उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में चालू वित्तीय वर्ष में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने जी0एस0टी0, वैट, आबकारी, स्टाम्प एवं पंजीयन, परिवहन, भू-राजस्व और ऊर्जा विभागों में राजस्व संग्रह के लक्ष्य और उसके सापेक्ष प्राप्तियों का विवरण प्राप्त किया तथा विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नियोजित प्रयासों से प्रदेश के कर-करेत्तर राजस्व संग्रह में सतत वृद्धि हो रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अक्टूबर माह तक विविध माध्यमों से 1.16 लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व संग्रह हुआ है। इसमें जी0एस0टी0/वैट से लगभग 64 हजार करोड़ रुपये, एक्साइज टैक्स के रूप में 26 हजार करोड़ रुपये, स्टाम्प एवं पंजीयन से 17,700 करोड़ रुपये, खनन से 2,000 करोड़ रुपये तथा परिवहन से 6,300 करोड़ रुपये से अधिक का संग्रहीत कर राजस्व सम्मिलित है। यह जनता से एकत्रित राशि है जो प्रदेश के विकास में, जनता के हित में तथा लोक कल्याणकारी कार्यों में व्यय होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए नए स्रोत भी बनाने चाहिए। हर जनपद को दिए गए टारगेट की साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक समीक्षा करें। राजस्व संग्रह बढ़ोत्तरी के लिए किए गए प्रयासों के आधार पर हर एक अधिकारी की रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि लगातार प्रयासों से आज प्रदेश में 31 लाख से अधिक जी0एस0टी0 पंजीकृत व्यापारी हैं। इसे और बढ़ाया जाना चाहिए। प्रदेश में अपार सम्भावनाएं हैं, उसका लाभ उठाने की आवश्यकता है। अधिकारियों की जवाबदेही तय करें। पोस्टिंग मेरिट के आधार पर ही होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जी0एस0टी0 की चोरी/अपवंचन की कोशिशों को रोकने के लिए सजगता बढ़ाये जाने की जरूरत है। विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता को और बढ़ाया जाना आवश्यक है। यद्यपि हाल के समय में इनकी सजगता से कर चोरी/अपवंचन पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता मिली है। फिर भी अभी कार्यशैली को और बेहतर करने की गुंजाइश है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजस्व बढ़ोत्तरी में एक्साइज विभाग की बड़ी भूमिका है। जनपदवार टारगेट की साप्ताहिक समीक्षा करें। जहां भी लापरवाही हो रही हो, सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई में देर न करें। यह सुनिश्चित कराएं कि डिस्टिलरी में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज हो। नदियां इनके वेस्ट से प्रदूषित न हों। इण्डस्ट्री से संवाद करें, उन्हें तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करें। अवैध मदिरा/कच्ची शराब बनाने और बेचने की गतिविधियों को बंद करने में हमें सफलता मिली है। ऐसी गतिविधियों पर कार्रवाई लगातार जारी रखी जानी चाहिए। दूसरे प्रदेशों से अनाधिकृत मदिरा प्रदेश में न आने पाए, इसके लिए हर समय एक्टिव रहना होगा। राजस्व संग्रह लक्ष्य के सापेक्ष आबकारी विभाग द्वारा और बेहतर प्रयास किया जाना अपेक्षित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सामान्यजन की जरूरतों के दृष्टिगत स्टाम्प एवं निबन्धन से जुड़े नियमों को और सरल बनाया जाना चाहिए। बिल्डर-बायर्स के बीच समस्याओं का समाधान तेजी के साथ किया जाए। आवास एवं विकास परिषद, विकास प्राधिकरण अथवा निजी बिल्डर, जहां कहीं भी रजिस्ट्री लम्बित है, दोनों पक्षों से संवाद कर हल निकालें। हमें हर एक बायर के हितों की सुरक्षा करनी है। बायर को उसके फ्लैट की रजिस्ट्री समय से मिलनी चाहिए। इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं। रजिस्ट्री से राजस्व बढ़ाने के नए विकल्पों पर भी विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बिना परमिट/बिना फिटनेस एक भी वाहन सड़क पर नहीं चलना चाहिए। दुर्घटनाओं को कम करने के लिए जागरूकता बढाएं। खनन सत्र प्रारम्भ हो चुका है। अवैध खनन तथा ओवरलोडिंग की गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाएं। खनन क्षेत्र में काफी पोटेंशियल है, इसे पहचानें और राजस्व बढ़ाने के प्रयास करें।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नितिन अग्रवाल, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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