विश्रुत मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में लेखिका रीता जैन की
दो नव-प्रकाशित कृतियों ‘दर्शन से लोकोपकार’ एवं ‘प्रेरक कहानियाँ’ का लोकार्पण
‘गागर में सागर’ हैं रीता जैन की पुस्तकें
-- मंचासीन वक्ताओं की आम राय
लखनऊ, 5 अक्टूबर। विश्रुत मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में प्रख्यात लेखिका श्रीमती रीता जैन की दो नव-प्रकाशित कृतियों ‘दर्शन से लोकोपकार’ एवं ‘प्रेरक कहानियाँ’ का लोकार्पण आज बाल्मीकि रंगशाला, नाट्य कला केन्द्र, गोमती नगर, लखनऊ में सम्पन्न हुआ। भारी संख्या में उपस्थित पुस्तक प्रेमियों की उपस्थिति में मुख्य अतिथि पद्मश्री सुश्री विद्या बिंदु एवं अति-विशिष्ट अतिथि प्रख्यात साहित्यकार पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ ने दोनों पुस्तकों को जनमानस के लिए लोकार्पित किया। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार श्री दयानंद पाण्डेय, श्रीमती अलका प्रमोद, श्रीमती नीलम राकेश एवं प्रधान संपादक, उ.प्र. हिन्दी संस्थान श्रीमती अमिता दुबे ने अपने सारगर्भित विचारों से दोनों पुस्तकों के मर्म को उजागर किया। मंचासीन वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि दोनों पुस्तकें ‘गागर में सागर’ के समान हैं, जो पाठकों को रोचक तरीके से जीवन की वास्तविकताओं से अवगत कराती हैं। इससे पहले, कार्यक्रम के संयोजक डा. अरुण कुमार जैन ने आमान्त्रित अतिथियों का स्वागत किया।
पुस्तकों का लोकार्पण करते हुए मुख्य अतिथि पद्मश्री सुश्री विद्या बिंदु ने कहा कि डा. रीता जैन की दोनों ही पुस्तकें पाठकों को सकारात्मक व रचनात्मक विचारों से ओतप्रोत करने में महती भूमिका निभायेंगी। ये पुस्तकें अपने आप में अनूठी है और व्यावहारिकता की कसौटी पर सौ प्रतिशत खरी है। समारोह के विशिष्ट अतिथि पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’, प्रख्यात साहित्यकार ने अपने संबोधन में कहा कि डा. रीता जैन अपने लेखनी से समाज को नई दिशा दिखा रही हैं, उसके लिए बधाई की पात्र हैं। डा. जैन की दोनों पुस्तकें समाज के सभी वर्गों के लिए मार्गदर्शक हैं।
इस अवसर पर पाठकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए लेखिका श्रीमती रीता जैन ने कहा कि आप सभी की उपस्थिति ने मेरा मनोबल व उत्साह को शतगुणित कर दिया है, साथ ही मेरी लेखनी को नई प्रेरणा दी है। आशा है कि पाठकों के स्नेह मेरे आगामी लेखन का संबल बनेगा।
(डा. अरुण कुमार जैन)
कार्यक्रम संयोजक एवं संस्थापक
विश्रुत मेमोरियल ट्रस्ट
मो 8932000210
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