नशा उन्मूलन और विधिक साक्षरता शिविर का हुआ आयोजन


हमें अपने इच्छा शक्ति एवं डाक्टर के परामर्श से नशे को छोड़ना व हराना है- भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज


गिरजा शंकर गुप्ता/अंबेडकर नगर। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 18.10.2024 को नशा उन्मूलन विषय पर जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया तथा अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार का निरीक्षण किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रमेश राम त्रिपाठी, चीफ, एल०ए०डी०सी०एस०, सूर्यभान सरोज, डिप्टी जेलर, अश्वनी चौहान, जेल वार्डर तथा जि०वि० से० प्रा० के कर्मचारी, पी०एल०वी० एवं कारागार के कर्मचारीगण व बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर को सम्बोधित करते हुये भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि नशा एक धीमा जहर है जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे-धीरे मौत के मुंह में धकेलता रहता है। लोग जाने-अनजाने में तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते रहते हैं, धीरे-धीरे शौक लत में परिवर्तित हो जाता है और तब नशा आनन्द प्राप्ति के लिये नहीं बल्कि न चाहते हुए भी किया जाता है। नशे का सेवन अनेक रूप में किया जाता है, जैसे-बीड़ी, गुटखा, जर्दा, खैनी, हुक्का, चिलम आदि। सिगरेट, बीड़ी और हुक्के का हर कश एवं गुटखे, जर्दै, खैनी की हर चुटकी हर पल मौत की ओर ले जा रही होती है। इसके सेवन से कई बीमारियां उत्पन्न होती हैं जैसे दीर्घकालिक अवरोधक फेफड़ों सम्बन्धी बीमारी, फेफड़े का कैंसर, हृदय घात, स्थायी दिल की बीमारी इत्यादि। एवं सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध, सिगरेट तथा अन्य किसी तम्बाकू उत्पाद के विज्ञापन का निषेध, कोई भी व्यक्ति सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को नहीं बेच सकता तथा शैक्षिक संस्थानों से सौ गज की परिधि के अन्दर भी नहीं बेच सकता, समस्त तम्बाकू उत्पादों पर सचित्र स्वास्थ्य चेतावनी दर्शित होनी चाहिये नशे की लत से लड़ने के लिये हमें अपने इच्छा शक्ति एवं डाक्टर के परामर्श से नशे को छोड़ना व हराना है। शिविर के दौरान श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने वाले लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल को अब "न्याय रक्षक" कहा जायेगा तथा पराविधिक स्वंय सेवकों को अधिकार मित्र" कहा जायेगा।
शिविर के उपरान्त अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा जिला कारागार एवं जेल लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण किया गया एवं रसोईघर में साफ-सफाई तथा भोजन के लिये उपयोग होने वाले पदार्थों को भी देखा गया। कारागार के निरीक्षण के दौरान सचिव महोदय द्वारा बन्दियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के विषय में बात की बन्दियों को लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की एवं जेल अधीक्षक जिला कारागार, अम्बेडकरनगर को निर्देशित किया गया कि बन्दियों को उनकी रिहाई के अधिकारों के प्रति जागरूक करें व किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर उचित उपचार दिलाना सुनिश्चित करें, बन्दियों के खान-पान का विशेष ध्यान रखें, महिला बन्दियों के साथ रह रहे बच्चों का ध्यान रखें, जिला कारागार परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें एवं किसी भी प्रकार की विधिक सहायता प्राप्त करने हेतु जिला कारागार अम्बेडकरनगर में स्थापित जेल लीगल एड क्लीनिक में नियुक्त जेल पराविधिक स्वयं सेवक एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर से सम्पर्क स्थापित कर सहायता प्राप्त की जा सकती है।

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