खाद्य विभाग की सख्ती की खुली पोल एक तरफ दूर दराज क्षेत्रों में छापेमारी कर अपनी वाहवाही में जुटा विभाग मुख्यालय पर मेहरबान दिख रहा है। जहां नगर चौराहे ,झारखंडी क्रॉसिंग के पास स्थित दुकानों में शासन द्वारा जारी नियमों को ताख़ पर रखकर मिठाई बेची जा रही है।शासन द्वारा मिठाई बनने और एक्सपायरी की तारीख को लिखना आवश्यक बनाया गया है लेकिन मुख्यालय पर स्थित लगभग कुछ दुकान को छोड़कर सभी मिठाई विक्रेता को इस नियम से कोई मतलब नहीं।
वही झारखंडी के बगल स्थित मिठाई दुकानदार ने कहा कि देखिए मेरी दुकान पर एक कर्मचारी केवल साफ सफाई पर लगा रहता है जबकि हाइजीन का ख्याल रखा जाता है इसलिए कर्मचारी ग्लब्स पहनकर मिठाई की पैकिंग करते है लेकिन मिठाई हमारी बालपुर से आती है।पर एक्सपायरी डेट न लिखा पूछने पर बगले झांकते नजर आए।और त्यौहार की दुहाई देने लगे।मतलब अगर त्यौहार है तो ग्राहकों को ये जानने का हक नहीं की मिठाई कब की बनी है जबकि त्यौहार के मौसम में ही आम ग्राहक अपने मेहनत के पैसों से परिवार के लिए मिठाई आदि खरीदता है और त्यौहार मनाता है।
नगर के प्रतिष्ठित मिठाई दुकानदारों की ये मानसिकता है तो मुख्यालय से सटे मिठाई दुकानों के बारे में क्या हाल होगा।वही खाद्य विभाग अधिकारियों की ये नाकामी कही ग्राहकों को भारी न पड़ जाए इसलिए खराब मिठाइयों से बचने व एक्सपायरी मिठाइयों से बचने की सारी जिम्मेदारी ग्राहकों को खुद उठानी पड़ेगी और अगर कुछ गलत हुआ तो सरकार के अच्छे कानून होने के बावजूद नाकामी किसकी होगी ये तो भविष्य बताएगा।
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