लखनऊ : 02 अक्टूबर, 2024 :ः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आज भारत माता के दो महान सपूतों, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के द्वितीय प्रधानमंत्री स्व0 श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पावन जयंती है। हम सब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्मरण भारत की आजादी के एक महानायक के रूप में करते हैं। उन्होंने एक लोकतांत्रिक तरीके से, आचार और विचार में बेहतर समन्वय और स्वदेशी के माध्यम से, भारतीय ऋषि परंपरा के मूल्यों और आदर्शों को अंगीकार करते हुए भारत की स्वाधीनता के आंदोलन को नई ऊंचाई तक पहुंचाया। महात्मा गांधी ने आज से 100 वर्ष पहले जिन मूल्यों की स्थापना की थी, उसके परिणाम हमें 15 अगस्त 1947 में देश की आजादी के रूप में देखने को मिले। मुख्यमंत्री जी ने महात्मा गांधी और स्व0 श्री लाल बहादुर शास्त्री को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में सेवा पखवाड़ा के अन्तर्गत आयोजित संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के आन्दोलन के दौरान महात्मा गांधी जिन मूल्यों और आदर्शां को लेकर आगे बढ़ें, उसके लिए हम महात्मा गांधी का स्मरण करते हैं। आज पूरी दुनिया में जहां कहीं भी विश्व मानवता के ऊपर संकट दिखता है तथा जहां कहीं भी कोई समाज अत्याचार, अन्याय और शोषण में जीने के लिए मजबूर है, उन सबके लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन एक आदर्श प्रेरणा है।
दक्षिण अफ्रीका में श्री नेल्सन मण्डेला ने भेदभाव के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई प्रारम्भ की थी। जब उनसे पूछा गया कि उनकी लड़ाई किन मूल्यों को लेकर है, तो श्री मण्डेला कहा था कि उनकी लड़ाई महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर निरंतर आगे बढ़ने की है। दक्षिण अफ्रीका में रंग भेद के खिलाफ आंदोलन को नई ऊंचाई तक पहुंचाना है। उन्हें अपने कार्य में सफलता प्राप्त हुई। इस प्रकार महात्मा गांधी दुनिया में मानवता की प्रेरणा के केंद्र बिंदु बनकर उभरे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के आन्दोलन के दौरान गांधी जी ने स्वदेशी, स्वच्छता तथा स्वावलंबन के मूल्यों को आगे बढ़ाया। स्वच्छता का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि विगत 10 वर्षांर् में स्वच्छ भारत मिशन ने लोगों में स्वच्छ जीवन जीने की प्रेरणा दी है। उत्तर प्रदेश में 02 करोड़ 62 लाख से अधिक परिवारों को एक-एक शौचालय प्राप्त हुआ है। इसके माध्यम से नारी गरिमा की रक्षा का आह्वान किया गया है। अनेक रोजगार के सृजन के साथ-साथ, लोगों को गन्दगी के कारण पैदा होने वाली अनेक प्रकार की बीमारियों से भी मुक्ति प्राप्त हुई है। स्वच्छता जीवन जीने का माध्यम हो सकती है, यह स्वच्छ भारत मिशन ने करके दिखाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वदेशी महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना का माध्यम तथा खादी इसकी नेतृत्वकर्ता बनी। आज भी खादी स्वदेशी का प्रतीक बनकर उभरी है। यह रोजगार, स्वदेशी तथा स्वावलम्बन का भी माध्यम बनती है। देश की आजादी के आन्दोलन के दौरान स्वदेशी, स्वच्छता और स्वावलंबन का यह मंत्र भारत की आजादी का मंत्र बना था और देखते ही देखते देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ। महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के रूप में देशवासियों के सामने रखा है। यह भारत में नई क्रांति तथा नए सृजन का एक अभियान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज प्रखर गांधीवादी, महात्मा गांधी के अनन्य अनुयाई तथा देश के द्वितीय प्रधानमंत्री स्व0 श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का स्मरण करना भी अत्यन्त प्रासंगिक है। उन्होंने आजादी के आंदोलन में एक प्रखर सिपाही के रूप में कार्य किया। उस समय उन्होंने कांग्रेस के मंच का उपयोग किया और आन्दोलन से जुड़े। शास्त्री जी ने स्वतंत्र भारत में केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री तथा देश के द्वितीय प्रधानमंत्री के रूप में अनेक दायित्वों का निर्वहन किया। महात्मा गांधी जी के अनुयायी होने के अनुरूप ही शास्त्री जी के आचार व व्यवहार में बेहतर समन्वय था।
शास्त्री जी ने उस समय आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत का आह्वान किया था, जब देश खाद्यान्न संकट से जूझ रहा था। खाद्यान्न के लिए हमें अमेरिका तथा दुनिया के अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था। शास्त्री जी के आह्वान के परिणामस्वरूप आज भारत खाद्यान्न सरप्लस के लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है। आज भारत न केवल देश के 140 करोड़ लोगों का पेट भर रहा है, बल्कि दुनिया के अनेक देशों को खाद्यान्न का निर्यात भी कर रहा है।
एक समय भारत 30 करोड़ लोगों को भोजन नहीं दे पाता था, क्योंकि उस समय इतना उत्पादन ही नहीं होता था। आज नया भारत 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ भी प्रदान कर रहा है। शास्त्री जी ने जहां एक ओर देश को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया, तो दूसरी ओर वर्ष 1965 में जब दुश्मन देश पाकिस्तान ने भारत पर युद्ध थोपा, तब पाकिस्तान को मात देकर भारत के शौर्य और पराक्रम का लोहा मनवाया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 17 सितम्बर को विश्व के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा जी की पावन जयंती पर ही आधुनिक भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का पावन जन्मदिन भी था। 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा के कार्यक्रम से हम सभी को जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस दौरान संगठन और सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये। 25 सितंबर को अन्त्योदय के प्रणेता पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की पावन जयंती पर राष्ट्रीय सदस्यता अभियान के कार्यक्रम से हमें जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ। अन्य अनेक रचनात्मक कार्यक्रमों के साथ भी हम जुड़े।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज गांधी जयंती के अवसर पर प्रातःकाल स्वच्छता के वृहद कार्यक्रम में हम सहभागी बने। यहां पर जिस महत्वपूर्ण संगोष्ठी से हम जुड़े हैं, वह श्री आर0 बालासुब्रमण्यम द्वारा लिखित पुस्तक ‘पावर विदिन : द लीडरशिप लिगेसी ऑफ नरेंद्र मोदी’ पर आधारित है। यह पुस्तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के संपूर्ण व्यक्तित्व को देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत करती है। यह शून्य से शिखर तक की उस यात्रा का नाम है, जिसे आज नया भारत न केवल देख रहा है, बल्कि उसके अनुसार अपना जीवन भी जी रहा है। प्रधानमंत्री जी के सक्षम और विजनरी लीडरशिप में आज देश को नए भारत का दर्शन हो रहा है। हम प्रधानमंत्री जी को नए भारत के शिल्पी के रूप में देख रहे हैं।
दुनिया में जितने भी बड़े देश और विकसित देश हैं, वे अचानक विकसित नहीं हुए। उन्होंने बड़े विजन और बड़े लक्ष्य के साथ काम किया और देशवासियों को एक विजन दिया। यह हमारा सौभाग्य है कि जब हमारा देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था, तो प्रधानमंत्री जी ने भी भारतवासियों के सामने ‘विकसित भारत’ के रूप में आगामी 25 वर्ष का एक रोड मैप दिया। वर्ष 2047 में भारत को विकसित भारत के रूप में प्रस्तुत करना है। विकसित भारत कैसे बनेगा, प्रधानमंत्री जी ने इसके रास्ते भी बताएं। इसके लिए उन्होंने पंचप्र्रण की बात की। उन्होंने केवल लक्ष्य ही नहीं दिया, बल्कि लक्ष्य तक पहुंचने का रास्ता भी बताया। यह एक विजनरी नेतृत्व का गुण होता है। इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने अपने 10 वर्ष के कार्यकाल के दौरान भारत को मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल के मंत्र दिये और इन्हें जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर भारत के पास हो इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने 2-लेन या 4-लेन के ही नहीं, बल्कि 12-लेन और 14-लेन के हाईवे, रैपिड रेल, हाई स्पीड ट्रेन, बुलेट ट्रेन सहित एयर एण्ड वॉटर कनेक्टिविटी दी। अब भारत स्पेस के क्षेत्र में भी दुनिया को लीड करेगा, यह हमने चंद्रयान की सफलता के माध्यम से देखा है। जहां कोई नहीं पहुंच पाया, वहां भारत का चंद्रयान पहुंचा है। हम सभी ने समावेशी विकास और कल्याणकारी योजनाओं का अनुभव किया है। इनसे भारतवासी किसी न किसी रूप में लाभान्वित हुए हैं। भारत की ऋषि परंपरा की देन ‘सर्वे भवंतु सुखिना, सर्वे संतु निरामयाः’ अर्थात सभी के सुख और आरोग्यता की कामना की रही है।
प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र दिया था। यह केवल एक स्लोगन ही नहीं है, बल्कि भारत की जनता इसके अनुरूप जीवन यापन भी करे, इसके लिए सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ दिया गया। संकट के समय नेतृत्व का गुण पता चलता है। नेतृत्व वह नहीं होता, जो संकट आते ही पलायन कर ले। नेतृत्व वह होता है जो संकट आते ही डट कर मुकाबला करने के लिए अपने आप को तैयार कर सके, फिर अपनी जनता के उद्धार का मार्ग प्रशस्त कर सके। उस समय प्रधानमंत्री जी ने देखा कि बड़ी संख्या में प्रतिदिन कमाने वाले एक बड़े तबके, श्रमिक वर्ग, कामगार तथा हस्तशिल्पियों के रोजगार पर बुरा असर पड़ा है, तो उन्होंने इन तबकों को निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ दिया। 80 करोड़ लोग आज भी निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 12 करोड़ परिवारों के पास उनके शौचालय बन गए हैं। 10 करोड़ गरीबों के घर में उज्ज्वला योजना के रसोई गैस सिलेंडर भी पहुंच गए हैं। वर्ष 2014 के पहले अन्नदाता किसान आत्महत्या कर रहे थे। आज 12 करोड़ अन्नदाता किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त हो रहा है। 04 करोड़ से अधिक गरीबों को एक-एक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल गया है। यह एक समावेशी विकास है। बिना किसी भेदभाव के सभी को योजनाआें का लाभ दिया गया है। हमने चेहरा, जाति, क्षेत्र या भाषा नहीं देखी। हमारा भाव एक ही था, सबका साथ सबका विकास। भारत में विकास सभी का, सुरक्षा एवं सम्मान सभी को, लेकिन तुष्टिकरण की नीति पर चलकर नहीं, बल्कि गरीबी और लाचारी को ध्यान में रख कर हम योजनाओं का लाभ देंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन योजनाओं ने दुनिया में भारत की छवि को ईज ऑफ लिविंग के बेहतरीन प्रयास करने वाले देश के रूप में प्रस्तुत किया। इन 10 वर्षों में कोरोना जैसी महामारी के दौरान या दुश्मन देश द्वारा की जाने वाली किसी भी शरारत का जवाब देने का कार्य हो, प्रधानमंत्री जी ने अपने आपको एक निर्णायक शासक साबित किया। कोरोना आपदा के सामने दुनिया पस्त थी। तब भी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत खड़ा हो रहा था। उस समय प्रधानमंत्री जी ने फोर टी ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट और टीका का मंत्र दिया था। डोर-टू-डोर जाकर कोरोना महामारी के पेशेंट को ट्रेस किया गया। उसे बिना भेदभाव के उपचार की सुविधा दी गयी। लोगों का निःशुल्क टेस्ट किया गया। इसके लिए किसी से कोई पैसा नहीं लिया गया। अकेले भारत ने फोर टी निःशुल्क देशवासियों को उपलब्ध कराया और उनका जीवन सुरक्षित किया। जिन गरीबों का रोजगार छिन गया था, उनके लिए भी अलग से व्यवस्था थी। उनकी हर संभव मदद की गयी और उन्हें मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का काम किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अगर पाकिस्तान या किसी दुश्मन देश ने जुर्रत की, तो वर्ष 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने में भी प्रधानमंत्री जी कभी पीछे नहीं हटे। उन्होंने जाति, मत, मजहब, क्षेत्र और भाषा के आधार पर भारतीय समाज को नहीं बांटा। सिखों की आस्था से जुड़े हुए करतारपुर कॉरिडोर या गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों की स्मृति को ही बाल दिवस के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए, यह कार्य भी प्रधानमंत्री जी ने किया और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परंपरा को आगे बढ़ाया। योग भारत की ऋषि परंपरा का प्रसाद है। प्रधानमंत्री जी ने 21 जून की तिथि को विश्व योग दिवस के आयोजन से दुनिया के लगभग पौने 200 देशों को भारत की योग परंपरा से जोड़ दिया। प्रयागराज कुंभ-2019 के दिव्य और भव्य आयोजन से हमें जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रयास से इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी केवल एक सत्ता प्राप्त करने वाली पार्टी ना बने, यह भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप सामने आए, यह भी प्रधानमंत्री जी के विजनरी लीडरशिप में संभव हुआ। अगर कभी किसी आपदा या चुनौती से देश घिर गया, तो उस समय संगठन को एक ओर रखते हुए प्रधानमंत्री जी ने जनता जनार्दन की सेवा हेतु कार्य करने के लिए ‘सेवा ही संगठन है’ के मूल मंत्र को ध्यान में रखकर कार्य किया। कोरोना कालखंड में भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ता उनके आह्वान पर जनता जनार्दन की सेवा में लग गए थे। परिणाम था कि कोविड के सफलतापूर्वक प्रबंधन को आगे बढ़ाकर दुनिया के सामने भारत ने एक बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लिए त्रिपुरा और असम जैसे नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में अपनी पहुंच बनाना कठिन था। असम के प्रभारी के रूप में डॉ0 महेंद्र सिंह ने काम किया और भारतीय जनता पार्टी आज सफलतापूर्वक पिछले 10-12 वर्षों से असम में सरकार चला रही है। मणिपुर तथा अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी। नागालैंड में भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से सरकार चल रही है। यह वे क्षेत्र थे जहां पर भारतीय जनता पार्टी के बारे में और भारत के बारे में भी लोगों के मन में एक संशय होता था। उनमें अलगाव का भाव देखने को मिलता था।
कांग्रेस ने और वर्ष 2014 के पहले की सरकारों ने कभी जोड़ने और आत्मीयता का हो पैदा करने का प्रयास नहीं किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लुक ईस्ट पॉलिसी के तहत नॉर्थ ईस्ट को जिस भाव के साथ जोड़ा, आज परिणाम है कि नॉर्थ ईस्ट भारत के विकास की मुख्य धारा से जुड़ा है और उग्रवाद से मुक्त हुआ है। इसने भारत की एकता और अखण्डता को मजबूती प्रदान की है। आज नॉर्थ ईस्ट सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से भारत के साथ जुड़कर गौरव की अनुभूति करता है।
मख्यमंत्री जी ने कहा कि उड़ीसा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी प्रमुख विपक्षी दल है। भारतीय जनता पार्टी वहां मजबूती के साथ जनता की आवाज बनकर आगे बढ़ रही है। देश के बड़े क्षेत्र में आज भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकारें काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने यह कहा था कि हमारे लिए जीत छोटी हो या बड़ी, देश के हित के लिए भारतीय जनता पार्टी की जीत आवश्यक है। इस अभियान के साथ भारतीय जनता पार्टी लगातार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक समय द्विधुव्रीय विश्व व्यवस्था बन चुकी थी। धु्रव का नेतृत्व अमेरिका और दूसरे का सोवियत संघ (रूस) करता था। धीरे-धीरे करके व्यवस्था एक तरफा होती गई। आज वैश्विक व्यवस्था का धु्रवीकरण भारत के बगैर संभव नहीं है। भारत जो चाहेगा, वही होगा। भारत में जी-20 समिट का सफलतापूर्वक आयोजन सम्पन्न हुआ। जी-20 के दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश में आयोजित अनेक कार्यक्रमों में मुझे भी जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ। दुनिया के अलग-अलग महानुभाव ने भारत में जी-20 समिट के आयोजन की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जी-20 समिट दुनिया के 20 देशों का संगठन है, जिनका दुनिया के 86 फीसदी संसाधनों पर अधिकार है। इन देशों का दुनिया की 90 प्रतिशत जी0डी0पी0 पर भी अधिकार है। जो दुनिया के पावर सेंटर हैं। जी-20 समिट का भारत में सफलतापूर्वक संपन्न होना भारत की एक नई वैश्विक ताकत का एहसास कराता है। ब्रिक प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में ब्रिक्स हो गया। क्वॉड जैसे मंचों पर प्रधानमंत्री जी की उपस्थिति ने यह दिखाया है कि भारत के बगैर दुनिया का कोई भी धु्रवीकरण नहीं हो सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत की धमक देखने को मिल रही है। वहीं जनता-जनार्दन के साथ प्रधानमंत्री जी का उतना ही सशक्त कनेक्ट भी है। उनका कोई भी कार्यक्रम बिना जन सहभागिता के नहीं होता है। प्रधानमंत्री जी ने स्वच्छ भारत मिशन में एक-एक जनता-जनार्दन को एवं स्वच्छाग्रहियों तथा प्रत्येक तबके को जोड़ दिया। उनका हर कार्यक्रम देश के नाम होता है, लेकिन उसमें जनता-जनार्दन की सहभागिता हो, जनता उनके साथ अलग-अलग कार्यक्रमों से जुड़े, यह भी कार्यक्रम का हिस्सा है। मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री जी ने आम जन से जुड़ी हुई ज्वलंत समस्याओं को उठाया। उन्होंने पद्म पुरस्कार उस तबके को मिलना सुनिश्चित किया, जो अब तक इससे छूटे थे और जिन्होंने विशिष्ट किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि व्यक्तिगत जीवन में प्रधानमंत्री जी का जो अनुशासन रहा है, वह हम उनकी सादगी और उनके पूरे जीवन से देख सकते हैं। एक सामान्य नागरिक एवं सामान्य कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने शून्य से अपनी यात्रा प्रारंभ की। अपनी कर्मठता, विचार परिवार से मिले हुए अनुशासन तथा पारिवारिक संस्कारों के माध्यम से आगे बढ़ते हुए ‘हर काम देश के नाम’ के लक्ष्य को लेकर उन्होंने अपना जीवन आगे बढ़ाया। आज वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री के रूप में हम सभी का गौरव बढ़ा रहे हैं और हमारा नेतृत्व कर रहे हैं।
इस अवसर पर सांसद एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री श्री दिनेश शर्मा तथा विधान परिषद सदस्य श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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