मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड महोत्सव का शुभारम्भ किया
आज उत्तराखण्ड का स्थापना दिवस, उत्तराखण्ड ने अपनी
स्थापना के रजत जयन्ती वर्ष में प्रवेश किया : मुख्यमंत्री
विगत 24-25 वर्षां में उत्तराखण्ड ने लम्बी दूरी तय की और विकास के
नये प्रतिमान स्थापित किये, अपनी विरासत को नई ऊंचाईयों तक
पहुंचाने के लिए उत्तराखण्ड में बहुत से कार्य हो रहे
उत्तराखण्ड ने स्प्रिचुअल टूरिज्म की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया
विरासत का सम्मान करने वाला समाज ही हमेशा विकास की ओर उन्मुख
होता, हमारी सांस्कृतिक धरोहर, कला, प्रथाएं तथा संगीत
हमारी विरासत, इन्हें अक्षुण्ण बनाये रखना है
मुख्यमंत्री ने डॉ0 कल्याण सिंह रावत को उत्तराखण्ड गौरव सम्मान
प्रदान किया तथा उत्तराखण्ड दर्पण स्मारिका का विमोचन किया
उत्तराखण्ड महापरिषद लगातार अपने रचनात्मक कार्यां के
माध्यम से उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ा रही
उ0प्र0 सरकार इस सांस्कृतिक जागरण के अभियान
के लिए उत्तराखण्ड महापरिषद का सदैव सहयोग करेगी
लखनऊ : 09 नवम्बर, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आज उत्तराखण्ड का स्थापना दिवस है। उत्तराखण्ड ने अपनी स्थापना के रजत जयन्ती वर्ष में प्रवेश किया है। विगत 24-25 वर्षां में उत्तराखण्ड ने लम्बी दूरी तय की है और विकास के नये प्रतिमान स्थापित किये हैं। अपनी विरासत को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने के लिए उत्तराखण्ड में बहुत से कार्य हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने आज यहां पं0 गोविन्द बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में उत्तराखण्ड महोत्सव का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पद्मश्री डॉ0 कल्याण सिंह रावत को उत्तराखण्ड गौरव सम्मान प्रदान किया। उन्होंने उत्तराखण्ड दर्पण स्मारिका का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तराखण्ड में हमारे पवित्र धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री तथा जागेश्वरधाम स्थित हैं। उत्तराखण्ड में पौराणिक काल से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन जाते थे। वर्तमान में जब बद्रीनाथ धाम का पुनरोद्धार हो रहा है, केदारनाथ धाम नये रूप में विकसित हो रहा है, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने श्री जागेश्वरधाम के पौराणिक महत्व को देश व दुनिया के सामने रखा है। ऐसे में उत्तराखण्ड ने स्प्रिचुअल टूरिज्म की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया है। यह श्रद्धालु एवं पर्यटक उत्तराखण्ड में रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम बनेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तराखण्ड महापरिषद की स्थापना उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्व0 पं0 गोविन्द बल्लभ पंत जी के द्वारा की गयी थी। यह परिषद लगातार अपने रचनात्मक कार्यां के माध्यम से उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ा रही है। यह अपने कार्यक्रमों में उत्तराखण्ड की गढ़वाल तथा कुमांयू की सांस्कृतिक विरासत तथा वहां की पौराणिक कथाओं का मंचन करती है। इनमें उत्तराखण्ड के धामों के बारे में वर्तमान पीढ़ी को बताया जाता है। वहां के कलाकारों, सामाजिक संस्थाओं से जुड़े महानुभावों तथा सामाजिक आन्दोलन से जुड़े नेतृत्व को सम्मानित किया जाता है। यह सम्मान अपने पूर्वजों की विरासत का सम्मान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कठिन परिश्रम किया। उस समय आवागमन के साधन नहीं थे। स्व0 श्री हेमवती नन्दन बहुगुणा अपने गांव से पैदल ही कोटद्वार तथा नजीबाबाद आते थे। तब उन्हें ट्रेन या बस की सुविधा मिलती थी। इतने संघर्ष के बाद भी उन्होंने अच्छी शिक्षा ली, देश के आन्दोलन से भी जुड़े, राजनीति के शीर्ष पदों पर रहकर नेतृत्व दिया और अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया तथा उत्तराखण्ड के गौरव को बढ़ाया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बहुगुणा जी से भी पहले पं0 गोविन्द बल्लभ पंत ने संघर्ष का वही रास्ता अपनाया था। आजादी के आन्दोलन में भाग लेकर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा देश के गृह मंत्री के रूप में उन्होंने अपनी सेवांए दीं। आज हिन्दी राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित है, इसके पीछे पं0 गोविन्द बल्लभ पंत जी की ही सोच है। स्व0 श्री नारायण दत्त तिवारी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में औद्योगिक वातावरण को आगे बढ़ाने का कार्य किया। उत्तराखण्ड की इन विभूतियों ने उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखण्ड का गौरव भी बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विरासत का सम्मान करने वाला समाज ही हमेशा विकास की ओर उन्मुख होता है। हमारी सांस्कृतिक धरोहर, कला, प्रथाएं तथा संगीत हमारी विरासत हैं। इन्हें अक्षुण्ण बनाये रखना है। हमें इनके पौराणिक वाद्यों के साथ इन्हें पुनर्जीवित करना है। इनमें हमारे धामों, गांव तथा गलियों सहित जीवन के सभी पहलुओं की चर्चा होती है।
आज यहां डॉ0 कल्याण सिंह रावत जी को उत्तराखण्ड गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने भी इन्हें पद्म सम्मान से सम्मानित किया है। इनसे पूर्व, श्रीमती कबूतरी देवी, सुश्री चन्द्रप्रभा एटवाल, श्री हेम चन्द्र सिंह, डॉ0 हेम चन्द्र पाण्डेय, पर्यावरणविद् तथा पद्म पुरस्कार से सम्मानित डॉ0 अनिल प्रकाश जोशी एवं जलपुरुष श्री राजेन्द्र सिंह को ‘उत्तराखण्ड गौरव सम्मान’ से अलंकृत किया जा चुका है। यह सिलसिला निरन्तर आगे बढ़ते रहना चाहिए। उत्तराखण्ड के गौरव, संस्कृति, परम्परा तथा लोकगाथाओं के माध्यम से वहां के महापुरुषों को हम सम्मानित करते रहें। उत्तर प्रदेश सरकार इस सांस्कृतिक जागरण के अभियान के लिए उत्तराखण्ड महापरिषद का सदैव सहयोग करेगी।
इस अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी तथा उत्तराखण्ड महापरिषद के पदाधिकारीगण सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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