लोक आस्था, पवित्रता और सूर्योपासना के महा पर्व छठ पूजा श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में व्रत और सनातन धर्म प्रेमी बंधु के द्वारा  दुःख हरण नाथ मन्दिर के पोखरे भारी संख्या लोग  एकत्रित हुए। सूर्य की आराधना का यह पर्व विशेष रूप से महिला ओं के द्वारा बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है, जिसमें सभी लोग सूर्य देवता से सुख,समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करती रही।

पर्व के दौरान व्रतियों ने विशेष रूप से पूजा अर्चना की, और छठी मैया से यह प्रार्थना की कि इस महा पर्व के माध्यम से उनके जीवन में नवीन सात्विक ऊर्जा का संचार हो,जो उन्हें उज्जवल भविष्य,सरल ता,स्वास्थ्य,दीर्घायु, समृद्धि और दान शीलता का आशीर्वाद दे।साथ ही, व्रत और श्रद्धालु लोग यह कामना करते हैं कि सूर्योपासना से उनका जीवन धैर्य, शौर्य, वीरता,सुख,शांति,यश, वैभव,ख्याति,सम्पदा, धन और सफलता से रोशन हो जाए। दुःख हरण नाथ मन्दिर के पोखरे पर इस विशेष दिन पर हर्षोल्लास का माहौल बना रहा,जहां व्रतियों ने न केवल सूर्य देवता की पूजा की बल्कि विशेष रूप से उबटन, स्नान और सूर्य अर्घ्य की परम्पराओं का पालन किया।पोखरे के किनारे पर श्रद्धालुओं ने एकत्र होकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष रूप से आशीर्वाद की प्रार्थना की। यह महापर्व सना तन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख अवसर है,जो न केवल शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है,बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस पर्व के आयोजन में स्थानीय निवासियों ने बढ़-चढ़कर अपना हिस्सा लिया। और पर्व की दिव्यता में अपने जीवन को रमणीय बनाने का संकल्प लिया। छठ पूजा का यह पर्व हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक एकता का प्रतीक है, और व्रत अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना लेकर अपने घर लौटे। 

   
        हिन्दी संवाद न्यूज से
       असगर अली की रिपोर्ट
        उतरौला बलरामपुर। 

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