औरैया :- ददलहा कटरी क्षेत्र में चकबंदी विभाग 50 साल बीत जाने के बाद भी अपना सर्वे का कार्य पूरा नहीं कर पाया है जो अन्य विभागों और छोटे किसानों के लिए सिरदर्द बना है। फायदा उठा कब्जाधारक (भूमाफिया) बेखौफ होकर जमीन में फसल काट रहे हैं पूर्व में किसानों से उगाही में कई लेखपाल पकड़े गए और एफआईआर भी दर्ज हुई। मंगलवार को सर्वे कानूनगो का रिश्वत लेते वीडियो वायरल होने के बाद मामला फिर चर्चा में आ गया है, सफईपुर तहसील के गांव ददलहा कटरी में सर्वे विभाग ने वर्ष 1975 में काम शुरू किया था। सर्वे शुरू होते ही कब्जाधारक सक्रिय हो गए और काटे गए चक अपने मनचाहे स्थान पर पहुंचाने में लेखपाल का सहारा लिया, ग्रामीणों ने सर्वे को गलत ठहराकर उच्च न्यायालय में दोबारा सर्वे कराने की मांग की। न्यायालय के निर्देश पर जिलाधिकारी ने जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई। इसके बाद वर्ष 1995 में दोबारा सर्वे शुरू हुआ तो कब्जाधारकों ने सर्वे लेखपाल की मिलीभगत से वर्ष 1970 व 1990 में किए गए पट्टे के दस्तावेजों को निकाल मूल मालिकों के नाम पर फ्लूड लगा खतौनी पर मनचाहा आदेश चढ़वा लिया।

जब मूल पट्टाधारकों को जानकारी हुई तो उन्होंने शिकायत की। जिसके बाद फिर से जांच शुरू हुई तो सर्वे कार्य प्रभावित हो गया। इसके बाद शिकायत पर शिकायत पहुंचने लगी, जिसके परिणामस्वरूप आज तक सर्वे कार्य पूरा नहीं हो सका। सर्वे पूरा न होने से किसान ही नहीं ग्राम पंचायत व वन विभाग की भूमि भी फंसी हुई है, 13 अक्तूबर 2021 को ग्राम ददलहा के प्रधान मसर्रत अली ने डीएम को पत्र देकर चकबंदी लेखपाल की मदद से भूमाफिया की ओर से अभिलेखों में छेड़छाड़ कर सरकारी व पट्टेधारकों की भूमि अपने नाम कर बेचने और कब्जा कर फसल बोने का आरोप लगाया था, जांच में आरोप सही पाए गए थे जिसके बाद चकबंदी लेखपाल प्रतीक चौधरी, शशि कुमार, नरेंद्र कुमार सहित चार्ज पर रहे एसडीएम नन्हकू के विरुद्ध सदर थाने में 22 अक्तूबर 2021 को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। ऐसी ही कई और मामले और सामने आए, वहीं एसडीएम सफीपुर नवीन चंद्र का कहना है कि समय समय पर सर्वे विभाग को पत्र लिख कर कार्य जल्द पूर्ण कराने की मांग की जाती है जब तक सर्वे पूर्ण होकर किसानों, पट्टाधारकों, राजस्व व वन विभाग की भूमि का चिन्हांकन नहीं हो जाता तब तक समस्या का कोई दूसरा समाधान नहीं है सर्वे का कार्य समय से न होने के कारण एवं अधिकारियोंद्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार से किसानों में भारी आक्रोश और नाराजगी है किसानों ने समय से सर्वे का कार्य पूर्ण करने की मांग है।

ब्यूरो रिपोर्ट :- जितेन्द्र कुमार

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