्किल है मैंने जोर-जोर से बचाव- बचाव की गुहार लगाने लगी आवाज सुनते ही मेरा छोटा बेटा जुल्फेकार आया और बीच बचाव करने लगा तो नाजिया बेगम आग बबूला होकर जुल्फेकार अहमद पर हमलावर हो गई। हाथों के नाखूनों और दातों से हमला करने लगी और जो भी सामान पाती उसी से फेंककर मारने लगी मानो कि इसके ऊपर खून सवार हो। हम लोगों ने अपनी जान बचाकर किसी तरह से वहां से भागकर बाहर आये। पीड़िता ने कहा कि मेरे सीने में और सर में आज भी दर्द बरकरार है गर्दन पर जलन है और बेटा जुल्फेकार की उंगली जख्मी हो गया । नाखूनों के हमलों से खरोच पड़ गया है। सामानों से फेक कर करने की वजह से अंदरुनी चोटे भी लगी है।नाजिया बेगम ने धमकी देते हुए कहा कि कहां तक भागोगी अब तुम लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवा कर ही दम लूंगी। मेरे मामले में टांग लडाओगी इतनी हिम्मत हो गई है। इसका यह तांडव और आतंक को देखकर पूरा परिवार डरा और सहमा हुआ था आनन-फानन में अलीगंज थाना पहुंचकर लिखित तहरीर देते हुए न्याय की गुहार लगाई। पीड़िता ने बताया कि जब थाने में ही थी कि उधर मेरी गैर मौजूदगी में दो पुलिस वाले बिना महिला पुलिस के मेरे घर में घुस जाते हैं दूसरे मंजिले पर नाजिया बेगम से मिलते हैं क्या बातें हुई किस तरह का षड्यंत्र मेरे खिलाफ रचा गया मुझे नहीं पता। जबकि मैं (पीड़िता) पहले ही थाने पहुंचकर अपने और पुत्र जुल्फेकार साथ हुए अत्याचार और प्रताड़ना की आपबीती बंया करते हुए लिखित तहरीर देकर कार्रवाई और न्याय की मांग करती रही लेकिन पुलिस के कानों में जूं तक ना रेंगा। नाजिया बेगम पर किसी प्रकार की कार्रवाई न होने से किसी अनहोनी का डर का माहौल बना हुआ है पुलिस कार्रवाई के नाम पर गुमराह करती रही। हम लोगों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था और नाजिया मनबढ़ होती गई एवं मनोबल बढ़ता गया। ग्यारह नवंबर को उसने फिर से उसी तरह से घटना को अंजाम दिया अपनी जान बचाकर पुलिस के पास थाने पहुंची और लिखित तहरीर देते हुए कार्रवाई और न्याय की मांग की किन्तु पुलिस ने मेरी एक भी ना सुनी बल्कि मुझे उल्टा ही डांट फटकार लगाई और बैठाये रही कुछ देर बाद अचानक से बुलाकर जबरन दबाव बनाकर बिना कुछ बताएं एक कागज पर पीड़िता और उसके बेटे से हस्ताक्षर करवाया लिया गया पीड़िता पूछती रही साहब कैसा हस्ताक्षर करवा रहे हैं हमें भी तो कुछ बताइए हम भी तो पढ़ ले हमें भी पढ़ने दीजिए लेकिन दरोगा साहब सुनने को कहां तैयार थे हस्ताक्षर करने के बाद कागज को छूने भी नहीं दिया और कहा कि अब जाओ भागो यहां से शाम को घर आऊंगा तब बताऊंगा।कुछ समझ ही नहीं आ रहा था आखिर खेल क्या चल रहा है मजबूर और लाचार होकर हम दोनों उल्टे पाव घर आए तो शाम को नाजिया बेगम का पति इस्तेखार भी मेरे द्वारा क्रय किए गए मकान पर आ धमका और फिर आव देखा ना ताव सारे रिश्ते नातों को ताख पर रखकर घिनौनी-घिनौनी गालियां देने लगा कहा कि बुढ़िया तुझे तो मैं गोली मारूंगा जब तक तू मरेगी नहीं तब तक अब चैन से नहीं बैठूंगा। उसकी इस धमकी को सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गए पूरा परिवार इस कदर डरा और सहमा हुआ है कि पूरी रात मौत के दहशत में गुजरी रात भर जागते रहे और सुबह का इंतजार करते रहे सुबह होते ही पुलिस अधीक्षक की चौखट पर न्याय की गुहार लगाने गई, पुलिस कप्तान साहब से मुलाकात तो नही हो पायी किंतु मौजूद साहब ने कहा कि कप्तान साहब आज नहीं आएंगे आप कल आ जाईएगा और अपनी समस्या साहब के समक्ष रखिएगा। साहब तो नहीं मिले लेकिन एक बड़ी उम्मीद के साथ वापस आ गई । जिससे मेरे साथ और मेरे परिवार के साथ हो रहे इस अत्याचार प्रताड़ना और आतंक से निजात मिल सके और न्याय मिल सके।
बताया कि जब बारह नवंबर को कप्तान साहब से फरियाद के लिए जिला मुख्यालय गई थी तब पता चलता है कि मेरे (पीड़िता सायरा बानो) और पुत्र जुल्फिकार के खिलाफ नाजिया बेगम ने मामला दर्ज कर दिया है।
पीड़िता ने बताया कि अलीगंज पुलिस द्वारा 8 नवंबर को मेरे दिए गए लिखित तहरीर पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि मेरे साथ षड्यंत्र किया गया पुलिस एक पक्षी कार्रवाई कर रही है जो कि कानून और संविधान दोनों के खिलाफ है।
अब सवाल खड़ा होता है कि अलीगंज पुलिस पर कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में जहां जीरो टॉलरेंस की नींति चल रही हो महिलाओं की सुरक्षा के लिए नियम और कानून बनाए गए हैं ऐसे में अलीगंज पुलिस क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है?
क्या पीड़िता और उसके परिवार के साथ जब तक कोई बड़ी घटना हो जाएगी तब अलीगंज पुलिस अपना आंख और कान खोलेगी।

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